पठानकोट। जम्मू कश्मीर के कठुआ में पिछले साल जनवरी में आठ साल की बच्ची के साथ बलात्कार और उसकी हत्या के मामले में पठानकोट की एक विशेष अदालत ने फैसला सुना दिया है। अदालत ने 7 में से 6 आरोपियों को दोषी करार दिया है। इनमें से तीन दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। केस के मास्टरमाइंड सांझी राम और दीपक खजुरिया और प्रवेश कुमार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। इनके अलावा तीन दोषियों - तिलक राज, सुरेंद्र और आनंद दत्ता को पांच-पांच साल की सजा सुनाई गई है। इस मामले में सांझीराम के बेटे विशाल को बरी कर दिया गया है।
देश को स्तब्ध कर देने वाले इस मामले में बंद कमरे में सुनवाई तीन जून को पूरी हुई। तब जिला और सत्र न्यायाधीश तेजविंदर सिंह ने घोषणा की थी कि 10 जून को फैसला सुनाया जा सकता है। इस फैसले को लेकर तनाव को देखते हुए पठानकोट की अदालत के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है। पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवान बख्तरबंद गाडि़यों के साथ कोर्ट परिसर के बाहर मौजूद हैं।
बता दें कि जम्मू कश्मीर सहित पूरे देश को हिला देने वाला यह जघन्य कांड जम्मू कश्मीर के कठुआ में हुआ था। जहां 8 साल की एक बच्ची को पिछले साल जनवरी में अगवा कर लिया गया था। आरोप है कि बच्ची के साथ दुष्कर्म हुआ और उसे चार दिन तक बेहोश रखा गया और बाद में उसकी हत्या कर दी गयी।
मामले में रोजाना आधार पर सुनवाई पड़ोसी राज्य पंजाब के पठानकोट में जिला और सत्र अदालत में पिछले साल जून के पहले सप्ताह में शुरू हुई थी। उच्चतम न्यायालय ने मामले को जम्मू कश्मीर से बाहर भेजने का आदेश दिया था जिसके बाद जम्मू से करीब और कठुआ दूर पठानकोट की अदालत में मामले को भेजा गया। शीर्ष अदालत का आदेश तब आया जब कठुआ में वकीलों ने अपराध शाखा के अधिकारियों को इस सनसनीखेज मामले में आरोपपत्र दाखिल करने से रोका था।
अपराध शाखा ने इस मामले में ग्राम प्रधान सांजी राम, उसके बेटे विशाल, किशोर भतीजे तथा उसके दोस्त आनंद दत्ता को गिरफ्तार किया था। इस मामले में दो विशेष पुलिस अधिकारियों दीपक खजुरिया और सुरेंद्र वर्मा को भी गिरफ्तार किया गया। सांजी राम से कथित तौर पर चार लाख रुपये लेने और महत्वपूर्ण सबूतों को नष्ट करने के मामले में हैड कांस्टेबल तिलक राज एवं एसआई आनंद दत्ता को भी गिरफ्तार किया गया।