कर्नाटक विधानसभा में सरकार बनाने के लिए राज्यपाल ने बुधवार रात 9 बजे भाजपा को न्योता दिया और गुरुवार सुबह 9 बजे शपथ लेने के लिए कहा। इसके साथ ही बीएस येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के 15 दिन के अंदर सदन में अपना बहुमत साबित करने के लिए कहा। लेकिन राज्यपाल वजुभाई वाला के फैसले से कांग्रेस नाराज हुई और 117 विधायकों के समर्थन होने के बाद भी मौका ना मिलने के बाद राज्यपाल के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देते हुए बीएस येदियुरप्पा का आज सुबह शपथ ग्रहण रोकने की अर्जी लगाई। कांग्रेस की याचिका के बाद सीजेआई ने तीन जजों की बेंच का गठन कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई :
कांग्रेस ने बीएस येदियुरप्पा के शपथ ग्रहण समारोह को रोकने के लिए सुप्रीम में गुहार लगाई। कांग्रेस की इस याचिका पर जीन जजों की बेंच का गठन रात 1 बजे गठन हुआ। तीन जचों की इस पीठ ने सुप्रीम कोर्ट के कोर्ट रूम नंबर 6 में दोनों पक्षों की दलीले कोर्ट सुन रहा है।
इन तीन जजों की पीठ कर रही है सुनवाई :
जस्टिस सिकरी, जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस एसए बोबडे की बेंच इस मामलें की सुनवाई कर रही है।रात 1 बजे CJI ने कांग्रेस-JD(S) की याचिका पर तीन जजों की बेंच की गठन किया।
क्या कहा सिंघवी ने :
• अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट को बताया कि जेडीएस और कांग्रेस गठबंधन के बाद 117 विधायकों का समर्थन।
• गर्वनर ने रात 9 बजे क्यो फैसला दिया]
• राज्यपाल के फैसले को अभिषेक मनु सिंघवी ने संवैधानिक पाप बताते कहा कि इससे खरीद फरोख्त को बल मिलेगा।
• सिंघवी वे कोर्ट के सामने सीटों का जिक्र किया
• अभिषेक मनु सिंघवी ने सरकारिया कमीशन का जिक्र किया
• येदियुरप्पा ने 7 दिन का वक्त मांगा लेकिन राज्यपाल ने उनको 15 दिन का समय दिया
मुकुल रोहतगी ने क्या दलील दी :
मुकुल रोहतगी ने ने अनुक्ष्छेद 361 का हवाला देते हुए कहा कि राज्यपाल के फैसले को चुनौती नहीं दी जा सकती।
जजों ने कांग्रेस से सर्मथन वाला लिखित समर्थन मांगा
दोनों पक्षों की दलील सुनने के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस से जेडीएस को समर्थन वाला लिखित खत देखने के लिए मांगा जिसके बाद अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा अभी हमारे पास इस वक्त वह खत नहीं है।
वो चर्चित केस जिनका हवाला दिया गया
1. सरकारिया कमिशन,
2. बोम्मई केस