इंदौर: पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को "भारत रत्न" से सम्मानित किए जाने के नरेंद्र मोदी सरकार के फैसले को दलीय राजनीति से जोड़कर देखे जाने की BJP के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने निंदा की। विजयवर्गीय ने कहा कि "मैं एक टीवी चैनल पर कल चर्चा सुन रहा था कि पश्चिम बंगाल में BJP को मजबूत करने के लिए प्रणब दा को भारत रत्न से नवाजे जाने का फैसला किया गया है। तब मुझे लग रहा था कि इस तरह की चर्चा कर रहे लोग प्रणब दा का सीधे अपमान कर रहे हैं।"
पश्चिम बंगाल के प्रभारी और BJP महासचिव ने कहा, "प्रणब दा को भारत रत्न से नवाजे जाने का फैसला इस सम्मान की निष्पक्षता का सबसे बड़ा प्रमाण है। इस सम्मान के लिए उनके नाम के चयन को दलीय राजनीति से जोड़कर अनर्गल टीका-टिप्पणी किया जाना सरासर गलत है। मैं ऐसी टिप्पणियों की निंदा करता हूं।"
विजयवर्गीय ने कहा, "प्रणब दा वह व्यक्तित्व हैं जो किसी भी पद के मोहताज नहीं हैं। वह जिस भी कुर्सी पर बैठे, उन्होंने उस कुर्सी का सम्मान बढ़ाया।" उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने मुखर्जी की कीमत पहचानी और उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाजे जाने का निर्णय किया।
विजयवर्गीय ने जोर देकर कहा कि नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार ने किसी भी व्यक्ति को उपकृत करने के लिए राष्ट्रीय सम्मान नहीं बांटे हैं। उन्होंने कहा, "मोदी सरकार के कार्यकाल में राष्ट्रीय सम्मान उन्हीं लोगों को दिए गए हैं, जो इनके योग्य थे।"