बेंगलूर: केंद्र की ओर से बुलाई गई एक बैठक के नतीजे का इंतजार करते हुए कर्नाटक कैबिनेट ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मुताबिक तमिलनाडु को प्रतिदिन 6,000 क्यूसेक पानी देने पर अपना फैसला कल तक के लिए टाल दिया है ।
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एक सर्वदलीय बैठक के बाद बुलाई गई कैबिनेट बैठक के बारे में पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा, हमने पानी देने पर फैसला कल तक के लिए टाल दिया है.......हम (बैठक के) नतीजों का इंतजार करेंगे और तब अगले कदम पर फैसला करेंगे ।
उन्होंने कहा कि इस मामले का समाधान तलाशने के लिए केंद्र की ओर से गुरुवार को कर्नाटक और तमिलनाडु की बैठक बुलाई गई है, जिसमें कर्नाटक सरकार कावेरी बेसिन के चार जलाशयों में भंडारण के स्तर सहित जमीनी हालात से केंद्र को अवगत कराएगी । सिद्धारमैया ने कहा, "मैं बैठक में हिस्सा लूंगा और अपना पक्ष रखूंगा । देखिए कि बैठक से क्या निकलकर सामने आता है।"
कर्नाटक विधानमंडल की ओर से पारित एक प्रस्ताव के बावजूद सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक सरकार को आदेश दिया था कि वह अगले तीन दिनों तक तमिलनाडु को प्रतिदिन 6,000 क्यूसेक पानी दे। विधानमंडल ने प्रस्ताव पारित कर कहा था कि कावेरी नदी के पानी का इस्तेमाल सिर्फ पीने के लिए किया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों एवं केंद्र की बैठक बुलाकर कावेरी विवाद के राजनीतिक समाधान का आह्वान भी किया था।
जस्टिस दीपक मिश्रा और यू यू ललित की पीठ ने कहा था, "हमें यकीन है कि कर्नाटक सरकार 30 सितंबर को इस मामले पर हमारी सुनवाई होने तक बगैर किसी बाधा या अड:गे के आदेश का पालन करेगी।" आदेश में साफ तौर पर इस बात का जिक्र किया गया कि कोई बाधा नहीं होनी चाहिए, इस बाबत सिद्धारमैया ने कहा, "हमें इसके बारे में पता है । हमें विधानमंडल के प्रस्ताव और विपक्षी पार्टियों की ओर से दिए गए सुझावों के बारे में भी पता है।"
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