Thursday, December 19, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. 'परमवीर चक्र सीरियल' से लेकर 'परमवीर चक्र' से सम्मानित होने तक, कैप्टन विक्रम बत्रा के जुड़वा भाई से जानिए पूरी शौर्यगाथा

'परमवीर चक्र सीरियल' से लेकर 'परमवीर चक्र' से सम्मानित होने तक, कैप्टन विक्रम बत्रा के जुड़वा भाई से जानिए पूरी शौर्यगाथा

विशाल बत्रा ने बताया कि शहीद विक्रम बत्रा को मिशन पॉइंट 5140 का आदेश मिला जहां उन्होंने पाकिस्तानी बंकरो को तबाह कर भारत का झंडा लहराया

Reported by: Kumar Vicky
Updated : July 26, 2020 13:21 IST
कैप्टन विक्रम बत्रा...
Image Source : FILE PHOTO कैप्टन विक्रम बत्रा के जुड़वा भाई से जानिए पूरी शौर्यगाथा 

नई दिल्ली: दुनिया के नक्शे पर सबसे कठिन हालात में सबसे भयंकर युद्ध 1999 में कारगिल में लड़ा गया।  एक दो नहीं, एक साथ कई पहाड़ों की चोटियों से अचानक भारतीय सैनिकों को चुन-चुन कर निशाना बनाया जा रहा था। भारतीय सेना की कई रेजिमेंट सिर पर कफन बांधकर चोटियों पर फतेह के लिए निकल पड़ी और देश के योद्धाओं ने भारतभूमि की रक्षा और सुरक्षा की सबसे बड़ी अग्निपरीक्षा से गुजरते हुए दुश्मनों के छक्के छुड़ा दिए और एकबार फिर पहाड़ की ऊंची चोटियों पर तिरंगा लहरा दिया। आज उसी कारगिल विजय दिवस की 21वीं वर्षगांठ है। इस युद्ध में शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा के जुड़वा भाई विशाल बत्रा ने उनकी पूरी शौर्य गाथा बयां की। उन्होंने बताया कि कैसे बचपन में परमवीर चक्र सीरियल से प्रेरणा पाकर वे सेना में भर्ती हुए और युद्ध में देश के काम आए। 

कैप्टन विक्रम बत्रा के भाई विशाल बत्रा ने बताया कि वे और बिक्रम दोनों जुड़वा भाई थे और दोनों के जन्म के बीच सिर्फ 14 मिनट  का अंतर था। उन्होंने बताया कि टीवी सीरियल परमवीर चक्र को देखकर आर्मी में जाने की प्रेरणा मिली और अंतत: बिक्रम ने डिफेंस सर्विसेज की पढ़ाई चंडीगढ़ में की और 6 दिसंबर 1997 को लेफ्टिनेंट के तौर पर आर्मी में ज्वाइन किया।

यह भी पढ़ें-

घायल शेर की तरह कैप्टन विक्रम बत्रा ने किया था दुश्मन का सफाया, शौर्य जानकर दंग रह जाएंगे आप 

कारगिल की संपूर्ण विजयगाथा, पढ़िए हर एक दिन की फतह और हर वीर के पराक्रम की पूरी कहानी
4 पाकिस्तानी बंकरों को ध्वस्त करने वाले कैप्टन मनोज पांडेय की शौर्यगाथा
19 साल का लड़का और लग चुकी थी 15 गोलियां, लेकिन योगेंद्र यादव ने खत्म किए कई दुश्मन सैनिक 

विशाल बत्रा ने बताया कि शहीद विक्रम बत्रा को मिशन पॉइंट 5140 का आदेश मिला जहां उन्होंने पाकिस्तानी बंकरो को तबाह कर भारत का झंडा लहराया और अपने कमांड पोस्ट को अपना सिग्नल दिया 'ये दिल मांगे मोर'। इसके बाद कैप्टन विक्रम बत्रा को 5 जुलाई को दूसरा मिशन पॉइंट 4875 मिला। यहीं पर पाकिस्तानियों से लोहा लेते समय बिक्रम बत्रा शहीद हो गए। 

 कैप्टन विक्रम बत्रा के जुड़वा भाई से जानिए पूरी शौर्यगाथा

Image Source : INDIA TV
 कैप्टन विक्रम बत्रा के जुड़वा भाई से जानिए पूरी शौर्यगाथा 

शहीद बिक्रम बत्रा के भाई ने बताया, '9 मार्च 1999 को मेरी उनसे आखिरी मुलाकात हुई थी जब यह बेलगांव से 30 दिन का कमांडो कोर्स पूरा करके लौटे थे।' 

बिक्रम बत्रा को याद करते हुए विशाल ने बताया कि जब शहीद विक्रम बत्रा को कारगिल के लिए कॉल आई तो उनके एक दोस्त ने उनसे कहा कि अपना ध्यान रखना। इस पर शहीद विक्रम बत्रा ने कहा था कि या तो तिरंगे में लिपट कर आऊंगा या तिरंगा लहरा कर आऊंगा,लेकिन आऊंगा जरूर।

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement