नई दिल्ली: अभिनेता से नेता बने कमल हासन ने पुलवामा आतंकी हमले के कश्मीर में जनमत संग्रह कराने की बात कहते हुए सवाल पूछा था, जिस पर विवाद खड़ा होने के बाद उन्होंने सफाई दी है। उन्होंने पूछा था कि 'भारत कश्मीर में जनमत संग्रह क्यों नहीं करा रहा है। सरकार किससे डरती है?' अपने इस बयान में जनमत संग्रह कराने की बात कहकर वो घिरने लगे थे। अब एक निजी समाचार वेबसाइट के मुताबिक उन्होंने इसी बयान को लेकर सफाई दी है।
सफाई देते हुए उन्होंने कहा है कि 'जनमत संग्रह "अब प्रासंगिक नहीं है" और कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है।' उन्होंने रविवार को पहले PoK को आजाद कश्मीर कहकर भी संबोधित किया था। उन्होंने पीओके को आजाद कश्मीर बताते हुए कहा कि ‘आजाद कश्मीर में लोग जिहादियों की तस्वीरें ट्रेनों में लगा रहे हैं और उन्हें हीरो की तरह दिखा रहे हैं। यह भी एक मूर्खतापूर्ण बात है।’
चेन्नै में एक सभा को संबोधित करते हुए MNM चीफ कमल हासन ने कहा था कि ‘अगर दोनों पक्षों के राजनेता उचित व्यवहार करें तो एक भी सैनिक के मरने की आवश्यकता नहीं होगी।' उन्होंने कहा कि इससे लाइन ऑफ कंट्रोल अंडर कंट्रोल रहेगा।
उन्होंने ये भी कहा था कि 'भारत भी मूर्खता जैसा व्यवहार करता है, यह उचित नहीं है। अगर हम यह साबित करना चाहते हैं कि भारत एक बेहतर देश है, तो हमें इस तरह का व्यवहार नहीं करना चाहिए। वहां राजनीति शुरू होती है, नई राजनीति संस्कृति बनती है।'