कोरोना जैसी घातक बीमारी से पूरी दुनिया आहत है। भारत में 40 दिनों लंबा लॉकडाउन फिलहाल जारी है। देश में अभी भी कोरोना के मरीजों का मिलना जारी है। हालांकि आज यानि 20 अप्रैल से कुछ उद्योगों और कारोबारी क्षेत्रों में सशर्त ढील मिलनी शुरू हो गई है। लेकिन सार्वजनिक परिवहन और गैरजरूरी प्रतिष्ठान 3 मई तक पूरी तरह बंद रखने के आदेश दिए गए हैं। लेकिन केरल सरकार के एक आदेश ने केंद्र सरकार की नींद उड़ा दी है। दरअसल केरल सरकार ने सोमवार से शहरी परिवहन, रेस्टोरेंट, नाई की दुकाने आदि दोबारा शुरू करने के निर्देश जारी किए हैं। इस आदेश के बाद अब केंद्र और राज्य आमने सामने हैं।
बता दें कि केरल ही देश में वह पहला राज्य था जहां सबसे पहले कोरोना वायरस के मरीज सामने आए थे। इसके बाद से केरल में 402 मामले सामने आ चुके हैं और तीन लोग इस बीमारी के चलते अपनी जान गंवा चुके हैं। लेकिन इसके बावजूद केरल सरकार में राज्य में स्थितियां सामान्य करने के लिए सोमवार 20 अप्रैल से बड़ी रियायतें देनी शुरू की हैं। इसके तहत केरल मे 20 april से लोकल वर्कशाप, नाई की दुकान, रेस्तरां, किताब की दुकान, शहरों में बस से यात्रा, स्कूटर पर पीछे बिठाकर यात्रा की मंजूरी दे दी गई है।
लॉकडाउन के बीच केरल सरकार के इस उलट फैसले पर केंद्र ने नाराजगी जताई है। केंद्र सरकार ने केरल सरकार को पत्र लिखकर कोविड 19 से लड़ाई में ढिलाई पर आपत्ति दर्ज कराई है। पत्र में कहा गया है कि इससे 15 अप्रैल को केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के आदेश का उलंघन होगा। केंद्र का मामना है कि यदि लॉकडाउन अवधि में कोई भी राज्य सरकार सार्वजनिक परिवहन जैसी ढील देती है तो इससे अभी तक के प्रयासों पर पानी फिर सकता है।