जम्मू: जम्मू-कश्मीर पुलिस की अपराध शाखा ने अपनी वैज्ञानिक जांच के आधार पर कहा कि कठुआ में आठ साल की लड़की से बलात्कार एवं हत्या के मामले में आरोपी विशाल जंगोत्रा का घटना के समय मेरठ में होने का दावा गलत है। पठानकोट के जिला एवं सत्र न्यायालय ने विशाल, उसके एक नाबालिग रिश्तेदार, उसके पिता सांझी राम और विशेष पुलिस अधिकारी दीपक खजूरिया उर्फ दीपू के खिलाफ बलात्कार एवं हत्या के आरोप तय किए हैं। विशाल उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के एक कॉलेज से कृषि में स्नातक की पढ़ाई कर रहा है।
आरोप पत्र में कहा गया कि लड़की से बलात्कार के आरोपी विशाल ने कथित रूप से ‘‘अपने पिता की मिलीभगत और मदद से रिकार्ड में छेड़छाड़ एवं फर्जी सबूत तैयार कर’’ घटनास्थल पर अपने मौजूद ना होने का दावा किया था। अपराध शाखा द्वारा दायर आरोप पत्र के अनुसार कथित मुख्य आरोपी सांझी राम के बेटे विशाल की उत्तर पुस्तिका और साथ ही उपस्थिति पत्र को हस्तलिपि विशेषज्ञों के पास भेजा गया। इसमें कहा गया कि विशेषज्ञों की राय में 12 और 15 जनवरी के उपस्थिति के दस्तावेजों में विशाल के हस्ताक्षर उसके मूल हस्ताक्षर से नहीं मिलते।
आरोपपत्र में कहा गया कि फॉरेंसिक रिपोर्ट से उपस्थिति के दस्तावेजों में छेड़छाड़ के साफ-साफ संकेत मिलते हैं और इस तथ्य की ओर इशारा किया गया है कि आरोपी को उपस्थिति पत्र तक पहुंच दी गयी। आरोपपत्र के अनुसार, ‘‘यह बात स्थापित होती है कि आरोपी 12 और 15 जनवरी की परीक्षा के दौरान उपस्थित नहीं था और उसने उपस्थिति पत्र में छेड़छाड़ की तथा खुद को कानून के चंगुल से बचाने के लिए परीक्षा में मौजूद होने का सबूत तैयार करने की कोशिश की।’’
मामले में उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार पठानकोट के जिला एवं सत्र न्यायालय में सुनवाई चल रही है। लड़की का 10 जनवरी को अपहरण किया गया और 13 जनवरी को उसकी हत्या कर दी गयी। विशाल, उसके नाबालिग रिश्तेदार और खुजरिया ने कथित रूप से 14 जनवरी को शव को ठिकाने लगाया और इसके बाद विशाल मेरठ चला गया। पीड़िता का शव 17 जनवरी को बरामद हुआ। विशाल, उसके पिता सांझी राम, नाबालिग रिश्तेदार और खजुरिया के अलावा अपराध शाखा ने चार और लोगों को नामजद किया है।