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कश्मीर: DSP से छिन सकता है वीरता पुरस्कार

देवेंद्र सिंह जम्मू-कश्मीर पुलिस के आतंकवाद रोधी विशेष अभियान समूह (एसओजी) में एक सब-इंस्पेक्टर के रूप में शामिल हुए थे और वह वीरता के लिए प्रतिष्ठित पुलिस पदक हासिल करने के साथ डीएसपी रैंक पर तेजी से पहुंचे। 

Reported by: IANS
Published on: January 13, 2020 23:39 IST
Kashmir- India TV Hindi
Image Source : PTI DSP से छिन सकता है वीरता पुरस्कार

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पुलिस अधिकारी व आतंकवादियों के बीच सांठगांठ की जांच से अन्य लोगों की भी परेशानी बढ़ सकती है। पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) देवेंद्र सिंह के अतीत को खुफिया एजेंसियां खंगालने वाली हैं। शनिवार को देवेंद्र सिंह की गिरफ्तारी के बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस ने गृह मंत्रालय को गिरफ्तारी की जानकारी दी और गृह सचिव को कुलगाम मुठभेड़ के बारे में जानकारी दी गई।

देवेंद्र सिंह जम्मू-कश्मीर पुलिस के आतंकवाद रोधी विशेष अभियान समूह (एसओजी) में एक सब-इंस्पेक्टर के रूप में शामिल हुए थे और वह वीरता के लिए प्रतिष्ठित पुलिस पदक हासिल करने के साथ डीएसपी रैंक पर तेजी से पहुंचे। उन्हें यह वीरता पुरस्कार आतंकवाद रोधी ड्यूटी के लिए मिला।

देवेंद्र सिंह से अब खुफिया ब्यूरो, रिसर्च एंड एनालिसिस विंग व मिलिट्री इंटेलीजेंस टीम पूछताछ करेगी। सूत्रों ने कहा कि देवेंद्र सिंह से उनका राष्ट्रपति वीरता पदक पुरस्कार लिया जा सकता है। इस प्रक्रिया पर विचार किया जा रहा है।

देवेंद्र सिंह का नाम पहली बार संसद हमले के दोषी अफजल गुरु द्वारा अपने बचाव के दौरान कोर्ट में उनके खिलाफ गंभीर आरोप लगाए जाने पर ग्रे जोन में आया था। लेकिन इसके बाद राज्य पुलिस व खुफिया एजेंसियों ने आतंकवादी के दिमाग की उपज मानकर उन आरोपों को खारिज कर दिया था।

अफजल गुरु ने अदालत में हलफनामे में अपने बयान में कहा था कि सिंह ने प्रताड़ित किया था और परिवार को मारने की धमकी थी। गुरु ने कहा था कि सिंह ने उसे संसद हमले के आतंकवादियों को जम्मू एवं कश्मीर से दिल्ली ले जाने के लिए बाध्य किया था और दिल्ली में किराये का कमरा भी लिया था। इसके साथ ही उसने सफेद रंग की सेकेंड हैंड एम्बैसडर कार भी खरीदी थी जिसे आतंकवादियों ने संसद हमले के दौरान इस्तेमाल किया था। अफजल गुरु की ये बातें उस वक्त स्थानीय अखबारों में छपी थी लेकिन पुलिस और खुफिया एजेंसियों ने इसे आतंकवादी के दिमाग की उपज बताकर नकार दिया था।

शनिवार की सिंह की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने आईएएनएस से कहा कि देविंदर सिंह अपने जम्मू के घर में आतंकवादियों को पनाह देता था। इसके साथ ही अपने पैतृक घर पुलवामा जिले के त्राल में भी वह ऐसा ही करता था। कश्मीर जोन के इंस्पेक्टर जनरल विजय कुमार ने कहा कि आतंकवादियों को जम्मू तक पहुंचाने के लिए सिंह 12 लाख रुपये लेता था।

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