नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए नवगठित ‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ के सदस्यों के नामों की बुधवार को घोषणा कर दी। इनमें से एक नाम कामेश्वर चौपाल का भी है जिन्होंने 1989 में सबसे पहले राम मंदिर की नींव रखी थी। अनुसूचित जाति से आने वाले कामेश्वर ने ‘श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ ट्रस्ट का हिस्सा बनने पर खुद को भाग्यशाली बताया है और कहा कि उनका जीवन धन्य हो गया है। उन्होंने कह कि ट्रस्ट को लेकर उनकी मोदी सरकार के साथ अभी कोई मीटिंग नहीं हुई है।
‘...इसलिए मुझे दिया गया यह मौका’
कामेश्वर ने कहा, ‘सरकार को लगा कि 30 साल से मैं राम मंदिर के लिए काम कर रहा हूं, और आगे भी पूर्ण लगन से काम करूंगा, इसलिए मुझे यह मौका दिया गया है।’ बता दें कि कामेश्वर चौपाल पहले कारसेवक हैं जिन्होंने सबसे पहले राम मंदिर की नींव रखी थी। कामेश्वर चौपाल का कहना है कि ट्रस्ट को लेकर मोदी सरकार से कोई मीटिंग नही हुई। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने राम मंदिर के प्रति लोगों की निष्ठा और उनके संघर्षों के आधार पर ट्रस्ट का निर्माण किया है।
‘आपस में नहीं हुई है ट्रस्टियों की बातचीत’
उन्होंने कहा कि अभी तक किसी भी ट्रस्टी की आपस में कोई बातचीत या मुलाकात नहीं हुई है। 15 दिन के अंदर सभी ट्रस्ट के लोगो की बैठक होगी, जहां आगे के रोड मैप पर बात की जाएगी। उन्होंने कहा कि राम मंदिर के निर्माण के लिए जो पत्थर तराशे गए हैं उनका भी इस्तेमाल किया जाएगा और जरूरत पड़ी तो और पत्थरों का भी इस्तमाल किया जाएगा। नवरात्रि में शिलान्यास के सवाल पर कामेश्वर ने कहा कि कयासों को सुनते रहिए, ट्रस्ट की मीटिंग में ही सारे निर्णय लिए जाएंगे।
साधू से लेकर डॉक्टर तक ट्रस्ट में शामिल
बता दें कि ट्रस्ट के सदस्यों में वरिष्ठ अधिवक्ता के. परासरण, जगदगुरु शंकराचार्य, ज्योतिषपीठाधीश्वर स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती जी महाराज, जगदगुरु माधवाचार्य स्वामी विश्व प्रसन्नतीर्थ जी महाराज, युगपुरुष परमानंद जी महाराज, स्वामी गोविंददेव गिरि जी महाराज और विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र (अयोध्या) शामिल हैं। इनके अतिरिक्त अयोध्या से होम्योपैथिक चिकित्सक अनिल मिश्रा, अनुसूचित जाति के सदस्य के रूप में पटना से कामेश्वर चौपाल और निर्मोही अखाड़ा से महंत दिनेंद्र दास शामिल हैं।
IAS अधिकारी भी होंगे राम मंदिर ट्रस्ट का हिस्सा
2 प्रमुख हिंदू नामित सदस्यों के नामों पर प्रतिनिधिमंडल के सदस्य बहुमत से फैसला लेंगे। एक हिंदू प्रतिनिधि को केंद्र सरकार मनोनीत करेगी, जो IAS होगा और भारत सरकार में संयुक्त सचिव स्तर या उससे नीचे के रैंक का नहीं होगा। एक हिंदू प्रतिनिधि को उत्तर प्रदेश सरकार मनोनीत करेगी जो IAS अधिकारी होगा और यूपी सरकार में सचिव पद से नीचे के रैंक का नहीं होगा। अयोध्या के जिला कलेक्टर इसके पदेन ट्रस्टी होंगे, जो हिंदू होंगे। यदि अयोध्या का जिला कलेक्टर हिंदू न हो तो अतिरिक्त कलेक्टर, जो हिंदू हो उसे पदेन सदस्य बनाया जाएगा।