नई दिल्ली: हिंदुस्तान में इतना बड़ा खजाना शायद ही कहीं मौजूद हो लेकिन उसी खजाने की चाबी गायब हो गई है। शक जताया जा रहा है कि सिर्फ चाबी ही नहीं बल्कि खजाने का कुछ हिस्सा भी गायब हो सकता है। हम बात कर रहे हैं देश के चार धामों में से एक उड़ीसा के पुरी जग्गनाथ मंदिर की। यहां 2 महीने पहले 34 सालों के बाद मंदिर का खजाना खोला गया था। तब खजाने के भीतरी हिस्से में जांच टीम के नहीं पहुंच पाने की अलग वजह बताई गई थी लेकिन अब खुलासा हुआ है कि मंदिर के भीतरी हिस्से की चाबी प्रशासन के पास है ही नहीं। अब सवाल है कि आखिर मंदिर के रहस्यमय खज़ाने की चाबी किसने चुराई? आखिर जगन्नाथ मंदिर के सीक्रेट चैंबर में कौन घुसा?
कहते हैं इस विशाल पुरी जग्गनाथ मंदिर के गर्भ में मौजूद है भगवान का खजाना जिसे न तो कोई छू सकता है, न ही खजाने के बारे में कोई बात कर सकता है लेकिन इस बार ये मंदिर अपने खजाने को लेकर चर्चा में नहीं बल्कि ऐसे कई सवाल हैं जिसने मंदिर में आस्था रखनेवालों की नींद उड़ा दी है। जिस अद्भुत खजाने का रहस्य आजतक कोई सुलझा नहीं सका, उसी खजाने की चाबी अब एक रहस्य बन गई है। खुलासा हुआ है कि खजाने की चाबी गायब हो गई है, जिस खजाने की रखवाली सालों से भगवान शिव कर रहे हैं उस खजाने की चाबी गुम हुई तो हंगामा मचना लाजिमी है।
शंकराचार्य ने सवाल उठाया है कि आखिर खजाने को लेकर इतनी बड़ी लापरवाही कैसे की गई। मंदिर के खजाने की देखरेख की जिम्मेदारी मंदिर प्रबंधन और जिला प्रशासन की है। मंदिर से खजाने की चाबी गायब होने को लेकर सियासत भी शुरू हो गई है। बीजेपी ने सरकार से जवाब मांगा है और तत्काल उन लोगों की गिरफ्तारी की मांग की है जिनके ऊपर खजाने की देखरेख की जिम्मेदारी थी। बीजेपी का आरोप है कि दो महीने से सरकार और उसके अफसरों ने चाबी खो जाने की बात को छुपा कर रखा। अब आपको बताते हैं कि आखिर 2 महीने पहले इस मंदिर के खजाने को लेकर क्या हुआ था।
दरअसल 4 अप्रैल 2018 को 34 साल बाद जगन्नाथ मंदिर के खजाने को खोला गया था। हाईकोर्ट के आदेश के बाद 17 सदस्यों की टीम ने मंदिर के खजाने का दौरा किया था। मंदिर के खजाने के निरीक्षण का लक्ष्य तहखाने की मजबूती और सुरक्षा की पुष्टि करना था। तब अफसरों ने ये बताया था कि वो खजाने के बाहरी भवन तक ही गए थे क्योंकि उसका अगला हिस्सा ग्रिल से साफ नजर आता है। तब ये बात नहीं बताई गई थी कि मंदिर के खजाने के भीतरी हिस्से की चाबी ही नहीं थी। अब यही वजह है कि बीजेपी सरकार से सवाल पूछ रही है कि आखिर ये बात छिपाई क्यों गई थी।
खजाने को लेकर सियासत और विरोध शुरू हुआ तो उड़ीसा के सीएम ने न्यायिक जांच के आदेश दे दिए। तीन महीने में अब जांच समिति को रिपोर्ट देनी है। ऐसा दावा किया जाता है कि जगन्नाथ मंदिर की सलाना आय 50 करोड़ रुपये है। मंदिर की कुल संपत्ति 250 करोड़ रुपये है। खजाने का रहस्य इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि 12वीं शताब्दी से इस खजाने को लूटने के लिए 18 बार मंदिर पर हमला किया गया, लेकिन कोई लूट नहीं पाया। जिस खजाने को लूटने की हर साजिश नाकाम हुई है उस खजाने की चाबी का गुम होना एक बड़ा रहस्य बन गया है। सवाल इसलिए भी है क्योंकि इस खजाने में क्या क्या है इसका कोई रिकॉर्ड आज तक नहीं बनाया गया है।