बेंगलुरु: कर्नाटक सरकार ने नाइट कर्फ्यू लगाने के आदेश को बृहस्पतिवार को अचानक वापस ले लिया। ब्रिटेन में कोरोना वायरस के नए स्वरूप के मामलों के बाद ऐहतियाती कदम उठाते हुए बुधवार को ही कर्नाटक सरकार ने नौ दिनों तक रात 11 बजे से सुबह पांच बजे तक कर्फ्यू लगाने का फैसला किया था।
मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने एक बयान में कहा, ‘‘नाइट कर्फ्यू को लेकर लोगों की राय के मद्देनजर फैसले की समीक्षा की गयी। मंत्रिमंडल के सहयोगियों और वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा करने के बाद नाइट कर्फ्यू के आदेश को वापस लेने का फैसला किया गया।’’
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मुख्यमंत्री ने कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लोगों से मास्क पहनने, हाथ धोने और उचित दूरी बनाए रखने जैसे नियमों का पालन करने के साथ अत्यंत सतर्कता बरतने की अपील की है।
बता दें कि इससे पहले स्वास्थ्य मंत्री के सुधाकर ने नाइट कर्फ्यू लगाने के सरकार के कदम का बचाव करते हुये कहा कि कोविड-19 पर तकनीकी परामर्श समिति की सलाह के बाद यह निर्णय किया गया है। संवाददाताओं से बातचीत में सुधाकर ने कहा, ‘‘तकनीकी परामर्श समिति (टीएसी) ने एहतियात के तौर पर रात आठ बजे से कर्फ्यू लगाने की सिफारिश की। हालांकि, बेहद विचार विमर्श के बाद हमने रात 11 बजे से सुबह पांच बजे तक लोगों के आवगमन को प्रतिबंधित करने का निर्णय किया है।’’
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नाइट कर्फ्यू को बीजेपी सरकार की गलतियों को ढकने वाला और जनता का ध्यान भटकाने वाला करार देते हुये प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डी के शिवकुमार ने कहा, ‘‘यह एक ऐसी सरकार है जो जिम्मेदार नहीं है । विभिन्न माध्यमों से यह लोगों का ध्यान भटकाने का प्रयास करती है।’’ शिवकुमार ने कहा, ‘‘रात के कर्फ्यू से किस प्रकार कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने में मदद मिलेगी?’’
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बीजेपी पार्षद ए एच विश्वनाथ ने भी रात का कर्फ्यू लगाने के सरकार के निर्णय की आलोचना की है। प्रदेश में सत्तारूढ़ बीजेपी के एक अन्य वरिष्ठ नेता एवं विजयपुरा के विधायक बसाना गौड़ा पाटिल यतनाल ने भी सरकार से इस निर्णय पर दोबारा विचार करने के लिये कहा है।