कोट्टायम: केरल में एक कैथोलिक गिरजाघर ने 5 या अधिक बच्चों वाले परिवारों के लिए एक कल्याणकारी योजना की शुरुआत की है। गिरजाघर के इस कदम को राज्य में समुदाय की संख्या को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन के तौर पर देखा जा रहा है। सिरो-मालाबार गिरजाघर के पाला डायोसिस के फैमिली अपोस्टोलेट ने 2000 के बाद जिनकी शादी हुई और उनके 5 या अधिक बच्चे हैं, तो उन दंपति को 1,500 रुपये की मासिक आर्थिक सहायता प्रदान करने का निर्णय लिया है।
‘अगस्त से देंगे सहायता राशि’
फैमिली अपोस्टलेट का नेतृत्व करने वाले फादर कुट्टियानकल ने बताया, ‘यह घोषणा गिरजाघर के ‘ईयर ऑफ द फैमिली’ उत्सव के हिस्से के तौर पर की गई है। इसका मकसद खास तौर पर कोविड-19 काल के बाद बड़े परिवारों को आर्थिक सहायता मुहैया कराना है। हमें इस संबंध में जल्द ही आवेदन मिलने लगेंगे और संभवत: हम अगस्त से सहायता राशि देना भी शुरु कर देंगे।’ इस योजना की घोषणा सोमवार को बिशप जोसेफ कलारागंट ने एक ऑनलाइन बैठक में की।
‘हमारी वृद्धि दर कम हो गई है’
हालांकि इस कदम को 2019 में चांगानाचेरी आर्चडायोसिस द्वारा केरल में ईसाइयों की जनसंख्या घटने संबंधी जानकारी को लेकर लिखे गए पत्र से जोड़कर पूछे गए सवाल पर फादर कुट्टियानकल ने कहा कि यह मुद्दा ‘वास्तविक’ है। उन्होंने कहा, ‘यह वास्तविकता है कि केरल में ईसाई समुदाय की जसंख्या नीचे गिर रही है। हमारी वृद्धि दर कम है। योजना के पीछे यह भी कदम हो सकता है लेकिन तत्कालीन वजह महामारी काल में जरूरतों को पूरा करने में बड़े परिवारों को आ रही दिक्कतों से उन्हें कुछ राहत प्रदान करना है।’
जानें, क्या लिखा है पोस्टर में
पोस्टर में जो छूट दी गई है, उसमें लिखा है कि, ‘परिवार का वर्ष, भगवान के प्रेम का आनंद लें, इसमें 1500 रुपये की मासिक छात्रवृत्ति शामिल है, जो चौथे बच्चे से शुरू होकर एक परिवार के सभी भावी बच्चों के लिए होगी। चर्च द्वारा संचालित सेंट जोसेफ कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में छात्रवृत्ति के साथ शिक्षा दी जाती है, इसके अलावा चर्च द्वारा संचालित अस्पताल में चौथे के बाद हर बच्चे के लिए मुफ्त चिकित्सा सुविधा की पेशकश की जाएगी।’ जब इस पर विवाद शुरू हुआ तो पाला बिशप मार जोसेफ कल्लारंगट ने स्वीकार किया कि उन्होंने कहा कि वह जो कहते है उस पर कायम है।
ईसाई जन्म दर घटकर 14 प्रतिशत
बिशप की ओर जारी पत्र में कहा गया था कि केरल के गठन के दौरान ईसाई राज्य का दूसरा सबसे बड़ा समुदाय था लेकिन अब राज्य की कुल आबादी का अब वे 18.38 फीसदी ही हैं। हाल के वर्षों में ईसाई समुदाय में जन्म दर घटकर 14 प्रतिशत रह गई। गिरजाघर ने कहा कि इसके द्वारा संचालित अस्पताल में चौथे बच्चे को जन्म देने वाली महिलाओं को प्रसव शुल्क का भुगतान नहीं करना होगा।