बेंगलुरू: कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी को रायचूर जिले में येरमरूस थर्मल पावर स्टेशन के कर्मचारियों द्वारा अपनी मांगों की सूची सौंपने के लिए काफिले का रास्ता रोकना नागवार गुजरा। कर्मचारियों का एक समूह जब कुमारस्वामी के पास पहुंचा तो वह उन पर भड़क गए। मुख्यमंत्री अपने ‘ग्राम वास्तव्य’ (गांव प्रवास) कार्यक्रम के लिए प्रदेश के रायचूर में थे, जहां कर्मचारियों के समूह ने अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री से संपर्क किया और नारेबाजी की। उन मांगों में रोजगार का ‘वादा’ नहीं पूरा किया जाना भी शामिल था। बिजली संयंत्र के लिये उनकी जमीन लेते समय उन्हें रोजगार देने का वादा किया गया था।
मुख्यमंत्री ने वाईटीपीएस के कर्मचारियों से कहा, ‘‘आपने नरेंद्र मोदी को वोट किया और काम आप मुझसे करवाना चाहते हैं! आप मुझसे चाहते हैं कि मैं आपका आदर करूं। क्या मुझे आप पर लाठीचार्ज कराना चाहिए। चले जाइये यहां से।’’ मुख्यमंत्री के इस रवैये से वहां मौजूद हर व्यक्ति हैरान रह गया। इसके बाद मुख्यमंत्री वहां से चले गए। मुख्यमंत्री के इस आचरण की भाजपा और प्रदेश पार्टी प्रमुख बी एस येदियुरप्पा ने आलोचना की और कहा कि मुख्यमंत्री से मिलने की इच्छा रखने वाले लोगों पर चीखना-चिल्लाना लोकतंत्र के खिलाफ है।
बाद में कुमारस्वामी (59) ने एक चैनल से कहा कि उन्होंने कर्मचारियों की समस्या के समाधान के लिए 15 दिन का वक्त मांगा था लेकिन उन्होंने सड़क जाम कर दी और इससे उन्हें गुस्सा आ गया। उन्होंने पूछा कि अगर प्रधानमंत्री का काफिला रोका जाएगा तो क्या कोई स्वीकार करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘यह सरकार सहिष्णु है लेकिन अक्षम नहीं है और उसे पता है कि ऐसी स्थितियों से कैसे निपटा जाए।’’
बाद में करेगुड्डा गांव में लोगों को संबोधित करते हुए कुमारस्वामी ने कहा कि भविष्य में वह इस बात की सावधानी बरतेंगे कि उनके बोले गये शब्दों को कहीं अपराध न समझा जाये। उन्होंने कहा, ‘‘मोदी का नारा लगाने से उद्देश्यों की पूर्ति नहीं होगी क्योंकि आपकी आवाज दिल्ली तक नहीं पहुंचेगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं ही हूं जिसे आपकी आवाज सुननी है और चीजें दुरूस्त करनी है।’’
भाजपा पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि अगर जरूरी हुआ तो दिल्ली में मोदी से मुलाकात करने तथा केंद्र द्वारा किये गये कार्यों का लाभ लेने के लिये वह येदियुरप्पा और उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं के लिये राज्य सरकार के कोष से विशेष ट्रेन की व्यवस्था कर देंगे। इस बीच कर्नाटक भाजपा ने मुख्यमंत्री के इस रवैये की निंदा की है और कहा है कि अगर उन्होंने लोगों से माफी नहीं मांगी तो राज्यव्यापी प्रदर्शन किया जाएगा।
कुमारस्वामी की आलोचना करते हुए येदियुरप्पा ने कहा कि गांव में ठहरने के कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों की शिकायतें सुनना था। उन्होंने कहा, ‘‘कई किलोमीटर चलकर आपसे मिलने के लिये पहुंचे लोगों को लाठीचार्ज करने की धमकी देना लोकतंत्र के खिलाफ है। संभवत: लोकसभा चुनाव में हार की वजह से मुख्यमंत्री अपना आपा खो बैठे।’’
भाजपा के विधान पार्षद एवं प्रवक्ता एन रवि कुमार ने कहा है कि लगता है कि मुख्यमंत्री यह भूल गए हैं कि वह राज्य के 6.5 करोड़ लोगों के मुख्यमंत्री है न कि जद(एस) के कुछ कार्यकर्ताओं और विधायकों के। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की यह कार्रवाई लोकतंत्र के खिलाफ है।