बेंगलुरु। महाराष्ट्र में 53 मीडिया कर्मियों के कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने की खबर से चिंतित एक मंत्री ने मंगलवार को मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा से कर्नाटक के सभी पत्रकारों की जांच करवाने का आग्रह किया है। सोमवार को कोविड-19 संबंधित नियमित ब्रीफिंग के दौरान, प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्री एस सुरेश कुमार के समक्ष एक रिपोर्टर ने पड़ोसी राज्य में 53 पत्रकारों को संक्रमित पाए जाने का मुद्दा उठाया।
महाराष्ट्र में 171 पत्रकारों को कोविड-19 की जांच की गई, जिनमें से 53 को वायरस से संक्रमित पाया गया। मुख्यमंत्री को लिखे अपने पत्र में कुमार ने कहा कि कर्नाटक में भी इसी तरह से पत्रकारों की जांच होनी चाहिए। कुमार ने पत्र में लिखा कि पत्रकार चाहते हैं कि उनकी भी इस तरह की जांच की जाए। इसलिए आप कृपया लोगों के संपर्क में आए पत्रकारों की जांच कराने के लिए स्वास्थ्य और सूचना विभाग को तुरंत निर्देश दें।
गंभीर स्वास्थ्य समस्या वाले 55 साल से ऊपर के लोगों की कोराना जांच
कर्नाटक में 55 वर्ष से ऊपर के जिन लोगों को गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हैं, उन्हें अब सेहत से जुड़ी कोई भी समस्या होने पर कोरोना वायरस संक्रमण की जांच कराई जा रही है, क्योंकि सरकार इसे फैलने से रोकने के लिए एहतियाती उपायों पर जोर दे रही है।
कोविड-19 से जुड़े सभी मामलों के प्रभारी, चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुधाकर के. ने मंगलवार को बताया कि अगर ऐसे लोगों को जरा भी बेचैनी, थकान या परेशानी होता है तो सरकार इसे गंभीरता से लेगी। मंत्री ने कहा कि हम ऐसे मामलों में कोरोना वायरस की जांच करेंगे और हम ऐसा करना चाहते हैं। हमने वरिष्ठ नागरिकों खास कर जिन्हें पहले से गंभीर बीमारियां हैं उनके लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। अगर उन्हें हल्की सी भी परेशानी होगी तो हम इसे गंभीरता से लेना चाहते हैं।
राज्य की आबादी में वरिष्ठ नागरिक करीब सात प्रतिशत है। मंत्री ने यह भी कहा कि राज्य में हर दिन करीब 2,300 ट्रांसक्रिप्शन पोलीमरेज चैन रिएक्शन (आरटी-पीसीआर) जांच की है। यह प्रयोगशाला में कोरोना वायरस का पता लगाने और उसके अध्ययन का सबसे सटीक तरीका है। सुधाकर ने कहा कि ये जांच 10 मई तक बढ़ाकर कम से कम 10,000 करने का लक्ष्य है। कर्नाटक में कोरोना वायरस संक्रमण के चलते 17 लोग जान गंवा चुके हैं। यहां 415 लोग कोरोना से संक्रमित हैं।