Friday, November 15, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. कृषि कानून: किसानों-सरकार के बीच नहीं बनी बात, 9 दिसंबर को होगी अगली बैठक

कृषि कानून: किसानों-सरकार के बीच नहीं बनी बात, 9 दिसंबर को होगी अगली बैठक

नए कृषि कानूनों के मुद्दे पर 40 किसान संगठनों के प्रतिनिधियों और केंद्र सरकार के बीच विज्ञान भवन में पांचवें दौर की लगभग 5 घंटे चली बातचीत भी बेनतीजा रही। अब 9 दिसंबर को छठे दौर की बाचतीच दोपहर 12 बजे होगी।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: December 05, 2020 23:19 IST
कृषि कानून: किसानों-सरकार के बीच नहीं बनी बात, 9 दिसंबर को होगी अगली बैठक- India TV Hindi
Image Source : PTI कृषि कानून: किसानों-सरकार के बीच नहीं बनी बात, 9 दिसंबर को होगी अगली बैठक

नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों के मुद्दे पर 40 किसान संगठनों के प्रतिनिधियों और केंद्र सरकार के बीच विज्ञान भवन में पांचवें दौर की लगभग 5 घंटे चली बातचीत भी बेनतीजा रही। नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन 10वें दिन भी जारी है। 10 दिन से दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसान केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई के लिए कमर कस चुके हैं। हालांकि, सरकार ने कानूनों पर संशोधन करने के संकेत दिए हैं लेकिन किसान कानूनों की वापसी पर अड़े हुए हैं।

अब 9 दिसंबर को किसानों और केंद्र सरकार के बीच छठे दौर की बाचतीच दोपहर 12 बजे होगी। बैठक में शामिल सभी की सहमति के आधार पर यह फैसला लिया गया है। किसान कानूनों पर सरकार के साथ हुई बैठक के बाद किसान नेता ने कहा कि सरकार ने तीन दिन का समय मांगा है। 9 दिसंबर को सरकार हमें प्रपोज़ल भेजेगी, उस पर विचार करने के बाद बैठक होगी। 8 तारीख को भारत बंद ज़रूर होगा। ये कानून ज़रूर रद्द होंगे।

APMC राज्यों का मुद्दा है

किसान कानूनों पर किसान नेताओं के साथ हुई बैठक के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार एमएसपी पर शंका दूर करने को राजी है। तोमर ने कहा 'हमने कहा है कि MSP जारी रहेगी। MSP पर किसी भी प्रकार का खतरा और इस पर शंका करना बेबुनियाद है अगर फिर भी किसी के मन में शंका है तो सरकार उसका समाधान करने के लिए पूरी तरह तैयार है।' APMC राज्य का एक्ट है। राज्य की मंडी को किसी भी तरह से प्रभावित करने का न हमारा इरादा है और न ही कानूनी रूप से वो प्रभावित होती है। इसे और मज़बूत करने के लिए सरकार तैयार है। अगर इस बारे में किसी को कोई गलतफहमी है तो सरकार समाधान के लिए तैयार है। माना जा रहा है कि सरकार कानून में यह प्रावधान जोड़ सकती है कि किसानों के उत्पादों को न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे नहीं खरीदा जा सकेगा। हालांकि, किसान नेता अभी भी तीनों कानूनों को वापस लेने पर अड़े हैं। नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि बैठक में यह भी कहा और कहना चाहता हूं कि बुजुर्ग और बच्चे यदि घर जाए तो सुविधा से रह सकेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार किसानों के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और रहेगी।

किसानों के साथ पांचवें दौर की बैठक के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री ने आगे कहा कि हम लोग चाहते थे कि कुछ विषयों पर हमें स्पष्टता से सुझाव मिलें लेकिन बातचीत के दौर से ये संभव नहीं हो सका। कुछ सुझाव मिल जाते तो हमें रास्ता निकालना थोड़ा आसान हो जाता। अभी भी उसका इंतज़ार करेंगे। मेरा किसान यूनियन से आग्रह है कि सर्दी का सीज़न है कोविड का संकट है इसलिए जो बुज़ुर्ग लोग हैं और जो बच्चें हैं अगर उन्हें यूनियन के नेता घर भेज देंगे तो वे सुविधा से रह सकेंगे।

किसानों के 8 दिसंबर को प्रस्तावित भारत बंद पर केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि उनके अपने कार्यक्रम हैं मैं उनपर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता। मैं सभी यूनियनों, किसान नेताओं से कहना चाहता हूं कि आंदोलन का रास्ता छोड़ चर्चा के रास्ते पर आएं। भारत सरकार कई दौर की चर्चा कर चुकी है और समाधान के लिए आगे भी चर्चा करने को तैयार है। 

अगर सरकार चाहती है कि हम सड़क पर ही रहें, तो हमें कोई समस्या नहीं...

किसान प्रतिनिधियों का कहना है कि वह केवल हां और नहीं में जवाब चाहते हैं। किसान नेता केवल कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हैं। पंजाब, जालंधर से किसान दिल्ली में कृषि क़ानूनों के खिलाफ विरोध कर रहे किसानों के लिए खाने-पीने की चीजें ले जा रहे हैं। एक किसान प्रदर्शनकारी ने कहा,"कुछ लोग पहले से वहां गए हुए हैं, हम उनके लिए राशन ले जा रहे हैं। जब तक हमारी मांगे नहीं मानी जाएंगी तब तक संघर्ष जारी रहेगा।"

बैठक के दौरान किसान नेताओं ने मौन धारण कर लिया और तख्‍ती लेकर बैठ गए। सूत्रों से मिली खबर के मुताबिक, सरकार ने किसान नेताओं से साफ तौर पर कह दिया है कि नए कृषि कानूनों को पूरी तरह वापस नहीं लिया जा सकता। हालांकि, सरकार किसानों के सुझावों पर विचार करने, बातचीत करने और संशोधन करने को तैयार है। किसानों और सरकार के बीच बातचीत में केंद्र सरकार ने किसानों की कुछ मांगों पर विचार करने के संकेत दिए हैं।

बैठक के बाद भारतीय किसान यूनियन राकेश टिकैत ने कहा, 'सरकार एक मसौदा तैयार करेगी और हमें देगी। उन्होंने कहा कि वे राज्यों से भी सलाह लेंगे। MSP पर भी चर्चाएं हुईं लेकिन हमने कहा कि हमें कानूनों को भी अपनाना चाहिए और उनके रोल के बारे में बात करनी चाहिए। 8 दिसंबर को घोषणा के अनुसार भारत बंद होगा।'

हम कॉरपोरेट फार्मिंग नहीं चाहते हैं- किसान 

बता दें कि, कृषि कानूनों पर केंद्र सरकार के साथ पांचवें दौर की वार्ता में किसानों नेताओं ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि हमारे पास एक साल के लिए सामग्री है। हम पिछले कई दिनों से सड़क पर हैं। अगर सरकार चाहती है कि हम सड़क पर ही रहें, तो हमें कोई समस्या नहीं है। हम हिंसा का रास्ता नहीं अपनाएंगे। इंटेलिजेंस ब्यूरो आपको बताता रहेगा कि हम विरोध स्थल पर क्या कर रहे हैं? हम कॉरपोरेट फार्मिंग नहीं चाहते हैं। इस कानून से सरकार को फायदा होगा, किसानों को नहीं। 

सरकार ने बच्चों और बुजुर्गों से घर जाने की अपील की

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बैठक में उपस्थित किसान नेताओं से अनुरोध करते हुए कहा कि मैं आप सभी के माध्यम से धरना स्थलों पर मौजूद वरिष्ठ नागरिकों और बच्चों से घर जाने की अपील करता हूं। बता दें कि, सरकार और प्रदर्शनकारी किसान संगठनों के बीच बातचीत यहां विज्ञान भवन में शनिवार अपराह्न करीब 2.30 बजे शुरू हुई। तोमर समेत तीन केंद्रीय मंत्री इस समय किसान नेताओं के साथ बातचीत में शामिल रहे। रेल, वाणिज्य और खाद्य मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य राज्य मंत्री सोम प्रकाश भी बैठक में मौजूद रहे। सोम प्रकाश पंजाब से सांसद हैं।

ट्विटर पर चीजों को घुमाया जाता है, मुद्दों को ना भटकाया जाए- दिलजीत दोसांझ

किसानों के समर्थन में दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर पहुंचे पंजाबी अभिनेता दिलजीत दोसांझ ने कहा कि ट्विटर पर चीजों को घुमाया जाता है, मुद्दों को ना भटकाया जाए। मैं हाथ जोड़कर विनती करता हूं, सरकार से भी गुजारिश है कि सरकार हमारे किसान भाइयों की मांगों को मान ले। यहां सब शांतिपूर्ण तरीके से बैठे हैं कोई खून-खराबा नहीं हो रहा है। पूरा देश किसानों के साथ है।

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement