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केरल बाढ़: क्षतिग्रस्‍त घरों की हालत देखकर सहमे लोग, 19 वर्षीय छात्र सहित राज्‍य में तीन लोगों ने की आत्‍महत्‍या

केरल में एर्नाकुलम के समीप एक घटना सामने आई है। जिसमें एक व्यक्ति ने बाढ़ से क्षतिग्रस्त अपने मकान को देखने से लगे सदमे के बाद आत्महत्या कर ली।

Written by: Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Updated on: August 22, 2018 19:22 IST
केरल बाढ़ - India TV Hindi
केरल बाढ़ 

कोच्चि। बाढ़ प्रभावित केरल में पानी घटने के साथ लोगों ने घर वापस आना शुरू तो कर दिया है। लेकिन पूरी तरह से क्षतिग्रस्‍त घर देखना उनके लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं है। इस बीच राज्‍य में आत्‍महत्‍या के मामले भी बढ़ रहे हैं। केरल में अब तक बाढ के बाद तबाही का मंंजर देखकर तीन लोगों द्वारा आत्‍महत्‍‍‍‍या किए जाने की खबरेें आई हैैं। एक मामला कोझीकोड जिले के करनथूर  का है। जहांं एक 19 वर्षीय छात्र ने बाढमें अपनेे प्रमाणपत्र बह जाने के चलते आत्‍महत्‍या कर ली। वहींं एक 68 वर्षीय बुजुर्ग द्वारा आत्‍महत्‍या करनेे की भी खबर है। एक ताजा मामला एर्नाकुलम से सामने आया है। यहां एक गरीब मजदूर ने तबाही का हाल देखकर आत्‍‍‍महत्‍या कर ली। 

पुलिस ने आज बताया कि 68 वर्षीय कुंजप्पन आज अपने घर के भीतर फांसी से लटकते हुए मृत पाए गए। कुंजप्पन और उनके रिश्तेदार को उस वक्त राहत शिविर में स्थानांतरित कर दिया गया था जब पिछले सप्ताह कोठाड स्थित उनके मकान में पानी घुस गया था। पुलिस ने बताया कि अपने मकान को क्षतिग्रस्त देखकर उनका दिल टूट गया था। कुंजप्पन ने अपने परिवार से कहा कि वह घर की सफाई करने जा रहे हैं। वह कल शाम शिविर से रवाना हुए। 

एक अन्‍य मामले में मकान के जलमग्न हो जाने के बाद मजदूर रॉकी ने अपने परिवार के साथ राहत शिविर में आश्रय ले लिया था। राहत शिविर में समय बिताने के बाद जब इस हफ्ते पानी घटना शुरू हुआ तो दूसरे लोगों की तरह रॉकी ने भी अपने घर का रुख किया। पुलिस के मुताबिक, वह राहत शिविर से अपने मकान को साफ करने के लिए निकला था लेकिन वापस नहीं लौटा। बुधवार सुबह जब उसके पड़ोसी उसकी तलाश में आए तो उन्होंने उसे घर में लटका हुआ पाया। वह अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ रहता था।

सरकार ने माना तनाव में हैं लोग

स्वास्थ्य मंत्री के.के. शैलजा ने यहां मीडिया को बताया कि लोग कई मानसिक तनावों से गुजर रहे हैं और उन्हें काउंसिलिंग की जरूरत हैं। जिन लोगों को जरूरत है, उन्हें एक महीने के लिए मुफ्त दवा मुहैया कराई जाएंगी।

10 लाख से ज्‍यादा लोग हुए बेघर

वर्ष 1924 से अब तक की सबसे विनाशकारी बाढ़ के कारण केरल में करीब 10 लाख लोग तीन हजार से ज्यादा राहत शिविरों में रह रहे थे। 29 मई से शुरू हुई मानसूनी बारिश के बाद से करीब 370 लोगों की मौत हो चुकी है।

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