नई दिल्ली/श्रीनगर. कश्मीर के लिए पाकिस्तान के नए आतंकी समूह 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' (टीआरएफ) ने गैर-कश्मीरियों को अधिवास (डोमिसाइल) कानून के तहत केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में बसने की कोशिश करने पर जान से मारने की धमकी दी है। टीआरएफ को प्रतिबंधित पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का ही मोर्चा कहा जाता है। इसने ऑनलाइन मैसेजिंग प्लेटफॉर्म पर अपने चैनलों के माध्यम से जारी किए गए एक बयान में खुले तौर पर यह धमकी दी है।
टीआरएफ ने धमकी देते हुए कहा, "कोई भी 'भारतीय' जो कश्मीर में बसने के इरादे से आएगा, वह एक नागरिक के तौर पर नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक एजेंट के रूप में माना जाएगा और उससे ठीक ढंग से निपटा जाएगा।" आतंकी संगठन की ओर से उसके लेटरहेड पर जारी यह धमकी केंद्र सरकार द्वारा जम्मू एवं कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश के लिए एक नए अधिवास कानून पेश किए जाने के कुछ हफ्तों बाद दी गई है।
नए कानून के तहत, जम्मू-कश्मीर में 15 साल से रहने वाला कोई व्यक्ति या सात साल तक पढ़ाई करने वाला तथा केंद्र शासित प्रदेश में स्थित किसी शैक्षणिक संस्थान से कक्षा 10 और कक्षा 12 की परीक्षाओं में शामिल होने वाला व्यक्ति अधिवास प्रमाण पत्र के लिए आवेदन कर सकता है। इस प्रक्रिया के बाद वह केंद्र शासित प्रदेश का निवासी कहलाएगा। कानून आतंकवाद के कारण विस्थापित हुए और जम्मू-कश्मीर में राहत एवं पुनर्वास आयुक्त (प्रवासी) के यहां पंजीकृत सभी लोगों को भी अधिवास अधिकार प्रदान करता है।
टीआरएफ ने सोमवार को अपने बयान में आरोप लगाया कि नया अधिवास कानून राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की कश्मीर की जनसांख्यिकी को बदलने की एक साजिश है, जिसके तहत 'आरएसएस के फासीवादियों को नागरिक कवर की आड़ में कश्मीर में बसाया जाएगा।'
आतंकी समूह ने कहा कि हालांकि वह इस्लाम के सिद्धांतों का पालन करता है और किसी भी परिस्थिति में किसी भी जाति, धर्म या नस्ल के गैर-लड़ाकू/नागरिक को नुकसान नहीं पहुंचाता है, लेकिन वह आरएसएस-भाजपा की साजिशों के ढकोसले में नहीं आएगा। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भी सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के खिलाफ इस मुद्दे पर विभिन्न तरह की बयानबाजी करते हुए लगातार सोशल मीडिया पर अभियान चला रहे हैं।