नई दिल्ली: सोशल मीडिया में वायरल मैसेज से कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में ऐसा हड़कंप मचा कि चौराहे पर एक इंजीनयिर को भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला। कर्नाटक के बीदर जिले में सैकड़ों लोगों की भीड़ ने अंधे इंसाफ का जो झंडा लहराया है, वो इस देश की आत्मा को शर्मिंदा कर रहा है। बेंगलुरु में रहने वाले जिस गूगल के सॉफ्टवेयर इंजीनियर 32 साल के मोहम्मद आज़म अहमद को मारा गया है उसके पास इस देश का आधार कार्ड, वोटर आई कार्ड सब था लेकिन वो फंस गया था ऐसे लोगों के बीच जिन्हें देश के कानून से कोई लेना-देना नहीं है, जो कबिले का कानून मानते हैं।
अपने चार दोस्तों के साथ मोहम्मद आज़म अहमद जानवरों के बीच मेमने की तरह फंस गया था। मोहम्मद आज़म शुक्रवार की सुबह हैदराबाद से बीदर के लिए निकला था। उसके साथ उसके चार दोस्त भी थे। ये सभी रास्ते में फोटो खींचने के लिए एक गांव में रुके जहां ये गांव में खेल रहे बच्चों को चॉकलेट देने लगे। स्थानीय लोग चारों लड़कों को बच्चा चोर समझ बैठे।
किसी ने अफवाह उड़ा दी गांव में बच्चा चोर आये हैं। वॉट्सअप पर फोटो वायरल हो गई। अगले गांव में चारों लड़कों को घेर लिया गया और उसके बाद जो हुआ वो आपके सामने है। चार लड़कों में से एक की अस्पताल में मौत हो गई है और बाकी तीन आईएसयू में जिदंगी के लिए जंग लड़ रहे हैं। गांव वालों ने अंजान लोगों को देखा तो टूट पड़े। वॉट्सअप के एक मैसेज ने लोगों को इतना निरंकुश, इतना हमलावर बना दिया था कि लोग आदमी होने का संस्कार ही भूल चुके थे।
ये कितना विभत्स है कि पिछले दो महीने में भीड़ ने 12 लोगों की हत्या कर डाली है। पुलिस हाथ जोड़कर भीड़ के सामने छोड़ देने की गुहार लगा रहा है लेकिन एक भी आदमी सुनने के लिए तैयार नहीं था। ऐसी खबर आतंकित करती है कि क्योंकि ऐसी खबरों में कानून, संविधान, कोर्ट, कचहरी और पुलिस की भूमिका खत्म हो जाती है। अब वीडियो सामने आया तो पुलिस उन लोगों की तलाश कर रही है, जिन्होंने इस घटना को अंजाम दिया है।