कवर्धा: छत्तीसगढ़ के कवर्धा में आज कर्फ्यू में 4 घंटे की ढील दी जाएगी। प्रशासन ने सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक कर्फ्यू में ढील देने का फैसला किया है। शहर में मंगलवार को हुई हिंसा के बाद पूरे शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया थ। हिंसा के मामले में पुलिस ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता एवं सांसद संतोष पांडेय और पूर्व सांसद अभिषेक सिंह समेत पार्टी के कुछ अन्य नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। कवर्धा जिले के पुलिस अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि मंगलवार को शहर में दक्षिणपंथी संगठनों की रैली के दौरान हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र के सांसद संतोष पांडेय, पूर्व सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के बेटे अभिषेक सिंह, राज्य में भाजपा के सचिव विजय शर्मा और कुछ अन्य पार्टी नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इन भाजपा नेताओं ने कथित रूप से रैली में हिस्सा लिया था।
सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक कर्फ्यू में ढील
जिला प्रशासन ने मंगलवार को रैली के दौरान हुई हिंसा के बाद शहर में कर्फ्यू लगा दिया था। अधिकारियों के मुताबिक शनिवार को पूर्वाह्न 10 बजे से अपराह्न दो बजे तक कर्फ्यू में ढील दी जाएगी। कबीरधाम जिले के पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग ने शुक्रवार को एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि रविवार को कवर्धा शहर में धार्मिक झंडे को हटाने को लेकर दो समुदायों के बीच हुई झड़प के दो दिन बाद मंगलवार को हुई हिंसा के संबंध में कुछ भाजपा नेताओं सहित कम से कम एक हजार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। गर्ग ने बताया कि हिंसा और झड़प की दोनों घटनाओं के सिलसिले में अब तक 93 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें से 24 जिले से बाहर के हैं।
सीसीटीवी फुटेज को खंगाला जा रहा है
उन्होंने बताया कि प्राथमिक जांच के आधार पर सांसद संतोष पांडेय, अभिषेक सिंह और विजय शर्मा के खिलाफ दंगा भड़काने और अन्य आरोपों के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि मामले की जांच जारी है। घटना की सीसीटीवी फुटेज को देखा जा रहा है, जिसके आधार पर आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी। संवाददाता सम्मेलन में जिलाधिकारी रमेश शर्मा भी मौजूद थे।
इंटरनेट सेवाएं बंद रहेंगी
दोनों अधिकारियों ने कहा कि शहर में अब स्थिति शांतिपूर्ण है और शनिवार को पूर्वाह्न 10 बजे से अपराह्न दो बजे के बीच कर्फ्यू में ढील दी जाएगी, लेकिन शहर में इंटरनेट सेवाएं बंद रहेंगी। शहर के लोहारा चौक में लगे धार्मिक झंडे को हटाने को लेकर दो समुदायों के लोग तीन अक्टूबर को आपस में भिड़ गए थे। घटना के विरोध में दक्षिणपंथी संगठनों ने मंगलवार को रैली निकाली थी। रैली के दौरान भीड़ उग्र हो गई थी।
बीजेपी ने न्यायिक जांच की मांग की
इस बीच, भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को राज्यपाल अनुसुइया उइके से मुलाकात कर कवर्धा घटना की न्यायिक जांच की मांग की है। राज्यपाल को सौंपे ज्ञापन में भाजपा ने कहा, ‘‘कवर्धा (कबीरधाम) जिला शुरू से राजनीतिक और सामाजिक सौहार्द्र का केंद्र रहा है। विगत दो-तीन वर्षों से एक स्थान विशेष (लोहारा चौक) में जान-बूझकर सामाजिक सौहार्द्र और समरसता बिगाड़ने की कोशिश हो रही है।’’ ज्ञापन में कहा गया है, ‘‘हाल में जो अप्रिय घटना घटित हुई है, उसके समाधान के लिए प्रशासन ने शांति पूर्वक चर्चा कर हल नहीं निकाला, बल्कि एक वर्ग विशेष के लोग हथियार लेकर घूमते रहे और पथराव करते रहे। उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई।’’ ज्ञापन में कहा गया कि जबकि दूसरे वर्ग के लोगों के साथ ‘‘बर्बरतापूर्वक मारपीट की गई और बिना किसी जांच के मुकदमा बनाकर उन्हें जेल में डाल दिया’’ गया। (भाषा)