नई दिल्ली: लव जिहाद का एक ऐसा केस सुप्रीम कोर्ट में आया है जिसमें लड़की के पिता का कहना है कि उसकी बेटी का ब्रेनबॉश करके और मुसलमान बनाकर उससे निकाह करके ISIS में भर्ती करने के लिए सीरिया भेजा जा रहा था। आज सुप्रीम कोर्ट ने इसकी जांच NIA को सौंप दी लेकिन ऐसा ये अकेला केस नहीं हैं। केरल में पिछले दस साल के दौरान करीब दस हजार लड़कियों ने धर्म परिवर्तन किया। इस्लाम कुबूल करके मुस्लिम लड़कों से निकाह किया लेकिन आज जो केस सामने आया है उसमें पिता की बात हाईकोर्ट ने भी मानी।
केरल हाईकोर्ट ने जताई थी 'लव जिहाद' की आशंका
केरल हाईकोर्ट ने भी आशंका जताई है कि ISIS के इशारे पर लव जिहाद के जरिए लड़कियों को फंसा कर उनका धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है। उनका ब्रेनबॉश करके उन्हें आतंकवाद के रास्ते पर भेजा जा रहा है। हाईकोर्ट ने इस आधार पर एक मैरिज कैंसिल कर दी और लड़की को उसके माता पिता की कस्टडी में भेज दिया।
'लव जिहाद' केस की जांच करेगी NIA
केरल लव जिहाद का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो सुप्रीम कोर्ट ने इस पूरे मामले की जांच NIA से कराने का फैसला किया। जांच को सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस रविन्द्रन सुपरवाइज करेंगे। सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की देखरेख में NIA ये पता लगाएगा कि क्या दुनिया का सबसे खतरनाक आतंकी संगठन ISIS भारत में लव जेहाद की साजिश रच रहा है। NIA ये भी जांच करेगा कि क्या ISIS हिंदुस्तान की हिंदू और ईसाई लड़कियों को मुसलमान बनाने के बाद सीरिया बुलवाकर आतंकवादी बना रहा है।
केरल में लव जिहाद के नाम से मशहूर केस की अहमियत का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि जब ये मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो चीफ जस्टिस की बेंच ने इस मामले को सुना और फिर केस देखने के बाद जांच एनआईए से करवाने का निर्देश दिया।
मामला क्या है पूरा मामला?
केरल के कोट्टयम जिले के वाइकॉम में रहने वाली 24 साल की हिंदू लड़की अखिला का निकाह मुस्लिम युवक शफीन जहान के साथ हुआ। अखिला के पिता केएम केशवन ने इस निकाह का विरोध करते हुए केरल हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की। केएम केशवन ने आरोप लगाया कि शफीन जहान ने उनकी बेटी को बहला-फुसलाकर पहले धर्म परिवर्तन कराया और फिर शादी करने के बाद ISIS में शामिल होने के लिए प्रेशर डाला।
लड़की के पिता केशवन ने कोर्ट से शादी तोड़ने की मांग की। मामले की सुनवाई करने के बाद केरल हाईकोर्ट के जस्टिस सुरेंद्र मोहन और जस्टिस अब्राहम मैथ्यू की बेंच ने एक अहम फैसला सुनाया। हाईकोर्ट ने कहा कि शादी अखिला की जिंदगी का सबसे अहम फैसला है इसलिए उसे अपने माता-पिता की सलाह लेनी चाहिए थी। कोर्ट ने कहा कि कथित तौर पर हुई शादी बकवास है और कानून की नजर में इसकी कोई अहमियत नहीं है। हाईकोर्ट ने ये भी कहा कि शफीन को हिंदू लड़की अखिला का पति बनने का कोई अधिकार नहीं है। हाईकोर्ट ने अखिला की सुरक्षा देने के लिए कोट्टयम डिस्ट्रिक पुलिस को निर्देश दिया। हाईकोर्ट के आदेश पर अखिला अब अपने पिता के पास रह रही हैं।
अदालत ने पुलिस को मामले की जांच के भी आदेश दिए थे। हालांकि अखिला ने कोर्ट के सामने कहा था कि उसने अपनी मर्जी से मुस्लिम धर्म कबूल किया है।