Friday, November 22, 2024
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सरकार के साथ बातचीत को तैयार, लेकिन पहले कृषि कानूनों को निरस्त करने पर बात होगी: किसान नेता

हरियाणा के एक किसान प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार को कृषि भवन में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात की।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: December 12, 2020 22:37 IST
Farmers Protest- India TV Hindi
Image Source : PTI Farmers Protest

नई दिल्ली। किसान नेताओं ने रविवार को अपनी मांगों पर कायम रहते हुए कहा कि वे सरकार से वार्ता को तैयार हैं लेकिन पहले तीन नये कृषि कानूनों को निरस्त करने पर बातचीत होगी। किसानों ने घोषणा की कि उनकी यूनियनों के प्रतिनिधि 14 दिसंबर को देशव्यापी प्रदर्शन के दौरान भूख हड़ताल पर बैठेंगे। सिंघू बॉर्डर पर संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए किसान नेता कंवलप्रीत सिंह पन्नू ने कहा कि रविवार को हजारों किसान राजस्थान के शाहजहांपुर से जयपुर-दिल्ली राजमार्ग के रास्ते सुबह 11 बजे अपने ट्रैक्टरों से ‘दिल्ली चलो’ मार्च शुरू करेंगे। शाहजहांपुर और दिल्ली-गुड़गांव सीमा के बीच दूरी करीब 94 किलोमीटर है।

हरियाणा के एक किसान प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार को कृषि भवन में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात की। किसानों के साथ मुलाकात के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, “हरियाणा के प्रगतिशील किसान नेताओं ने मुझसे मुलाकात की और उनके हस्ताक्षर के साथ तीन कृषि कानूनों का समर्थन करते हुए एक ज्ञापन सौंपा। उन्होंने अपने अनुभवों को भी साझा किया कि ये कानून उन्हें कैसे लाभ पहुंचा रहे हैं।” कृषि भवन में अनेक किसानों व संगठन-प्रतिनिधियों ने केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मिलकर उन्हें कृषि सुधारों के लिए धन्यवाद दिया और नए कृषि कानून निरस्त नहीं करने की मांग की। बता दें कि, कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर किसानों का 17 दिन से आंदोलन जारी है। 

भारत सरकार के द्वार 24 घंटे किसानों के लिए खुले हैं- पीयूष गोयल

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत सरकार के द्वार 24 घंटे किसानों के लिए खुले हैं। मैं समझता हूं कि अगर ये किसान आंदोलन माओवादी और नक्सल ताकतों से मुक्त हो जाए, तो हमारे किसान भाई-बहन जरूर समझेंगे कि ये कानून उनके और देशहित के लिए हैं। सबका विश्वास रहता है कि हमारे लीडर हमारा ध्यान रखेंगे पर शायद यहां ऐसे लीडर हैं ही नहीं। ऐसा डर का माहौल इन नक्सल लोगों ने बना दिया है कि जो किसान नेता असल मुद्दों की बात करना भी चाहते हैं तो किसी में हिम्मत ही नहीं बन पा रही है क्योंकि ये डरा देते हैं। मैं समझता हूं कि विपक्ष के 18 दलों ने मिलकर कोशिश कर ली पर भारत नहीं बंद हुआ। भारत चलेगा, भारत और तेज़ चलेगा, दौड़ेगा। ये विश्वास आज देश में है।

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि देशभर में किसान खुश हैं उन्हें दिख रहा है कि नया निवेश आएगा, इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित होगा, रोज़गार के नए अवसर बनेंगे। इन सब अवसरों से माओवादी ताक़तें किसानों को वंचित रखना चाहती हैं। मैं सभी पॉलिटिकल पार्टियों से डिमांड करता हूं कि उन्हें किसानों को भ्रमित कर उनके कंधों पर एक आंदोलन के रास्ते को प्रोपागेट करने की बजाय इन माओवादी-नक्सल ताक़तों से देश को भली भांति अवगत करवाना चाहिए।

माओवादी और नक्सल किसानों को चर्चा से रोक रहे

पीयूष गोयल ने आगे कहा कि एक किसान के कुछ नेताओं ने इस आंदोलन को हाइजैक कर लिया है। नक्सल-माओवादी ताक़तें जो वहां हावी हो गई हैं...ऐसे में किसानों को समझना पड़ेगा कि ये आंदोलन उनके हाथ से निकल कर इन माओवादी और नक्सल लोगों के हाथ में चला गया है। हमने उनकी पुरानी बातों में से निचोड़ निकालकर जो उनके संदेह नज़र आए उस पर एक बहुत अच्छा प्रपोजल दिया लेकिन उस पर भी कोई चर्चा करने को तैयार नहीं है। बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है कि माओवादी और नक्सल उन्हें चर्चा से रोक रहे हैं। 

किसानों ने अनशन की दी चेतावनी

कृषि कानूनों को लेकर किसान संगठनों के तेवर ढीले होते नहीं दिखाई दे रहे हैं। किसानों का कहना है कृषि कानूनों में संशोधनों से काम नहीं चलने वाला है सरकार को कृषि कानून समग्र रूप से वापस लेना होगा। दिल्ली की सीमा पर डटे किसानों ने आंदोलन को और तेज करने का फैसला किया है। किसान नेता गुरनाम सिंह चरूनी ने कहा कि किसानों की ट्राली को पंजाब से दिल्ली आने पर रोका जा रहा है। वो सरकार से अपील कर रहे हैं कि किसानों की ट्राली को दिल्ली आने दिया जाए। अगर सरकार 19 दिसंबर से पहले हमारी मांगों को नहीं मानती है, तो हम उसी दिन गुरु तेग बहादुर के शहीदी दिवस से भूख हड़ताल शुरू करेंगे। 

रविवार को जयपुर-दिल्ली मुख्य मार्ग अवरुद्ध कर ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे किसान

हर दिन की तरह ही शनिवार को भी सिंघु बॉर्डर पर किसान संगठनों की संयुक्त बैठक हुई, जिसके बाद संगठन के नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कहा कि आज की मीटिंग में आंदोलन को तेज करने का फैसला लिया गया है। संयुक्त किसान आंदोलन के नेता कमल प्रीत सिंह पन्नू ने कहा कि हजारों किसान रविवार सुबह 11 बजे राजस्थान के शाहजहाँपुर से ट्रैक्टर मार्च शुरू करेंगे और जयपुर-दिल्ली मुख्य मार्ग को अवरुद्ध करेंगे। हमारे देशव्यापी आह्वान के बाद, हरियाणा के सभी टोल प्लाजा आज मुक्त हैं। सभी किसान संगठनों के प्रतिनिधि और अध्यक्ष स्टेज पर 14 तारीख को अनशन पर बैठेंगे। हम अपनी माताओं और बहनों से इस आंदोलन में शामिल होने का आह्वान करते हैं। उनके रहने, ठहरने और टॉयलेट का प्रबंध करने के बाद हम उन्हें इस आंदोलन में शामिल करेंगे।

हमारा आंदोलन फेल करना चाहती है सरकार 

शनिवार को केंद्र की मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए संयुक्त किसान आंदोलन के किसान नेता कमल प्रीत सिंह पन्नू ने कहा कि केंद्र हमारे आंदोलन को विफल करना चाहती है, लेकिन हम इसे शांतिपूर्वक तरीके से जारी रखेंगे। हम चाहते हैं कि सरकार 3 फार्म बिल वापस ले, हम संशोधन के पक्ष में नहीं हैं।

मैं होता तो बिल फाड़ देता...

कोटपुतली, राजस्थान से राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के हनुमान बेनीवाल ने कहा कि किसान विरोधी 3 बिल जिस दिन लोकसभा में आए अगर मैं उस दिन लोकसभा में होता तो निश्चित रूप से जिस तरह से अकाली दल ने विरोध किया हनुमान बेनीवाल NDA का पार्ट होते हुए भी इन बिलों का विरोध करता और लोकसभा के अंदर बिलों को फाड़कर फेंक देता। हम कांग्रेस या अन्य दलों के राजनीतिक शिकार नहीं होना चाहते इसलिए हनुमान बेनीवाल यह प्रण लेता है कि बिना किसी लोभ-लालच के किसानों के लिए अगर मुझे संसद की सदस्यता से इस्तीफा भी देना पड़ृा तो वह भी दूंगा।

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