वैसे तो मैंने बहुत सारे फेस्टिवल और महोत्सव देखे हैं लेकिन मुझे कुम्भलगढ़ फेस्टिवल इसलिए बहुत पसंद आया क्योंकि यह लोगों के द्वारा और लोगों के लिए आयोजित किया जाता है। यहां आम आदमी ही ख़ास है। वो भीड़ का हिस्सा नहीं बल्कि सम्मानित अतिथि है। इसीलिए यहाँ गांवों से महिलाऐं, बच्चे बड़ी तादाद में आते हैं। शुक्र है कोई तो जगह ऐसी है जहां चीजें अपना उद्देश्य नहीं खो रही हैं। यहां हर रोज़ शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। नेपथ्य में पीली रोशनियों में जगमगाता कुम्भलगढ़ का दुर्ग और ऊँचे स्टेज पर परफॉर्म करते कलाकार, समां बांध लेते हैं। इन कार्यक्रमों को देखने के बाद मैं यह दावे के साथ कह सकती हूँ कि आप जोधपुर में होने वाले राजस्थान इंटरनेशनल फोक फेस्टिवल RIFF को भूल जाएंगे। बस फ़र्क़ इतना है कि कुम्भलगढ़ फेस्टिवल राजस्थान इंटरनेशनल फोक फेस्टिवल (RIFF रिफ्फ़) जितना महंगा और आम आदमी की पहुंच से दूर नहीं है।