तिरुवनंतपुरम: केरल उच्च न्यायालय (Kerala High Court) ने केंद्र और राज्य सरकार (Kerala government) को एक जनहित याचिका (PIL) पर नोटिस जारी किया है। याचिका में राज्य सरकार को जंगलों के अंदर पानी के कुंड और चेकडैम बनाने के साथ-साथ कई उपाय करने के निर्देश दिए जाने की मांग की गई थी ताकि जंगली जानवरों को मानव बस्तियों में जाने से रोका जा सके।
यह जनहित याचिका (PIL) गौरव तिवारी नाम के शख्स ने दायर की थी। याचिका को स्वीकार करते हुए केरल उच्च न्यायालय ने केंद्र और राज्य सरकार को इस संबंध में नोटिस जारी कर दिया है। याचिकाकर्ता का कहना है कि उन्होंने यह याचिका केरल में हाल ही में हुई उस घटना की पृष्ठभूमि में दायर की है, जिसमें एक गर्भवती हथनी को कथित रूप से पटाखों से भरा खाना दिया गया और उसकी मौत हो गई।
गौरतलब हो कि केरल के पलक्कड जिले के साइलेंट वैली जंगल में गर्भवती हथनी ने पटाखों से भरा एक अनानास खा लिया था, जो उसके मुंह में फट गया और करीब एक सप्ताह के बाद उसकी मौत हो गई थी। घटना के बाद लोगों में रोष फैल गया था। केंद्र सरकार ने भी इस पर कड़ा रुख अपनाया था। केंद्रीय वन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा था कि यह भारतीय संस्कृति नहीं है।
PIL दायर करने वाले गौरव तिवारी का कहना है कि कई जंगली जानवर इंसानों द्वारा किए गए क्रूर हमलों के शिकार होते हैं। ऐसा गर्मियों के दौरान ज्यादा होता है जब यह जानवर मानव बस्तियों में आ जाते हैं। इसका एक मुख्य कारण यह है कि वह अपनी प्यास बुझाने के लिए बस्तियों की ओर आ जाते हैं। ऐसे में उन्होंने केरल उच्च न्यायालय में याचिका दायर की।
याचिका में राज्य सरकार और केंद्र सरकार से जानवरों पर होने वाले हमलों को रोकने के लिए उपाये करने की मांग की गई है और हाई कोर्ट से इसके लिए सरकारों को आदेश देने की अपील की गई है।