तलवंडी साबो (बठिंडा)। केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने के कुछ दिन बाद बठिंडा की सांसद हरसिमरत कौर बादल ने गुरुवार (24 सितंबर) को कहा कि उन्होंने इसलिए त्यागपत्र दे दिया क्योंकि संसद में कृषि विधेयक लाए जाने के फैसले बाद उन्हें पद पर रहना 'शर्मनाक' लगा। पूर्व केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री ने दावा किया कि मसौदा कानून को जब उनके मंत्रालय के साथ साझा किया गया तो उन्होंने प्रतिकूल टिप्पणी की थी। शिरोमणि अकाली दल की नेता ने कहा, 'मैंने यह भी आग्रह किया था कि किसानों के साथ चर्चा पूरी होने तक विधेयकों को प्रवर समिति के पास भेजा दिया जाए। हालांकि, जब मुझे पता चला कि संसद में काला कानून पेश किया जा रहा है, तो मैंने त्यागपत्र देने का फैसला कर लिया।'
पार्टी के एक बयान के मुताबिक, 'मुझे अपने पद पर बने रहना शर्मनाक लगा, इसलिए तुरंत इसे छोड़ दिया और किसानों के साथ खड़ा होने का फैसला किया।' पूर्व केंद्रीय मंत्री ने दावा किया कि उन्होंने सरकार से कहा था कि विधेयक लाने से पहले किसानों को विश्वास में लेना चाहिए। उन्होंने दावा किया, ‘‘मैं पिछले दो-ढाई महीने से लगातार प्रयास कर रही थी। हरसिमरत ने कहा कि जब उनके आग्रह पर ध्यान नहीं दिया गया तो शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने संसद में इन विधेयकों का विरोध करने का फैसला किया। हरसिमरत ने कहा कि वह इस्तीफा दे चुकी हैं अब वह विधेयकों के खिलाफ लड़ाई में किसानों के हाथ मजबूत करेंगी। शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि किसानों के कल्याण की तुलना में उनकी पार्टी के लिए किसी गठबंधन या सरकार का कोई महत्व नहीं है और उनकी पार्टी अन्नदाता के प्रति अपनी जिम्मेदारी को निभाएगी।
सुखबीर ने कहा कि राजग सरकार द्वारा किसानों और शिअद की मांग के अनुसार न्यूनतम समर्थन मूल्य को वैधानिक अधिकार बनाने से इनकार करने के बाद पार्टी ने विधेयकों के खिलाफ मतदान करने का फैसला किया। चंडीगढ़ से मिली खबर के मुताबिक, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि संसद में पारित किसान विरोधी तीन विधेयकों के खिलाफ वह राजनीतिक लड़ाई का नेतृत्व करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने एक बयान में कहा, 'खतरनाक नए कानूनों से अपने किसानों और अपने राज्य को बचाने के लिए जो कुछ भी होगा मैं करूंगा। इन कानूनों को लागू करने से कृषि क्षेत्र बर्बाद हो जाएगा।' विधेयकों के खिलाफ कुछ किसान समूहों द्वारा घोषित 'पंजाब बंद' के एक दिन पहले उनकी यह टिप्पणी आयी है । मुख्यमंत्री ने सभी राजनीतिक दलों से अपनी विचाराधारा से ऊपर उठने और विधेयकों के खिलाफ एक मंच पर एकजुट होकर लड़ने का आह्वान किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह 'असंवैधानिक विधेयकों' के खिलाफ राजनीतिक लड़ाई का नेतृत्व करने के लिए तैयार हैं।