पठानकोट (पंजाब): कठुआ में आठ साल की बच्ची के बलात्कार और हत्या के मामले की सुनवाई आज यहां शुरू हुई और आठ में से सात आरोपियों को जिला एवं सत्र न्यायाधीश के सामने पेश किया गया। सुप्रीम कोर्ट ने पीड़िता के परिवार के अनुरोध पर इस मामले को सुनवाई के लिए कठुआ से पठानकोट स्थानांतरित किया है।
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद , अदालत ने अभियोजन पक्ष से आरोपपत्र , बयान और मामले की केस डायरियों की उर्दू से अंग्रेजी में अनुवादित प्रतियां चार जून को बचाव पक्ष के वकीलों सहित अन्य को देने को कहा। चार मंजिला अदालत परिसर को कड़े सुरक्षा पहरे में रखा गया था और बचाव पक्ष की ओर से 31 वकील जबकि अभियोजन पक्ष की ओर से एस एस बसरा के नेतृत्व में तीन सदस्यीय दल पेश हुआ। दलीलें देने वालों में परिवार का प्रतिनिधित्व करने वाली चार सदस्यीय टीम भी शामिल थी।
जनवरी में कठुआ जिले के खानाबदोश समुदाय की आठ वर्षीय एक बच्ची की बलात्कार के बाद हत्या मामले के सात आरोपियों को एक पुलिस बस में पुराने पठानकोट दिल्ली राजमार्ग पर न्यायिक अदालत परिसर में सुबह करीब 10 बजकर 40 मिनट पर लाया गया और आरोपियों को 50 मिनट बाद जिला एवं सत्र न्यायाधीश तेजविंदर सिंह के सामने पेश किया गया। इस मामले का आठवां आरोपी नाबालिग है।
पठानकोट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रेशपाल ठाकुर ने कहा कि पठानकोट की अदालत में इस तरह के बहुचर्चित मामले की सुनवाई पहली बार हो रही है।
इस मामले की सुनवाई जम्मू कश्मीर में लागू रणबीर दंड संहिता के प्रावधानों के अनुसार होगी। मुख्य शिकायतकर्ता बच्ची का करीबी रिश्तेदार है जो उसका जैविक पिता भी है लेकिन उसने बच्ची को अपने भाई को गोद दे दिया था। इस मामले की सुनवाई कठुआ से करीब 30 किलोमीटर दूर पठानकोट स्थानान्तरित करते हुए शीर्ष अदालत ने इस मामले में बंद कमरे में रोजाना सुनवाई करने का निर्देश दिया था।
नाबालिग आरोपी के संबंध में एक याचिका जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय के सामने लंबित है। जम्मू कश्मीर पुलिस की अपराध शाखा ने उसकी उम्र पर विरोध जताया है और अपने दावे के समर्थन में मेडिकल रिपोर्ट सौंपी है। अपराध शाखा ने नौ अप्रैल को कठुआ अदालत के सामने इस मामले में आरोपपत्र दायर किया था।
आरोपपत्र में मंदिर के संरक्षक और कथित साजिशकर्ता सांजी राम , उसके बेटे विशाल , विशेष पुलिस अधिकारी दीपक खजूरिया और सुरेंद्र वर्मा तथा एक किशोर को आरोपी बनाया गया था। इस मामले में गिरफ्तार अन्य लोगों में नाबालिग का दोस्त परवेश कुमार तथा हेडकांस्टेबल तिलक राज और उपनिरीक्षक आनंद दत्त शामिल हैं।