Friday, November 22, 2024
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Coronavirus से मरने वाले Kashmir के कारोबारी ने की थी कई जगहों की यात्रा, कई के संक्रमित होने का डर

इस कारोबारी ने जम्मू में अपने डॉक्टर मित्र से मुलाकात की और दोनों ने शहर के बाहरी इलाके साम्बा में स्थित एक मस्जिद में धार्मिक सभा को संबोधित किया। दोनों 16 मार्च तक जम्मू में साथ रहे और शहर के बाहर बाड़ी ब्राह्मन के एक लॉज में रूके थे, जिसे अब सील कर दिया गया है।

Written by: Bhasha
Published on: March 31, 2020 21:56 IST
Death- India TV Hindi
Image Source : FILE Representational Image

नई दिल्ली. कोरोना वायरस के संक्रमण से मरने से पहले श्रीनगर के एक कारोबारी ने निजामुद्दीन में तबलीगी जमात के धार्मिक आयोजन में हिस्सा लिया था और जम्मू कश्मीर वापस लौटने से पहले उसने हवाई, रेल और सड़क मार्ग से दिल्ली और उत्तर प्रदेश की यात्रा की थी, जिससे इस बात का डर है कि रास्ते में उससे कई और लोग संक्रमित हुए होंगे।

अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि इस व्यक्ति के जरिए संक्रमित होने वालों में संभवत: जम्मू-कश्मीर का एक डॉक्टर भी शामिल है जो फिलहाल जम्मू के एक अस्पताल में अपनी जिंदगी के लिए जूझ रहा है। श्रीनगर के इस कारोबारी की मौत 26 मार्च को हुई थी। वह इससे ठीक 19 दिन पहले दिल्ली के लिए रवाना हुआ था।

अधिकारियों का कहना है कि अपनी यात्राओं के दौरान उसने संभवत: बड़ी संख्या में लोगों को संक्रमित किया होगा और उसके कारण करीब 300 लोगों को पृथक रखा गया है। कारोबारी कहां-कहां और कैसे-कैसे गया इसकी जानकारी देते हुए अधिकारियों ने बताया कि तबलीगी जमात के आयोजन में हिस्सा लेने के लिए वह विमान से सात मार्च को श्रीनगर से दिल्ली गया।

तबलीगी जमात एक मुस्लिम संगठन है और दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित मरकज में उसके आयोजन में शामिल हुए करीब 2,000 लोगों में से फिलहाल 24 लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हो चुकी है। निजामुद्दीन (पश्चिम) हुए आयोजन में शामिल होने वाले लोगों में से छह की सोमवार को तेलंगाना में मौत हो गई। कुछ लोग इस कारोबारी को ‘‘सुपर स्प्रेडर’’ (बड़े क्षेत्र में वायरस फैलाने वाला) कह रहे हैं।

उसके संबंध में अधकारियों ने बताया कि वह नौ मार्च को दिल्ली से निकला और एक ट्रेन की शयनयान श्रेणी में सवार होकर देवबंद गया, जहां उसने दारुल उलूम की बैठक में हिस्सा लिया। उन्होंने बताया कि 11 मार्च को वह दूसरी ट्रेन से जम्मू आया। अधिकारियों ने बताया कि हमने पता लगा कर उसके साथ ट्रेन में यात्रा करने वाले कई यात्रियों को पृथक रखा है।

इस कारोबारी ने जम्मू में अपने डॉक्टर मित्र से मुलाकात की और दोनों ने शहर के बाहरी इलाके साम्बा में स्थित एक मस्जिद में धार्मिक सभा को संबोधित किया। दोनों 16 मार्च तक जम्मू में साथ रहे और शहर के बाहर बाड़ी ब्राह्मन के एक लॉज में रूके थे, जिसे अब सील कर दिया गया है। अधिकारियों ने बताया कि उक्त डॉक्टर फिलहाल जम्मू के एक अस्पताल में भर्ती है और उसकी हालत नाजुक है।

उन्होंने बताया कि डॉक्टर जम्मू क्षेत्र के राजौरी का रहने वाला है और उसके आसपास के कम से कम 45 लोगों को पृथक रखा गया है। कारोबारी को अपने संक्रमित होने का अंदेशा नहीं था और 16 मार्च को उसने जम्मू से श्रीनगर तक की यात्रा विमान से तय की। उसके बाद वह करीब 54 किलोमीटर दूर सोपोर तक सड़क मार्ग से गया। दो दिन बाद वह फिर सड़क मार्ग से ही श्रीनगर स्थित अपने घर लौटा।

एक अधिकारी ने बताया, ‘‘21 मार्च को उसने सीने में दर्द होने और सामान्य फ्लू होने की शिकायत की। उसे पहले पास के अस्पताल में ले जाया गया, जहां से उसे श्रीनगर के बाहरी इलाके सुरा स्थित एसकेआईएमएस अस्पताल भेजा गया।’’ शुरुआत में डॉक्टरों को लगा कि कारोबारी को परागकणों से एलर्जी है जो वसंत ऋतु में कश्मीर में सामान्य बात है। लेकिन, अगले दिन उसकी हालत बिगड़ गयी और उसे शहर के ‘चेस्ट एंड डीजीज अस्पताल’ ले जाया गया जहां 26 मार्च को उसकी मौत हो गई।

केन्द्र शासित जम्मू-कश्मीर में कोरोना वायरस संक्रमण से होने वाली यह पहली मौत थी। फिलहाल यहां 55 लोगों के वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। कारोबारी की मौत की सूचना मिलते ही प्रशासन ने इसका सघनता से पता लगाना शुरू किया कि वह कहां-कहां गया था। ऐसा माना जा रहा है कि उससे ही बांदीपुरा के चार लोग संक्रमित हुए हैं, जिन्होंने सोपोर में उसके धार्मिक आयोजन में हिस्सा लिया था और संदेह है कि अन्य लोग भी संक्रमित हुए होंगे। 

उन्होंने बताया कि कारोबारी ने जिन विमानों से यात्रा की थी, उसके सहयात्रियों की सूची निकाल ली गयी है और उन सभी को पृथक रखा गया है। उन्होंने बताया कि उसका इलाज करने वाले दो डॉक्टरों को भी पृथक रखा गया है। फिलहाल देश भर में प्रशासन तेजी से उन लोगों का पता लगाने में जुट गया है जिन्होंने तबलीगी जमात के आयोजन में हिस्सा लिया था और जिसमें मलेशिया, सऊदी अरब और इंडोनेशिया से आए लोगों सहित सैकड़ों की संख्या में लोगों ने भाग लिया था।

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन ने बताया कि निजामुद्दीन (पश्चिम) से 1,033 लोगों को अलग-अलग जगहों पर स्थानांतरित किया गया है। उन्होंने बताया, ‘‘इस आयोजन में हिस्सा लेने वाले करीब 700 लोगों को पृथक रखा गया है जबकि करीब 335 लोगों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।’’ इसके अलावा आयोजन में हिस्सा लेने वाले अन्य सभी लोगों की भी जांच की जा रही है। तबलीगी जमात के लोग परिवहन के सबसे सस्ते साधनों का प्रयोग करने के लिए जाने जाते हैं, ताकि वे ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंच सकें।

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