Monday, December 23, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. Kisan Andolan: किसानों-सरकार के बीच बैठक बेनतीजा खत्म, कृषि मंत्री बोले- सरकार ने सबसे बेहतर प्रस्ताव दे दिया है

Kisan Andolan: किसानों-सरकार के बीच बैठक बेनतीजा खत्म, कृषि मंत्री बोले- सरकार ने सबसे बेहतर प्रस्ताव दे दिया है

नए कृषि कानूनों को लेकर जारी गतिरोध के बीच किसानों-सरकार के बीच विज्ञान भवन में चल रही 11वें दौर की बैठक भी बेनतीजा खत्म हो गई है। कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार ने सबसे बेहतर प्रस्ताव दे दिया है। वहीं अगली बैठक की कोई तारीख तय नहीं की गई है।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated : January 22, 2021 17:31 IST
Kisan Andolan: बैठक में नहीं...
Image Source : PTI Kisan Andolan: बैठक में नहीं बनती दिख रही बात, किसानों ने फिर जिद ठानी..

नई दिल्ली. नए कृषि कानूनों को लेकर जारी गतिरोध के बीच किसानों-सरकार के बीच विज्ञान भवन में चल रही 11वें दौर की बैठक भी बेनतीजा खत्म हो गई है। कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार ने सबसे बेहतर प्रस्ताव दे दिया है। वहीं अगली बैठक की कोई तारीख तय नहीं की गई है। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि नए कृषि कानूनों में कोई कमी नहीं है अब किसान विचार करके बताएं। किसानों का सम्मान करते हैं इसलिए कानून स्थगित करने पर तैयार हुए।  

जानिए बैठक के बाद किसान नेताओं ने क्या कहा?

सरकार के साथ 11वें दौर की वार्ता के बाद किसान नेता ने कहा कि सरकार द्वारा जो प्रस्ताव दिया गया था वो हमने स्वीकार नहीं किया। कृषि क़ानूनों को वापस लेने की बात को सरकार ने स्वीकार नहीं की। अगली बैठक के लिए अभी कोई तारीख तय नहीं हुई है। सरकार के साथ 11वें दौर की वार्ता के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार की तरफ से कहा गया कि 1.5 साल की जगह 2 साल तक कृषि क़ानूनों को स्थगित करके चर्चा की जा सकती है। उन्होंने कहा अगर इस प्रस्ताव पर किसान तैयार हैं तो कल फिर से बात की जा सकती है, कोई अन्य प्रस्ताव सरकार ने नहीं दिया।

अगली बैठक के लिए कोई तारीख तय नहीं की गई

बैठक के बाद किसान नेताओं ने कहा कि बैठक बेशक लगभग पांच घंटे तक चली हो, लेकिन दोनों पक्ष 30 मिनट से कम समय तक आमने-सामने बैठे। अगली बैठक के लिए कोई तारीख तय नहीं की गई, सरकार ने यूनियनों को दिये गये सभी संभावित विकल्पों के बारे में बताया, उनसे कहा कि उन्हें कानूनों को स्थगित करने के प्रस्ताव पर अंदरूनी चर्चा करनी चाहिए।

सूत्रों के मुताबिक, बैठक के दौरान सरकार और किसानों के बीच टकराव की स्थिति बन गई थी। किसान फिर कृषि मंत्री के सामने तीनों कृषि कानून रद्द करने की मांग पर अड़ गए हैं। मीटिंग में किसानों ने बिल्कुल साफ कह दिया है- जब तक सरकार कृषि कानून वापस नहीं लेगी, तब तक आंदोलन ख़त्म नहीं होने वाला है। हालांकि नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों से अपील की है कि वो सरकार के प्रस्ताव पर दोबारा विचार करें। बता दें कि केंद्र सरकार ने किसानों को डेढ़ साल तक किसान कानून टालने का प्रस्ताव दिया था जिसे किसान पहले से ठुकरा चुके हैं।

इससे पहले गुरुवार को किसान संगठनों ने तीन कृषि कानूनों के क्रियान्वयन को डेढ़ साल तक स्थगित रखने और समाधान का रास्ता निकालने के लिए एक समिति के गठन संबंधी केन्द्र सरकार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया। संयुक्त किसान मोर्चा के तत्वावधान में किसान नेताओं ने सरकार के इस प्रस्ताव पर सिंघू बॉर्डर पर एक मैराथन बैठक में यह फैसला लिया। इसी मोर्चा के बैनर तले कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर किसान संगठन पिछले लगभग दो महीने से आंदोलन कर रहे हैं।

पढ़ें- Kisan Andolan: सोनिया गांधी का बड़ा हमला, बोलीं- सरकार ने असंवेदनशीलता और अहंकार दिखाया

पढ़ें- कश्मीर, हिमाचल, उत्तराखंड में बर्फबारी का अनुमान, मैदान में चार डिग्री तक गिर सकता है पारा, IMD ने जताया अनुमान

इस बीच, उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित समिति ने वार्ता शुरू कर दी और इस कड़ी में उसने आठ राज्यों के 10 किसान संगठनों से संवाद किया। उच्चतम अदालत ने 11 जनवरी को तीन कृषि कानूनों के अमल पर अगले आदेश तक रोक लगा दी थी और गतिरोध को दूर करने के मकसद से चार-सदस्यीय एक समिति का गठन किया था। फिलहाल, इस समिति मे तीन ही सदस्य हैं क्योंकि भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष भूपिंदर सिंह मान ने खुद को इस समिति से अलग कर लिया था।

पढ़ें- कब होंगे यूपी बोर्ड के प्रैक्टिकल एग्जाम? ये रही पूरी जानकारी
पढ़ें- जब नोएडा पुलिस को मिली अस्पताल के बाहर बम रखे होने की सूचना, मच गया हड़कंप

समिति ने एक बयान में कहा कि बृहस्पतिवार को विभिन्न किसान संगठनों और संस्थाओं से वीडियो कांफ्रेस के माध्यम से संवाद किया गया। इसमें कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, तेलंगाना, तमिलनाडु, और उत्तर प्रदेश के 10 किसान संगठन शामिल हुए। इससे पहले इन कानूनों के खिलाफ गणतंत्र दिवस पर किसानों की ओर से प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली के संदर्भ में दिल्ली पुलिस और किसान संगठनों के बीच दूसरे चरण की बातचीत हुई जो बेनतीजा रही। किसान नेता अपने इस रुख पर कायम रहे कि 26 जनवरी को राष्ट्रीय राजधानी के व्यस्त बाहरी रिंग रोड पर ही यह रैली निकाली जाएगी।

पढ़ें- उत्तर रेलवे ने दी सौगात, इन रूट पर चलेंगी नई स्पेशल ट्रेनें, यहां है पूरी जानकारी
पढ़ें- भारत-अमेरिका संबंधों पर बायडेन सरकार की तरफ से की कही गई अहम बात

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement