बेंगलुरू | कर्नाटक में विधानसभा अध्यक्ष के.आर. रमेश कुमार सदन में 17 जुलाई को एच. डी. कुमारस्वामी सरकार को बहुमत साबित करने के लिए कह सकते हैं। उन्होंने मंगलवार को कांग्रेस और जनता दल (एस) के सभी 13 विधायकों के इस्तीफों को मंजूर करने से मना कर दिया। स्पीकर ने कहा कि इनमें से आठ विधायकों के इस्तीफे तयशुदा फार्मेट में नहीं हैं और पांच अन्य को यह स्पष्टीकरण देने की जरूरत है कि उनका यह कदम क्यों नहीं दल बदल विरोधी कानून के दायरे में आता है।
उन्होंने कहा कि इन विधायकों को इस्तीफों को फिर से दाखिल करने और इनकी वजहों का खुलासा करने के लिए 21 जुलाई तक का समय दिया गया है। इन 13 विधायकों में से 10 कांग्रेस के और तीन जद (एस) के हैं। सूत्रों ने बताया कि इस्तीफा देने वाले कांग्रेस विधायक रामलिंगा रेड्डी को बागियों में से प्रमुख माना जा रहा है। उन्होंने और उनकी कांग्रेस विधायक बेटी सौम्या रेड्डी ने मंगलवार को दिल्ली में कांग्रेस नेता व संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की।
गठबंधन के 13 विधायकों के शनिवार को इस्तीफे के बाद उपजे संकट से निपटने के लिये कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) की बैठक हुई जिसमें यह फैसला लिया गया था कि जिन बागी विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है, पार्टी उन्हें अयोग्य घोषित करने की मांग करेगी। कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन सरकार के सभी मंत्रियों ने सोमवार को इस्तीफे देकर असंतुष्ट विधायकों को शामिल करने के लिए मंत्रिमंडल में फेरबदल का मार्ग प्रशस्त किया था। इस बीच, शिवाजीनगर से कांग्रेस के विधायक आर रोशन बेग ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। बेग को कथित पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए हाल में ही निलंबित किया गया था।
बेग ने कहा, ‘‘आज, मैंने कर्नाटक विधानसभा से अपना इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष को सौंप दिया है।’’ कांग्रेस के 10 विधायकों और जद (एस) के तीन विधायकों ने एच डी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार से इस्तीफा दे दिये थे। बागी विधायक कांग्रेस की ओर से उन्हें अयोग्य ठहराये जाने के लिये उठाए गए कदम से बेपरवाह नजर आये और उन्होंने कहा कि इस्तीफे वापस लेने का सवाल ही नहीं उठता है। कांग्रेस विधायक एस टी सोमशेखर ने पत्रकारों से कहा, ‘‘इस्तीफा वापस लेने का सवाल ही नहीं उठता है। हमने स्वेच्छा से इस्तीफे दिये हैं और हम किसी पार्टी विरोधी गतिविधि में शामिल नहीं हैं।’’