भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमलनाथ ने इस हफ्ते सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर जो बयान दिया था उसपर वे कायम हैं और अब सर्जिकल स्ट्राइक की जानकारी की मांग कर रहे हैं। कमलनाथ ने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में किसी तरह की जानकारी नहीं दी गई है, उन्होंने कहा कि इसके बारे में न कोई फोटो है और न कोई आंकड़ा, सिर्फ मीडिया में इसका शोर मचाया गया है।
शुक्रवार को कमलनाथ ने सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में कहा, ‘‘देश को जानकारी होनी चाहिए, अगर ऐसी बात हुई है तो देश की जनता को समझ आए, इंदिरा जी ने जब 90 हजार पाकिस्तानी फौज के जवान को सरेंडर कराया था तो देश ने देखा पूरे विश्व ने देखा, पर ये एक सर्जिकल स्ट्राइक भी दिखा दें, हमें बड़ा गर्व है अपनी एयर फोर्स पर अपनी सेना पर, पर ये गर्व हर देशवासी को होना चाहिए, बस केवल मीडिया में सर्जिकल स्ट्राइक हो गया, क्या इससे जनता को तसल्ली होगी, किसी ने देखा, किसी ने कोई फोटो देखी है, किसी ने कोई आकंड़े देखे हैं, कितने लोग मारे गए, कितनी इमारतें गिराई गई, कितने आतंकवादी को मारा, न तो आंकड़े न फोटो और न कुछ, केवल मीडिया में इसका शोर, हमारी सेना और एयर फोर्स कोई फर्जी काम नहीं करती, लेकिन कोई जानकारी तो दे, जानकारी दे देश को, आपको दे जानकारी।’’
कमलनाथ ने सर्जिकल स्ट्राइक और प्रधानमंत्री मोदी के बारे में कहा था, ‘‘कहते हैं मैने सर्जिकल स्ट्राइक की, कौन सी सर्जिकल स्ट्राइक की?’’ कमनाथ ने कहा था कि देश में जब इंदिरा गांधी की सरकार थी तो पाकिस्तान के 90000 जवानों से सरेंडर करवाया गया था, लेकिन ये उसकी बात नहीं करेंगे।’’
हालांकि सर्जिकल स्ट्राई को लेकर कई वीडियो सामने आ चुके हैं और उन वीडियों में नियंत्रण रेखा के उस पार आतंकी कैंपों पर भारतीय सेना की सर्जिकल स्ट्राइक को साफ तौर पर देखा गया है।
भारतीय सेना ने उड़ी हमले का जबाव देने के लिए 29 सितंबर 2016 को नियंत्रण रेखा के उस पार जाकर आतंकवादियों के अड्डों पर हमला किया था और उस हमले में कई आतंकियों के खात्मे का दावा किया गया था। लेकिन उस समय भी कांग्रेस पार्टी के कई नेताओं ने सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाए थे। उस समय तो कई कांग्रेस नेताओं ने सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत तक मांगे थे। कई कांग्रेस नेताओं ने यहां तक कहा था कि पिछली सरकारों के कार्यकाल में भी सर्जिकल स्ट्राइक की गई है।