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Farmers Protest Updates: 2 संगठनों ने आंदोलन खत्म करने का किया ऐलान, कही ये बड़ी बात

दिल्ली-नोएडा से सटे चिल्ला बार्डर पर नए कृषि कानूनों को लेकर जारी किसानों का विरोध-प्रदर्शन खत्म हो चुका है। गणतंत्र दिवस पर हिंसा के बाद भारतीय किसान यूनियन (भानू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानू प्रताप सिंह ने ये फैसला लिया है।

Reported by: Lakshya Rana @LakshyaRana6
Updated on: January 27, 2021 17:23 IST
Kisan Andolan Farmers Protest end at chilla border after Republic Day violence latest news- India TV Hindi
Image Source : PTI Kisan Andolan Farmers Protest end at chilla border after Republic Day violence latest news

नई दिल्ली। दिल्ली-नोएडा से सटे चिल्ला बार्डर पर नए कृषि कानूनों को लेकर जारी किसानों का विरोध-प्रदर्शन खत्म हो चुका है। 26 जनवरी (गणतंत्र दिवस) पर हिंसा के बाद भारतीय किसान यूनियन (भानू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर भानु प्रताप सिंह ने कहा कि अभी आंदोलन खत्म किया जा रहा है लेकिन कृषि कानूनों का विरोध आगे जारी रहेगा। भारतीय किसान यूनियन (भानु) के अध्यक्ष ठाकुर भानु प्रताप सिंह ने कहा कि मैं कल (26 जनवरी) की घटना से इतना दुखी हूं कि इस समय मैं चिल्ला बॉर्डर से घोषणा करता हूं कि पिछले 58 दिनों से भारतीय किसान यूनियन (भानु) का जो धरना चल रहा था उसे खत्म करता हूं। 

राकेश टिकैत लें जिम्मेदारी- वीएम सिंह

वहीं शाम करीब साढ़े चार बजे राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन ने भी खुद को किसान आंदोलन से अलग कर लिया। राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के नेता वीएम सिंह ने बुधवार को कहा कि हम अपना आंदोलन यहीं वापस ले रहे हैं। हमारा संगठन इस हिंसा में शामिल नहीं है। वीएम सिंह ने आगे कहा कि दिल्ली में जो हंगामा और हिंसा हुई, उसकी जिम्मेदारी भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत को लेनी चाहिए।

एक और संगठन खत्म कर सकता है आंदोलन

गाजीपुर बॉर्डर से किसान मजदूर संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीएम सिंह ने बुधवार को कहा कि सरकार की भी गलती है जब कोई 11 बजे की जगह 8 बजे निकल रहा है तो सरकार क्या कर रही थी। जब सरकार को पता था कि लाल किले पर झंडा फहराने वाले को कुछ संगठनों ने करोड़ों रुपये देने की बात की थी। हिन्दुस्तान का झंडा, गरिमा, मर्यादा सबकी है। उस मर्यादा को अगर भंग किया है, भंग करने वाले गलत हैं और जिन्होंने भंग करने दिया वो भी गलत हैं... ITO में एक साथी शहीद भी हो गया। जो लेकर गया या जिसने उकसाया उसके खिलाफ पूरी कार्रवाई होनी चाहिए। बताया जा रहा है कि बीते करीब दो महीने से नोएडा के दलित प्रेरणा स्थल पर डटे भारतीय किसान यूनियन (लोकशक्ति) की किसान आंदोलन खत्म करने को लेकर बड़ा फैसला ले सकती है। आंदोलन स्थल पर गिने-चुने लोग ही बैठे हैं। भारतीय किसान यूनियन (लोकशक्ति) की नोएडा प्रशासन से बातचीत जारी है।

किसान आंदोलन पर उठ रहे सवाल

गणतंत्र दिवस पर हिंसा के बाद से किसानों के आंदोलन को लेकर तरह-तरह के सवाल उठ रहे हैं। दिल्ली पुलिस ने गणतंत्र दिवस पर दिल्ली के विभिन्न स्थानों पर दंगा करने वाले 200 लोगों को हिरासत में ले लिया है। इसके अलावा पुलिस ने 22 एफआईआर दर्ज की हैं। गणतंत्र दिवस पर देश की राजधानी में हुई हिंसा के बाद दिल्ली पुलिस अब हुड़दंगियो की पहचान में जुट गई है। 

दिल्ली पुलिस ने किसान नेताओं के खिलाफ दर्ज की FIR

दिल्ली पुलिस की 26 जनवरी (गणतंत्र दिवस) को राजधानी दिल्ली में ट्रैक्टर रैली के दौरान हिंसा के खिलाफ दर्ज एफआईआर में कई किसान नेताओं का नाम शामिल है। इनमें किसान नेता दर्शन पाल, राजिंदर सिंह, बलबीर सिंह राजेवाल, बूटा सिंह बुर्जगिल और जोगिंदर सिंह उग्रा के नाम शामिल हैं। एफआईआर में बीकेयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत का भी नाम शामिल है। बता दें कि, राकेश टिकैत का एक वीडियो 'लाठी लेकर आना..' सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है। 

केंद्रीय पर्यटन मंत्री ने रिपोर्ट तलब की

वहीं केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री प्रहलाद पटेल ने बुधवार (27 जनवरी) को लालकिले का दौरा कर ऐतिहासिक इमारत में किसानों के एक समूह द्वारा जबरन यहां घुसने और झंडा लहराने से हुए नुकसान का जायजा लिया। मंत्री ने घटना की रिपोर्ट भी तलब की है। प्रहलाद पटेल ने कहा कि 'मैंने आज संस्कृति मंत्रालय और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के उच्च अधिकारियों के साथ लाल किले का भ्रमण किया। मैंने 2 निर्देश दिए है-तत्काल रिपोर्ट बनाई जाए और उसे गृह मंत्रालय को सौंपी जाए तथा तत्काल FIR दर्ज की जाए। रिपोर्ट आने के बाद बाकी चीज़े स्पष्ट हो सकेंगी। 

संयुक्त किसान मोर्चा ने किसान मजदूर संघर्ष समिति पर साजिश का आरोप लगाया

वहीं बुधवार (27 जनवरी) को दिल्ली पुलिस की एक टीम जांच करने के लिए लाल किले पर पहुंची है। वहीं गणतंत्र दिवस पर हिंसा मामले में संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने किसान मजदूर संघर्ष समिति पर साजिश का आरोप लगाया है। एसकेएम ने कहा, दीप सिद्धू जैसे असामाजिक तत्वों और KMSS ने साजिश के तहत किसान आंदोलन को खत्म करने की कोशिश की। 

हिंसा में कई पुलिसकर्मी हुए थे घायल

दिल्ली के LNJP अस्पताल के डॉक्टर सुरेश कुमार ने बताया कि कल 22 लोग हमारे अस्पताल में भर्ती हुए। जिसमें 12 पुलिसकर्मी थे, 2 लोग गंभीर रूप से घायल हैं बाकि प्राथमिक उपचार के बाद डिस्चार्ज किए गए। ट्रॉमा सेंटर में 62 पुलिसकर्मी और 2 प्रदर्शनकारी भर्ती थे। ज़्यादातर डिस्चार्ज हो गए, 2 पुलिसकर्मी अभी भी भर्ती हैं। 

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