गंगटोक: कैलाश मानसरोवर यात्रा जो नाथूला के रास्ते होकर जाती है वो फिलहाल रुक गई है। 15 जून को 47 यात्रियों के पहले जत्थे को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने दिल्ली से रवाना किया था, लेकिन नाथूला पहुंचने के बाद चीन सरकार ने बॉर्डर पर उन्हें रोक दिया है। इन यात्रियों को चीनी सरकार ने वीजा नहीं दिया जिसके बाद पहले तो तीर्थयात्री वहीं रुके रहे बाद में उन्हें वहां से गंगटोक वापस भेज दिया गया, जहां फिलहाल वो होटलों मे रुके हुए हैं।
यात्रियों के लिए यह परेशानी केवल गंगटोक में नहीं बल्कि दिल्ली में भी है। दरअसल कैलाश मानसरोवर के लिए जितने भी जत्थे जाते हैं वे दिल्ली से ही रवाना होते हैं। केन्द्र सरकार लिस्ट के मुताबिक लोगों को रवाना करती है। दिल्ली में दिल्ली सरकार इन यात्रियों के लिए रहने-खाने से लेकर बुनियादी सुविधाओं का इंतजाम करती है। दिल्ली सरकार की तीर्थयात्रा समिती के अध्यक्ष कमल बंसल की मानें तो उन्हें विदेश मंत्रालय से इस बात की जानकारी दी गई है कि अगले आदेश तक नाथूला के रास्ते कैलाश मानसरोवर की यात्री रोक द गई है ऐसे मे जो भी यात्री आने वाले हैं उन्हें फिलहाल नहीं आने की हिदायत दी जाए और जो आए हुए हैं उन्हें घर वापसी की व्यवस्था की जाए। 30 जून को जो तीसरा जत्था जाने वाला था अभी वो यात्री दिल्ली में फंसे हुए हैं।
इस मामले में चीन का कहना है कि उन्होंने तिब्बत में भूस्खलन होने की वजह से ऐसा कदम उठाया है। आपको बता दें कि नाथूला रूट को भारतीय तीर्थयात्रियों के लिए 2015 में खोला गया था। नाथूला दर्रे को पार करने के बाद श्रद्धालुओं को चीनी ट्रांसपोर्ट के जरिए कैलाश पर्वत तक ले जाया जाता है। अब देखना यह है कि इस साल मानसरोवर की यात्रा श्रद्धालु किस रास्ते पूरा करते हैं।