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किसान आंदोलन से NHAI के सामने बड़ी चुनौतियां, कई प्रोजेक्ट पड़े हैं अधूरे

इस पूरे मसले पर नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के एक अधिकारी ने IANS से कहा, "किसान आंदोलन की वजह से हाईवे के प्रोजेक्ट्स भी रुके हुए हैं, वहीं कुछ साइन बोर्डस और कैमरे लगाने बाकी हैं, वहीं कुछ न्यू एडवांस टेक्नोलॉजी लगानी थी, ये सब काम रुके पड़े हैं।"

Written by: IANS
Published : March 03, 2021 6:41 IST
Kisan Andolan creates problem for NHAI construction of Highways किसान आंदोलन से NHAI के सामने बड़ी च
Image Source : PTI किसान आंदोलन से NHAI के सामने बड़ी चुनौतियां, कई प्रोजेक्ट पड़े हैं अधूरे

नई दिल्ली. कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के गाजीपुर बॉर्डर के पास NH-24 पर विरोध प्रदर्शन के 100 दिन पूरे होने वाले हैं, ऐसे में नेशनल हाईवे ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के लिए यह आंदोलन अब परेशानी का सबब बनता जा रहा है। अधिकारियों के अनुसार, कई प्रोजेक्ट रुके पड़े हैं, जिनको पूरा करने का प्रयास जारी है, वहीं नेशनल हाईवे के रखरखाव पर भी असर पड़ रहा है। दरअसल, किसानों ने नेशनल हाईवे पर अपने तंबू लगा रखे हैं। ऐसे में यहां कूड़ा-कचरा भी जमा होता है। इस वजह से हाईवे पर काफी गंदगी भी रहती है। हालांकि किसान सफाई करते हैं, लेकिन सड़कों पर लंगर बनने की वजह से तेल जैसा पदार्थ सड़कों पर चिपक रहा है।

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किसानों द्वारा नेशनल हाईवे पर डेरा डालने की वजह से हाइवे अथॉरिटी के कर्मचारी विजिट भी नहीं कर पाते हैं। इस पूरे मसले पर नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के एक अधिकारी ने IANS से कहा, "किसान आंदोलन की वजह से हाईवे के प्रोजेक्ट्स भी रुके हुए हैं, वहीं कुछ साइन बोर्डस और कैमरे लगाने बाकी हैं, वहीं कुछ न्यू एडवांस टेक्नोलॉजी लगानी थी, ये सब काम रुके पड़े हैं।"

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अधिकारी के मुताबिक, "हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती है कि मार्ग खुलेने के बाद ही पता लग सकेगा कि क्या-क्या समस्या हुई है, क्योंकि खुलते ही पब्लिक दौड़ना शुरू करेगी। उसको तुरंत ठीक करना चुनौतीपूर्ण होगा।" अधिकारियों ने कहा, "अभी तो हमारी कर्मचारियों की एंट्री नहीं है, हर चीज किसान संदिग्ध नजरों से देखते हैं, इसलिए हम उधर जा नहीं पा रहे हैं। बाहर से कुछ मैटीरियल आना है, राजस्थान और पंजाब से आने हैं, लेकिन रास्ते बंद हैं। इस वजह से ट्रांसपोर्टेशन भी बढ़ गई है।"

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उन्होंने कहा कि हाईवे पर निर्माण के अलावा हर दिन की मेंटेनेंस एक्टिविटी होती है। इसके अलावा स्ट्रक्चर भी जांचने होते हैं कि कहीं कोई समस्या तो नहीं हो रही है। हाईवे पर निर्माण के हिसाब से ऊपर के साथ-साथ नीचे भी समस्याओं को देखना होता है। अधिकारियों ने कहा कि हाईवे पर ही कूड़ा और गंदगी फैलाई जा रही है। इसके अलावा राहगीरों को समस्या हो रही है, जो सबसे बड़ी समस्या है।

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हालांकि इससे पहले भी हाईवे की बिजली इस्तेमाल किए जाने पर भी अधिकारियों ने चिंता व्यक्त की थी, उसको लेकर उन्होंने बताया, "ये पहले की तरह ही चल रहा है, इसमें अभी तक कोई बदलाव नहीं आया है।" एक अधिकारी के अनुसार, एक स्टेट सपोर्ट एग्रीमेंट होता है जो राज्य सरकार के साथ किया जाता है। इसमें किसी भी लॉ एंड आर्डर सिचुएशन में उन्हें सपोर्ट करना है। इसके अलावा जिला प्रशासन के संज्ञान में सारी समस्याएं रखी जा चुकी हैं।

उन्होंने कहा, "यदि सड़क खराब होती है तो राज्य सरकार को उसका भुगतान करना पड़ता है। इसको लेकर भी हम कुछ समय के अंतराल पर सरकार को जानकारी दे रहे हैं। इसके अलावा लोगों की शिकायतें आ रही हैं कि हाईवे बंद होने से उन्हें परेशानी हो रही है। हम यह जानकारी भी सरकार को देते रहे हैं।" किसान यहां तीन नए खेती कानूनों के खिलाफ पिछले साल 26 नवंबर से ही गाजीपुर बॉर्डर सहित राष्ट्रीय राजधानी की विभिन्न सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

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