बेंगलुरू। कर्नाटक इस समय भीषण बाढ़ का सामना कर रहा है। इस भीषण आपदा के लिए धन की व्यवस्था करने के लिए राज्य की येदियुरप्पा सरकार ने एक खास योजना शुरू की है। राज्य सरकार ने कर्नाटक में बाढ़ ग्रस्त गांवों का नाम राहत कार्यों के लिए 10 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि देने वाले दानदाताओं के नाम पर रखने का एलान किया है। हालांकि सरकार की पेशकश को लेकर कुछ वर्गों की आलोचना के बाद मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने कहा कि केवल नयी बस्तियों (लेआउट) का ही नाम बदला जाएगा।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘स्पष्टीकरण : मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी कि 10 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि देने वाले दानदाताओं के नाम पर गांवों का नहीं बल्कि बस्तियों का नाम रखा जाएगा।’’ मुख्यमंत्री ने बाढ़ से मची तबाही के मद्देनजर बुधवार को उद्योगपतियों और कोरपोरेट के साथ बैठक में घोषणा की थी कि अगर कंपनियां 10 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि देती है तो उनके नाम पर गांवों के नाम रखे जाएंगे। उनकी इस घोषणा पर कुछ लोगों ने हैरानी जताई।
हालांकि मुख्यमंत्री की इस योजना को लेकर राजनीति भी तेज हो गई है। पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा के नेतृत्व वाली जद(एस) ने गांवों के नाम बदलने के प्रस्तावित कदम को ‘‘तुगलक’’ फरमान बताया। इसके बाद सरकार ने अपने इस प्रस्ताव में खास संशोधन किए हैं।