नयी दिल्ली: केरल में भीषण बाढ़ और इसके कारण प्रभावित लाखों लोगों के राहत एवं बचाव के लिए युद्ध स्तर पर हो रहे प्रयासों के बीच बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र समेत कई राज्यों की सरकारों और नेताओं ने आज आर्थिक सहायता की घोषणा की। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केरल के लिए 10 करोड़ रूपये की घोषणा की है। नीतीश कुमार ने केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन को लिखे पत्र में कहा, ‘‘बाढ़ के दौरान होने वाली प्राकृतिक विभीषिका से होने वाली परेशानियों को बिहार के लोगों से ज्यादा बेहतर कोई नहीं जान सकता। बाढ़ प्रभावित इलाकों में पुनर्वास के कार्यों के लिए मैं मुख्यमंत्री राहत कोष से 10 करोड़ रुपये का छोटा सा योगदान दे रहा हूं।’’
झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवार दास ने केरल के बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए पांच करोड़ रूपये की राहत प्रदान करने की घोषणा की है। एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार केरल में बाढ़ की विकट स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए दास ने कहा कि राज्य के 3.25 करोड़ लोग संकट की इस घड़ी में केरल के लोगों के साथ हैं। महाराष्ट्र सरकार ने केरल में बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद के लिए 20 करोड़ रूपये की फौरी वित्तीय मदद की घोषणा की है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने एक ट्वीट के जरिये बताया कि उनकी सरकार केरल के बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए 20 करोड़ रूपये की फौरी सहायता जारी कर रही है।
गुजरात की सरकार ने केरल को दस करोड़ रुपये की सहायता देने की घोषणा की है जो करीब सौ वर्षों में सबसे भीषण बाढ़ से जूझ रहा है। गुजरात सरकार की तरफ से आज जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने केरल के लिए दस करोड़ रुपये के वित्तीय सहयोग की घोषणा की है।
इधर, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने केरल के बाढ़ प्रभावित बच्चों के लिए तैयार 100 मीट्रिक टन तैयार भोजन के पैकेट रवाना किए हैं। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मंत्रालय तेलंगाना सरकार के साथ मिलकर काम कर रहा है ताकि हैदराबाद से अनुपूरक पोषाहार ‘बालामुरूथम’ को 100 मीट्रिक टन की मात्रा में तिरूवंतपुरम भेजा जा सके।
इस बीच नेशनल कांफ्रेस के उपाध्यक्ष एवं विधायक उमर अब्दुल्ला ने कहा कि वह केरल के के बाढ़ पीड़ितों के लि अपने एक माह का वेतन दान करेंगे। उमर ने ट्वीट किया, ‘‘मैं केरल में राहत प्रयासों के लिए अपने इस माह का वेतन दान कर रहा हूं। मैं जेकेएनसी तथा जम्मू कश्मीर में अन्य लोगों से अपील करता हूं कि वह इस बात को याद करें कि 2014 में क्या हुआ था और अपने हिस्से का प्रयास करें।’’ केरल में पिछले कुछ दिनों में अचानक आयी बाढ़ के कारण भीषण बाढ़ के चलते हुए हुए विभिन्न घटनाओं में 194 लोगों की जान जा चुकी है।