कर्नाटक ने केंद्र से 1500 टन ऑक्सीजन, रेमडेसिविर की एक लाख शीशियां मुहैया कराने को कहा
Karnataka asked the Center to provide 1500 tonnes of oxygen, one lakh vials of Remedisvir
बेंगलुरु: कर्नाटक ने कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर केंद्र से राज्य को 1500 मीट्रिक टन ऑक्सीजन और रेमडेसिविर इंजेक्शन की एक लाख शीशियां मुहैया कराने का अनुरोध किया है। कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री डॉ के.सुधाकर ने बृहस्पतिवार को संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमारा आकलन है कि अगले एक महीने में हमें 1500 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की जरूरत हो सकती है। इस संबंध में मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने केंद्रीय रेल, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखा है।’’
सुधाकर ने कहा कि उन्होंने खुद केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन को ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए पत्र लिखा है। सुधाकर ने बताया कि राज्य सरकार ने राज्य में प्रमुख ऑक्सीजन उत्पादकों के साथ बैठक की। इनमें जेएसडब्ल्यू स्टील सबसे बड़ी कंपनी है। उन्होंने बताया, ‘‘हमने सज्जन जिंदल के साथ बैठक की और उन्होंने राज्य में जरूरत के मुताबिक ऑक्सीजन उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है।’’
मंत्री ने बताया कि बैठक के बाद जेएसडब्ल्यू स्टील ने पिछले दो दिनों में बेंगलुरु के लिए आवश्यक 40 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति की। इसके अलावा राज्य रेमडेसिविर इंजेक्शन की अतिरिक्त आपूर्ति की मांग भी की है जो कोविड-19 के उपचार के लिए महत्वपूर्ण है। मंत्री के अनुसार राज्य ने रेमडेसिविर इंजेक्शन की 70,000 शीशियों का ऑर्डर दिया हे जिनमें से 20,000 शीशियां पहुंच गयी हैं जबकि शेष की आपूर्ति आगामी दिनों में होगी।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने पहले ही रेमडेसिविर इंजेक्शन की 70,000 शीशियों का ऑर्डर दिया है। इसके अलावा हमने केंद्र को भी पत्र लिखकर रेमडेसिविर इंजेक्शन की एक लाख शीशियों की मांग की है।’’ यह पूछे जाने पर कि राज्य ने पहले से ही ऑक्सीजन का पर्याप्त भंडार क्यों नहीं रखा था, इसके जवाब में मंत्री ने कहा कि मामले कम होने पर ऐसी कोई मांग नहीं थी और इसलिए इसके भंडारण का कोई औचित्य नहीं था। अब मामले बढ़ने पर जरूरत को पूरा करने के लिए बैठकें की गयीं।
मंत्री का बयान ऐसे वक्त में आया है जब कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर ऑक्सीजन और रेमडेसिविर इंजेक्शन की मांग बढ़ गयी है जिसके चलते इनकी कालाबाजारी हो रही है। सरकार ने इन पर कार्रवाई करते हुए रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया है। हालांकि इसके बावजूद दवा की कमी बनी हुई है। राज्य में ऑक्सीजन सिलेंडर की कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है।