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केरल में कोरोना वायरस संक्रमण के 11,669 नए मामले, 58 और लोगों की मौत

केंद्र सरकार ने अपनी अपील में कहा है कि अगर एकल न्यायाधीश के आदेश को रद्द नहीं किया गया तो देश में वैक्सीनेशन नीति पटरी से उतर सकती है और कोविड-19 से मुकाबला करने की रणनीति का क्रियान्वयन ठीक प्रकार से नहीं हो सकेगा। 

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: September 27, 2021 20:37 IST
Kerala reports 11,699 new Covid cases, 58 deaths- India TV Hindi
Image Source : PTI केरल में सोमवार को कोरोना वायरस संक्रमण से 58 और मरीजों की मौत हो गई।

तिरुवनंतपुरम: केरल में सोमवार को कोरोना वायरस संक्रमण से 58 और मरीजों की मौत हो गई तथा महामारी के 11,699 नए मामले सामने आए। इसके साथ ही कुल मामले बढ़कर 46,41,614 हो गए और मृतकों की संख्या 24,661 पर पहुंच गई। एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि पिछले एक दिन में 17,763 लोग ठीक हो गए। राज्य में अब तक कोविड-19 से पीड़ित होने के बाद 44,59,193 लोग ठीक हो चुके हैं और अभी 1,57,158 मरीज उपचाराधीन हैं। पिछले 24 घंटे में 80,372 नमूनों की जांच की गई।

वहीं, केरल हाईकोर्ट ने कहा कि वह तीन दिन बाद केंद्र सरकार की उस अपील पर सुनवाई करेगा जो कोविशील्ड की पहली खुराक के चार सप्ताह बाद ही दूसरी खुराक लेने की अनुमति देने के विरुद्ध दायर की गई थी। हाईकोर्ट के एकल न्यायाधीश की पीठ ने वैक्सीन की पहली खुराक के चार सप्ताह बाद दूसरी खुराक लेने के इच्छुक लोगों को इसकी अनुमति दी थी। हालांकि, केंद्र सरकार के दिशा निर्देशों के अनुसार पहली खुराक के 84 दिन बाद दूसरी खुराक लेने का सुझाव दिया गया है।

मुख्य न्यायाधीश एस मणिकुमार और न्यायमूर्ति शाजी पी चाली ने इस मामले में कोई अंतरिम आदेश नहीं दिया और मामले की अगली सुनवाई के लिए 30 सितंबर की तारीख तय की। केंद्र सरकार ने तीन सितंबर को न्यायमूर्ति पी बी सुरेश कुमार की एकल पीठ के आदेश को चुनौती दी है। एकल पीठ ने यह आदेश किटेक्स गारमेंट्स लिमिटेड की याचिका पर दिया था। इस याचिका में अनुरोध किया गया था कि कम्पनी के कर्मचारियों को वैक्सीन की पहली खुराक के बाद 84 दिन तक रुकने की बजाय पहले ही दूसरी खुराक लेने की अनुमति दी जाये। 

किटेक्स ने यह भी कहा था कि उसने अपने पांच हजार से ज्यादा कर्मचारियों को कोविड वैक्सीन की पहली खुराक दी और दूसरी खुराक के लिए प्रबंध किया जिसमें लगभग 93 लाख रुपये का खर्च आया लेकिन प्रतिबंध के कारण कर्मचारियों को दूसरी खुराक नहीं लग सकी। केंद्र सरकार ने अपनी अपील में कहा है कि अगर एकल न्यायाधीश के आदेश को रद्द नहीं किया गया तो देश में वैक्सीनेशन नीति पटरी से उतर सकती है और कोविड-19 से मुकाबला करने की केंद्र सरकार की रणनीति का क्रियान्वयन ठीक प्रकार से नहीं हो सकेगा। 

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