नई दिल्ली। पाकिस्तान ने भारत के सिख श्रद्धालुओं को करतारपुर साहिब जाने की अनुमति फिर से दे दी है। अगले महीने गुरु नानक देव जी की पुण्यतिथि है, इसे देखते हुए पाकिस्तान ने सिख तीर्थयात्रियों को कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत करतारपुर आने की अनुमति दी है। सिर्फ वही सिख श्रद्धालु करतारपुर जा पाएंगे जिन्होंने कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज़ लगवा ली है। कोविड महामारी की वजह से मार्च 2020 में करतारपुर साहिब के लिए तीर्थयात्रा स्थगित कर दी गई थी।
करतारपुर का गुरुद्वारा पंजाब से लगते बॉर्डर पर पाकिस्तान की सीमा के अंदर है लेकिन भारतीय सीमा से यह गुरुद्वारा सिर्फ 3 किलोमीटर की दूरी पर है। नवंबर 2019 में भारत और पाकिस्तान की बीच भारतीय श्रद्धालुओं के लिए एक कॉरिडोर की शुरुआत की गई थी लेकिन मार्च 2020 में कोरोना महामारी की वजह से कॉरिडोर को बंद करना पड़ा था।
करतारपुर का गुरुद्वारा भारत के लिए काफी अहम है, प्रथम सिख गुरू नानक देव करतारपुर में रहते थे। भारत के के पंजाब में स्थित डेरा बाबा नानक नाम की जगह से यह गुरुद्वारा सिर्फ 3 किलोमीटर की दूरी पर है और जब भारत और पाकिस्तान की बीच इस गुरुद्वारे के लिए कॉरिडोर नहीं बना था तो भारतीय श्रद्धालु दूरबीन से वहां के दर्शन करते थे।
1920-29 के बीच इस गुरुद्वारे का पुनर्निर्माण महाराज पटियाला ने कराया था, तब इस पर 1 लाख 35 हजार 600 रुपये का खर्च आया था। इस पुनर्निर्माण की जरूरत रावी नदी में आयी बाढ़ के बाद हुए नुकसान के कारण महसूस की गयी थी, 1995 में भी पाकिस्तान सरकार ने इसके कुछ हिस्सों का निर्माण कराया।