जम्मू: जम्मू कश्मीर के कठुआ जिले में दुष्कर्म के बाद मारी गई बच्ची के पिता ने कल केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा 12 वर्ष से कम उम्र की बच्चियों से दुष्कर्म के दोषियों को फांसी की सजा दिए जाने के अध्यादेश को मंजूरी दिए जाने के बाद अब न्याय मिलने की उम्मीद जताई है।
उन्होंने कहा, ‘‘दुष्कर्म के दोषियों को मौत की सजा देने का अध्यादेश पारित किया जाना अच्छा कदम है... हमें न्याय मिलने की उम्मीद है। ’’ लड़की के पिता ने कहा, ‘‘हम साधारण लोग हैं और ऐसे फैसलों की बारीकियों के बारे में नहीं जानते।’’ उन्होंने हालांकि कहा कि सरकार जो कर रही है अच्छा कर रही है और ‘‘हमें अपनी बच्ची के लिए न्याय मिलने की उम्मीद है।’’
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वहीं, दक्षिणी दिल्ली के एक इलाके में 16 दिसंबर 2012 को चलती बस में गैंगरेप का शिकार हुई निर्भया के पिता ने इस अध्यादेश को ‘औचित्यहीन’ करार देते हुए आरोप लगाया कि 2019 के लोकसभा चुनावों के मद्देनजर यह फैसला किया गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘बलात्कार बलात्कार होता है चाहे नाबालिग से हो या व्यस्क से। अध्यादेश में 12 वर्ष से कम आयु की बच्ची से बलात्कार के लिए ही मृत्युदंड का प्रावधान क्यों है? सभी बलात्कारियों को आजीवन कारावास या मृत्युदंड दिया जाना चाहिए, चाहे पीड़िता की आयु जो भी हो।’’