नई दिल्ली: सबरीमाला की सैकड़ों साल पुरानी परंपराओं को तोड़कर मंदिर में भगवान अयप्पा के दर्शन करने वाली महिला को समाज और परिवार से लगातार विरोध का सामना करना पड़ रहा है। मंदिर में दर्शन करने वाली कनकदुर्गा को पहले अपनी सास से मार खानी पड़ी थी और अब ससुरालवालों ने उन्हें घर से बाहर निकाल दिया है। ऐसे में कनकदुर्गा को एक संस्था की ओर से शेल्टर होम भेजा गया है।
मंदिर में प्रवेश के बाद कनकदुर्गा के भाई भरत ने भी उनसे किनारा कर लिया था और कहा था कि उसे घर में आने की इजाजत नहीं है। यदि वह घर में लौटना चाहती है तो उसे पहले भगवान अयप्पा के अनुयायियों और हिंदू समाज से माफी मांगनी पड़ेगी। कनक की सास द्वारा कथित पिटाई के बाद उन्हें 15 जनवरी को अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
मंदिर में उनके प्रवेश को लेकर हुए विरोधों को देखते हुए वे तभी से अलग-अलग स्थानों पर रह रही थीं। बताया जाता है कि कनकदुर्गा मंगलवार सुबह ही अपने घर पहुंची थीं, जब उनकी सास ने उन पर हमला कर दिया। हालांकि जिस वक्त कनकदुर्गा की सास ने उनकी पिटाई की, उनके घर के बाहर 7-8 पुलिसकर्मी मौजूद थे, लेकिन घर के भीतर हमला होने की वजह से वे उन्हें बचा नहीं सके।
गौरतलब है कि सबरीमाला मंदिर में पारंपरिक रूप से 10-50 साल की महिलाओं को मंदिर में एंट्री की अनुमति नहीं थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने लंबी सुनवाई के बाद 28 सितंबर को सभी उम्र की महिलाओं को एंट्री दिए जाने के पक्ष में फैसला सुनाया।
इसके बाद इतिहास रचते हुए 40 साल की दो महिलाओं बिंदु और कनकदुर्गा ने दो जनवरी तड़के मंदिर में पूजा की थी। दोनों महिलाओं के मंदिर में एंट्री के एक दिन बाद गुरुवार को केरल में हिंसक घटनाएं और प्रदर्शन हुए।