लखनऊ: केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को यहां कहा कि जम्मू एवं कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और यह हमेशा भारत का अभिन्न अंग रहेगा। उन्होंने कहा कि दुनिया की कोई भी ताकत इसे हमसे छीन नहीं सकती। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की एक विशिष्ट इकाई, रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) की 26वीं वर्षगांठ के अवसर पर मंत्री ने कहा, "कश्मीर हमारा है, हमारा था और हमारा रहेगा। दुनिया की कोई भी ताकत इसे हमसे छीन नहीं सकती।"
आरएएफ दंगों, कानून-व्यवस्था के मामलों और साथ ही राहत एवं बचाव अभियानों में अपनी भूमिका निभाता है। सिंह ने कश्मीरी लोगों और आतंकवादियों से निपटने के दौरान संतुलन बनाने के प्रयास के लिए सीआरपीएफ की सराहना की। उन्होंने कहा, "यदि कुछ कश्मीरी युवा कुछ ऐसी हरकते करते हैं, जिसे उन्हें नहीं करना चाहिए, तो इसलिए क्योंकि उन्हें (युवाओं) कुछ लोग उकसाते हैं। आप उन्हें सही तरीके से संभालते हैं, क्योंकि आप महसूस करते हैं कि वे हमारे देश के हैं।"
सिंह ने कहा, "लेकिन अगर कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार की आतंकवादी गतिविधि में संलिप्त पाया जाता है तो, दुनिया की कोई भी ताकत आपको उसे विफल बनाने से नहीं रोक सकती।" मंत्री ने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर में आतंकवादी घटनाओं में कमी आई है और सुरक्षा बल आतंकवादियों को माकूल जवाब दे रहे हैं।
'अगले 3 साल में भारत से मिट जाएगा नक्सलवाद का नाम-ओ-निशान'
राजनाथ सिंह ने आज कहा कि अगले तीन साल में भारत से वामपंथी उग्रवाद का नाम-ओ-निशान मिट जाएगा। लखनऊ में रैपिड एक्शन फोस के 26वें स्थापना दिवस के मौके पर अपने संबोधन में गृहमंत्री ने कहा कि हमारी फोर्स की कार्यवाही त्वरित होनी चाहिए लेकिन लापरवाही से नहीं। राजनाथ सिंह ने इस मौके पर कहा कि कुछ समय पहले देश में नक्सलवाद प्रभावित जिलों की संख्या 126 हुआ करती थी। जो कि अब घटकर 10 से 12 रह गई है। अब ज्यादा से ज्यादा 1 से दो या फिर 3 साल के भीतर हम नक्सलवाद का देश से सफाया कर देंगे। उन्होंने कहा कि यह सब कुछ सीआरपीएफ के दृढ़निश्चय के कारण ही संभव हुआ है। नक्सलवाद प्रभावित देश को इससे छुटकारा दिलाने के लिए मैं आपको धन्यवाद देता हूं।
गृहमंत्री ने कहा कि इस साल फोर्स ने 131 माओवादियों को इस साल मौत के घाट उतारा है। वहीं 1278 को पकड़ा जा चुका है जबकि 58 ने आत्मसमर्पण किया है। गृहमंत्री ने सीआरपीएफ के ही एक अंग आरएएफ की तारीफ करते हुए फोर्स को और त्वरित बनने के लिए कहा। साथ ही उन्होंने आगाह किया कि कार्यवाही त्वरित तो हो लेकिन लापरवाही के साथ नहीं।
1992 में स्थापित हुआ था आरएएफ
देश में दंगों पर त्वरित नियंत्रण के लिए रैपिड एक्शन फोर्स की स्थापना 1992 में हुई थी। इस समय आरएएफ की 10 बटालियन मौजूद है। ये बटालियन हैदराबाद, अहमदाबाद, इलाहाबाद, मुंबई, दिल्ली, अलीगढ़, कोयंबटूर, जमशेदपुर, भोपाल और मेरठ में हैं1 इसके अलावा इसके जयपुर, वाराणसी, मंगलौर, हाजीपुर और नुह (हरियाणा) में बेस मौजूद हैं।