भोपाल: वाहन चालकों पर महंगे-सस्ते जुर्माने को लेकर केंद और कमलनाथ सरकार में होड़ मच गई है। केंद्र के नए मोटर व्हीकल एक्ट को दरकिनार करने वाली कमलनाथ सरकार अब उसी एक्ट में कुछ बदलाव करके काफी सस्ते जुर्माने के प्रावधान करने जा रही है। परिवहन विभाग ऐसे वाहन चालकों के चालान पर कंपाउंडिंग फीस लगाने की तैयारी कर रहा है। विभाग ने केंद्र द्वारा लागू नए मोटर व्हीकल एक्ट के तहत दिए गए जुर्माने के 46 प्रावधानों में बदलाव कर मध्य प्रदेश में कंपाउंडिंग फीस की दरें तय की हैं। बाकायदा इसका प्रस्ताव तैयार कर राज्य सरकार को भेजा जा चुका है।
केंद्र द्वारा नया मोटर व्हीकल एक्ट लागू करते वक्त सरकार की मंशा थी कि भारी जुर्माने के चलते लोग ट्रैफिक नियमों का पालन करेंगे, जिससे दुर्घटनाएं कम होगी। लेकिन, कांग्रेस और विपक्षी शासित राज्यों ने इस कानून को जनता पर भार बताते हुए इसे लागू करने से इनकार किया था। वहीं, अब कमलनाथ सरकार ने तय कर लिया है कि जुर्माने की राशि केंद्र द्वारा तय की गई राशि से काफी कम होगी। दरअसल, परिवहन विभाग ने जो नया प्रस्ताव तैयार किया है वह मध्य प्रदेश के वर्तमान जुर्माना राशि से भले ही ज्यादा है लेकिन मोदी सरकार के जुर्माने की राशि के मुकाबले ये बेहद कम है।
कमलनाथ सरकार के कानून और जनसम्पर्क मंत्री ने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए जुर्माने की रकम मोदी सरकार के मुकाबले कम रखने की वजह बताई है। पीसी शर्मा ने इंडिया टीवी से बातचीत में कहा “निश्चित तौर पर इस समय महंगाई सातवें आसमान पर है। केंद्र सरकार ने जो कहा था दो करोड़ लोगों को रोजगार देंगे हर साल वो किया नहीं, काम-धंधे लोगों के बंद हो गए हैं। नोटबंदी, जीएसटी लगा ऊपर से। 10-10 गुना हर चीज के रेट बढ़ा दिए हैं। ट्रांसपोर्ट के मामले में जिसमें हेलमेट न लगाने पर 500 से 1500 रुपए कर दिया।”
शर्मा ने कहा कि “कमलनाथ जी ने कहा, नहीं यह ज्यादा है। इसका रेट 400 होगा। उन्होंने कहा बिना लाइसेंस के गाड़ी चलाना, तीन माह का कारावास और 5000 का जुर्माना। हमारी सरकार ने 1000 रुपये कर दिया। हर चीज में इस तरह से कम किया गया है। ऐसे लोगों पर भार नहीं पड़े। इस महंगाई के दौर में भारतीय जनता पार्टी ने जनता पर भार डाला है। इनका जो राज्य है गुजरात, उसमें भी उन्होंने भी उसको नहीं माना है पर हम संशोधन के साथ इसको लागू करेंगे। जिससे मध्य प्रदेश के आम नागरिक पर कम लोड पड़े और कम उसको जुर्माना देना पड़े।”
दरअसल, केंद्र द्वारा लागू नए मोटर व्हीकल एक्ट के तहत किए गए जुर्माने के 46 प्रावधानों में मध्य प्रदेश की सरकार ने बदलाव किया है। वहीं, केंद्र द्वारा लागू मोटर व्हीकल एक्ट का जुर्माना कोर्ट में होगा और मध्य प्रदेश परिवहन विभाग द्वारा लागू किए गए जुर्माने को पुलिस वसूलेगी।
मोदी सरकार और कमलनाथ सरकार के जुर्माने में कितना अंतर:-
- केंद्र सरकार द्वारा हेलमेट ना लगाने पर 500 से 1500 रुपये तक का जुर्माना है तो वहीं मध्य प्रदेश में इसके लिए महज़ 400 रुपए का जुर्माना प्रस्तावित किया गया है।
- बिना लाइसेंस ड्राइविंग पर केंद्र द्वारा बनाए गए कानून के मुताबिक 3 महीने की जेल और 5 हज़ार रुपये का जुर्माना है। तो वहीं मध्यप्रदेश में इसके लिए 1 हज़ार रुपए का जुर्माना प्रस्तावित किया गया है।
- बिना पीयूसी ड्राइविंग पर केंद्र सरकार का 3 महीने ड्राइविंग से बैन या 10 हज़ार रुपये जुर्माना है। तो वहीं मध्य प्रदेश में इसके लिए सिर्फ 1 हज़ार का जुर्माना प्रस्तावित किया गया है।
- बिना सीट बेल्ट ड्राइविंग पर केंद्र का जुर्माना 1 हज़ार रुपए है। वहीं एमपी में इसके लिए 500 रुपए प्रस्तावित है।
- ट्रिपल राइडिंग पर केंद्र सरकार ने 3 महीने की जेल या 1 हज़ार रुपये जुर्माना लगाया है। वहीं, एमपी में इसके लिए महज़ 400 रुपए प्रस्तावित किया गया है।
- ज्यादा हॉर्न पर मोदी सरकार के 2000 रुपये के जुर्माने को मध्य प्रदेश में घटाकर सिर्फ 500 रुपए प्रस्तावित किया गया है।
- बिना इन्शुरेन्स ड्राइविंग पर केंद्र के 3 महीने की जेल और 2 हज़ार रुपये के जुर्माने को एमपी में घटाकर 1 हज़ार रुपए प्रस्तावित किया गया है।
परिवहन विभाग के सूत्रों के मुताबिक, प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेज दिया गया है और जल्द ही कैबिनेट इसपर कोई फैसला ले लेगी। हालांकि, जुर्माने की राशि घटाने के प्रस्ताव पर बीजेपी ने आपत्ति उठायी है। बीजेपी के पूर्व मंत्री और विद्यायक विश्वाश सारंग ने कहा है कि कांग्रेस खुद अनुशासनहीन पार्टी है इसलिए जनता में अनुशासन नहीं फैलाना चाहती है।दरअसल, देश में सड़क दुर्घटनाओं के चलते हर साल लाखों मौतें होती हैं। ऐसे में केंद्र सरकार की मंशा थी कि जुर्माने की राशि ज्यादा होगी तो लोग ट्रैफिक नियमों का सख्ती से पालन करेंगे।
ऐसे में वाहन चालक भी मानते हैं कि राज्य सरकार का जुर्माना कम करने की बात कहना गलत है, ज्यादा जुर्माने के चलते लोग ट्रैफिक नियमों का पालन करते हैं। हालांकि, केंद्र द्वारा लागू किए गए मोटर व्हीकल एक्ट में भले ही कमलनाथ सरकार कह रही हो कि लागू नहीं करेंगे लेकिन केंद्र के द्वारा पारित किए गए इस कानून को लागू करना सरकार की जिम्मेदारी हो जाती है। ऐसे में सरकार ने नए नियमों के तहत जुर्माने की राशि में ढील देकर जहां जनता को राहत देने की कोशिश की है वहीं विपक्ष के आरोपों के मुताबिक जुर्माने की राशि कम होने के चलते लोगों में डर कम होगा और दुर्घटनाएं ज्यादा होंगी।