नई दिल्ली: पूर्वोत्तर में बाढ़ की हालत गंभीर हो गई है। केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने बाढ़ से जूझ रहे पूर्वोत्तर राज्यों के प्रभावित जिलों का गुरुवार को दौरा किया और हालात का जायजा लिया। रिजिजू बाढ़ से जूझ रहे पूर्वोत्तर राज्यों में बचाव व राहत कार्यो की निगरानी के लिए एक उच्च स्तरीय केंद्रीय दल का नेतृत्व कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री रिजिजू से कहा है कि वह राहत व बचाव कार्यो का व्यक्तिगत तौर पर जायजा लें और प्रभावित राज्यों को हर संभव मदद प्रदान करें। उच्च स्तरीय केंद्रीय दल में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, नीति आयोग तथा राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल के सदस्य शामिल हैं। यह दल गुरुवार से रविवार तक अरुणाचल प्रदेश, असम तथा मणिपुर का दौरा करेगा।
असम के लखीमपुर में रिजिजू ने विनाशकारी बाढ़ के कारण हुई क्षति तथा प्रशासन द्वारा किए जा रहे राहत उपायों की समीक्षा को लेकर राज्य के मंत्रियों व अधिकारियों के साथ बैठक की। एक आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक, "जिला प्रशासन ने कहा है कि अरुणाचल प्रदेश के यजुली के निपको बांध से भारी मात्रा में छोड़े गए पानी के कारण लखीमपुर में बाढ़ के हालात पैदा हुए।" रिजिजू ने कहा कि निपको के प्रभारी को निर्देश दिया जाएगा कि वह बांध से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने का मुद्दा तथा इसके परिणामस्वरूप लखीमपुर में नदी के आसपास के इलाकों में बाढ़ के मुद्दे के समाधान के लिए लखीमपुर के उपायुक्त से बातचीत करें।
बाद में, उन्होंने धीमाजी जिले में बाढ़ के हालात का जायजा लिया और कहा कि केंद्र सरकार पूर्वोत्तर राज्यों में बाढ़ को लेकर बेहद चिंतित है और बाढ़ के प्रकोप से निपटने के लिए केंद्र द्वारा हर संभव मदद का राज्य को आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि पर्याप्त आपात कोष राज्य सरकार को पहले ही जारी किया जा चुका है तथा एसडीआरएफ कोष में 500 करोड़ रुपये उपलब्ध हैं। रिजिजू ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण भी किया।