Thursday, November 21, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. पानी की तेज धार में ऐम्बुलेंस को रास्ता दिखा हीरो बन गया 12 साल का बच्चा, वीडियो वायरल

पानी की तेज धार में ऐम्बुलेंस को रास्ता दिखा हीरो बन गया 12 साल का बच्चा, वीडियो वायरल

कर्नाटक के रायचूर जिले में हीरेरायनकुंपी गांव के वेंकटेश ने एक ऐम्बुलेंस को उस समय रास्ता दिखाया, जब पुल पूरी तरह पानी में डूब चुका था।

Reported by: T Raghavan
Published on: August 15, 2019 12:24 IST
The 12-year-old braveheart puts his life in danger to lead an ambulance through a flood bridge in Ra- India TV Hindi
The 12-year-old braveheart puts his life in danger to lead an ambulance through a flood bridge in Raichur

बेंगलुरू: कर्नाटक के बाढ़ग्रस्त रायचूर जिले के एक 12 साल के लड़के ने बहादुरी की जबर्दस्त मिसाल पेश की है। जिले के हीरेरायनकुंपी गांव के रहने वाले इस बच्चे ने बीते शनिवार को एक ऐम्बुलेंस को रास्ता दिखाने के लिए पानी की तेज धार की परवाह भी नहीं की। रिपोर्ट्स के मुताबिक, उस समय ऐम्बुलेंस में 6 बच्चों समेत एक मृत महिला का शव भी था। 12 साल के बच्चे वेंकटेश की इस बहादुरी पर प्रशासन ने उसे सरकार से वीरता पुरस्कार देने की सिफारिश की है।

बाढ़ के पानी में डूब गया था पुल

कर्नाटक के रायचूर जिले में हीरेरायनकुंपी गांव के वेंकटेश ने एक ऐम्बुलेंस को उस समय रास्ता दिखाया, जब पुल पूरी तरह पानी में डूब चुका था। 6 बच्चों और एक मृत महिला के शव को लेकर जा रहे इस ऐम्बुलेंस को पुल पार करना था। कुछ ही दूरी पर 12 साल का वेंकटेश अपने दोस्तों के साथ खेल रहा था। ऐम्बुलेंस के ड्राइवर ने बच्चों से पुल पर पानी के बहाव के बारे में जानकारी लेनी चाही, तभी वेंकटेश ने पानी की तेज धार में खुद ऐम्बुलेंस के आगे दौड़ने का साहसिक फैसला लिया। इस तरह ऐम्बुलेंस ड्राइवर को पानी की गहराई का अंदाजा मिलता रहा और ऐम्बुलेंस आसानी से पुल के पार चली गई।


दोस्तों ने वेंकटेश को किया था आगाह
पुल पर खेल रहे वेंकटेश के दोस्तों ने उसे पानी की तेज धारा को लेकर आगाह भी किया था, लेकिन उसने किसी भी चीज की परवाह नहीं की। ऐम्बुलेंस के ड्राइवर ने बताया कि दोस्तों के आगाह करने पर वेंकटेश ने कहा कि उसे इस पुल के बारे में पता है, और इसके बाद उसने ऐम्बुलेंस के आगे चलकर पुल पार भी करवा दिया। वेंकटेश की इस बहादुरी के चलते जहां 6 बच्चे राहत शिविर में पहुंच गए, वहीं ड्राइवर ने महिला का शव भी अस्पताल के सुपुर्द कर दिया।

‘मैंने तो सिर्फ ऐम्बुलेंस के ड्राइवर की मदद की’
वेंकटेश की बहादुरी की कहानी सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हुई। जब स्थानीय मीडिया ने इस बारे में वेंकटेश से पूछा तो उसने सिर्फ इतना कहा कि उसे पता नहीं कि उसने क्या बहादुरी का काम किया है। वेंकटेश ने कहा कि एक एंबुलेंस ड्राइवर ने उससे मदद मांगी थी और उस वक्त उसे ऐसा लगा था कि ऐम्बुलेंस ड्राइवर की मदद करना जरूरी है, ऐम्बुलेंस को रास्ता दिखाना जरूरी है इसीलिए उसने उससे कहा था कि वह आगे चलते हुए पुल को पार करेगा ताकि पानी के स्तर का अंदाजा हो जाए।

The 12-year-old braveheart puts his life in danger to lead an ambulance through a flood bridge in Ra

12 साल के वेंकटेश को वीरता पुरस्कार देने की सिफारिश की गई है।

वेंकटेश को वीरता पुरस्कार देने की मांग
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो के साथ-साथ अब इस बात की मांग भी उठने लगी है कि 12 साल के वेंकटेश को इस काम के लिए वीरता पुरस्कार मिलना चाहिए। कर्नाटक सरकार में वरिष्ठ आईएएस अधिकारी कैप्टन मणिवन्नन ने भी सरकार को पत्र लिखकर वेंकटेश को उसके इस साहसिक काम के लिए वीरता पुरस्कार देने की सिफारिश की है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, रायचूर जिला प्रशासन ने भी 12 साल के बच्चे की बहादुरी के लिए उसे पुरस्कार देने की मांग का समर्थन किया है।

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement