करनाल. एक तरफ दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन लगातार जारी है वहीं दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी किसान कानूनों के समर्थक किसानों के साथ लगातार बैठकें कर रही हैं। हरियाणा के करनाल में आज रविवार को किसानों की पंचायत बुलाई गई थी। इस कार्यक्रम में सूबे के सीएम मनोहर लाल खट्टर शिरकत कर रहे हैं। इस पंचायत के खिलाफ के दौरान प्रदर्शनकारी किसानों ने जमकर हंगामा किया।
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पढ़ें- बर्फबारी के बीच भारतीय रेलवे, वीडियो में देखिए बेहद सुंदर नजाराकाले झंडे लेकर एकत्र हुए प्रदर्शनकारियों ने पुलिस द्वारा रोकने के लिए लगाई गई बैरिकेडिंग तोड़ दी, जिसके बाद पुलिस को उन्हें रोकने के लिए न सिर्फ आंसू गैस के गोले दागने पड़े बल्कि वाटर कैनन का इस्तेमाल करना पड़ा। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की किसान पंचायत का विरोध कर रहे किसानों में से एक राजिंदर आर्य का कहना है कि खट्टर यहां पंचायत करके हमारे जले पर नमक छिड़क रहे हैं। हम इसका पुरजोर विरोध करेंगे। जब हमारी वार्ता केंद्र के साथ चल रही है तो खट्टर यहां किसलिए किसानों कि पंचायत कर रहे हैं।
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तारीख पर तारीख, सरकार की चाल: बलराज कुंडू
किसान आंदोलन को समर्थन देने के लिए हरियाणा विधानसभा में महम से विधायक बलराज कुंडू शनिवार को भिवानी के कितलाना टोल पर चल रहे धरने में शामिल हुए। इस मौके पर किसानों को सम्बोधित करते हुए बलराज कुंडू ने कहा कि बातचीत के लिए तारीख पर तारीख का ढोंग करके केंद्र सरकार हम किसानों को थका देना चाहती है।
उन्होंने कहा कि सरकार सोचती है कि वह बातचीत को लंबी खींचकर किसानों को थका देगी और किसान धीरे-धीरे वापस लौटने लगेंगे, लेकिन सरकार को यह मुगालता त्याग देना चाहिए क्योंकि यह लड़ाई कोई कुर्सी या सत्ता के लिए नहीं बल्कि किसान के पेट और बच्चों के भविष्य के लिए है।
कुंडू ने कहा कि बिना तीनों कृषि कानूनों को रद्द किए और अपनी मांगें मनवाए हम एक इंच भी पीछे कदम नहीं हटेंगे। उन्होंने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा इस बात को पूरी तरह से साफ कर चुका है कि हम या तो मरेंगे या फिर जीतेंगे। अपने सम्बोधन में कुंडू ने किसान एकता पर भी जोर दिया और कहा कि जो नेता किसानों के संघर्ष में साथ आकर खड़ा ना हो उन नेताओं को सबक सिखाने का वक्त आ गया है।