नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने नव सृजित दो केन्द्र शासित प्रदेशों, जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) और लद्दाख में किसी भी क्षेत्र को विवादास्पद सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून (अफस्पा) के तहत ‘‘अशांत’’ घोषित करने का अधिकार अपने पास रखा है। अफस्पा सुरक्षा बलों को किसी भी संदिग्ध व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार देता है।
पूर्ववर्ती राज्य Jammu Kashmir को बृहस्पतिवार को विभाजित किये जाने तक राज्य सरकार को जिलाधिकारियों के माध्यम से अफस्पा के तहत किसी जिले या पुलिस थाना क्षेत्र को ‘‘अशांत’’ घोषित करने का अधिकार दिया गया था। अफस्पा के तहत सुरक्षा बल किसी भी संदिग्ध व्यक्ति को बिना वारंट के हिरासत में ले सकते है, उसकी तलाशी ले सकते हैं और यहां तक की उस पर गोली भी चला सकते हैं। यह कानून ऐसी गतिविधियों के लिये सैनिकों को छूट देता है।
एक सरकारी अधिसूचना के अनुसार इन दोनों केन्द्र शासित प्रदेशों में सशस्त्र बल (जम्मू और कश्मीर) विशेष अधिकार अधिनियम, 1990 (1990 का 21) का प्रशासन अब केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत जम्मू, कश्मीर और लद्दाख मामलों के विभाग के साथ निहित किया गया है।
पूर्ववर्ती जम्मू कश्मीर राज्य में 1990 से अफस्पा लगा हुआ था। हालांकि, लेह और करगिल क्षेत्रों को कभी भी अशांत घोषित नहीं किया गया, जो अब नये केन्द्र शासित प्रदेश लद्दाख का हिस्सा हैं। राज्य के बंटवारे के साथ, दोनों केन्द्र शासित प्रदेशों की पुलिस और कानून व्यवस्था केंद्रीय गृह मंत्रालय अब दोनों केन्द्र शासित प्रदेशों के संबद्ध उपराज्यपालों के जरिये देखेगा।