अफगानिस्तान मामले पर राष्ट्र को संबोधित करेंगे जो बाइडन, EU के विदेश मंत्रीगण करेंगे आपात बैठक
अफगानिस्तान मामले पर राष्ट्र को संबोधित करेंगे जो बाइडन, EU के विदेश मंत्रीगण करेंगे आपात बैठक
Kabul Live Updates: अफगानिस्तान में अब तालिबान का राज आ चुका है। तालिबान राज की शुरुआत होते ही काबुल एयरपोर्ट पर अफरातफरी का माहौल है। कल शाम से ही वहां हजारों लोग देश छोड़ने के लिए मौजूद है।
नई दिल्ली. अफगानिस्तान में अब तालिबान का राज आ चुका है। तालिबान के लड़ाकों ने कल शाम राजधानी काबुल में प्रवेश किया और थोड़ी देर बाद ही उन्होंने काबुल स्थित अफगानिस्तान के राष्ट्रपति भवन में भी एंट्री कर ली। तालिबान के राष्ट्रपति भवन पर कब्जा करने से पहले ही अशरफ गनी काबुल से निकल गए। उनके अफगानिस्तान छोड़ते ही काबुल शहर में अफरातफरी का माहौल मच गया। बड़ी संख्या में लोग कल शाम से ही काबुल एयरपोर्ट से मौजूद है, वहां से लगातार अफरातफरी की खबरें सामने और तस्वींरे सामने आई रही हैं। काबुल से जुड़े सभी अपडेट्स आप हमारे इस पेज पर पूरे दिन पढ़ सकेंगे।
काबुल से लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए अमेरिका भेज रहा एक हजार अतिरिक्त सैनिक
वाशिंगटन: काबुल हवाई अड्डे की सुरक्षा के लिए अमेरिकी सेना एक हजार सौनिकों की अतिरिक्त बटालियन भेज रही है। तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बीच काबुल हवाई अड्डे पर अराजकता की स्थिति को काबू में लाने के लिए अमेरिकी सेना ने दो सशस्त्र लोगों को मार गिराया था। पेंटागन के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने सोमवार को संवादाताओं से कहा कि अतिरिक्त सैनिक भेजे जा रहे हैं जिनका लक्ष्य सुरक्षित तरीके से लोगों को बाहर निकालना है। एक अलग घटना में अमेरिका के एक उच्च सैन्य अधिकारी ने तालिबान के वरिष्ठ नेताओं से आमने-सामने की बातचीत की और हवाई अड्डे से लोगों को निकालने के काम में दखल न देने का आग्रह किया।
Aug 16, 20219:58 PM (IST)Posted by Gaurav Shukla
अफगानिस्तान के ताजा घटनाक्रम पर अपनी पहली प्रतिक्रिया में, भारत ने सोमवार को कहा कि वह स्थिति पर लगातार नजर रख रहा है और उस देश में भारतीय नागरिकों के साथ ही अपने हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी कदम उठाएगा।
Aug 16, 20219:57 PM (IST)Posted by Gaurav Shukla
काबुल हवाई अड्डे पर अफरातफरी में सात की मौत
अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद जान बचाने के लिए हजारों अफगान सोमवार को काबुल के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचे और इसी अफरातफरी में कुछ लोग वहां से उड़ान भर रहे एक अमेरिकी सैन्य परिवहन विमान से गिर गये जिससे सात लोगों की मौत हो गई।
Aug 16, 20219:25 PM (IST)Posted by Gaurav Shukla
पाक ने अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाने के बाइडन के फैसले का समर्थन किया
इस्लामाबाद: प्रधानमंत्री इमरान खान की अध्यक्षता में सोमवार को हुई पाकिस्तान की एक उच्च स्तरीय बैठक में अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाने के अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के फैसले का समर्थन किया गया। बैठक में कहा गया है कि लंबे समय तक विदेशी सैनिकों की उपस्थिति युद्धग्रस्त पड़ोसी देश (अफगानिस्तान) में कोई अलग परिणाम नहीं देती। राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) की बैठक में वरिष्ठ राजनीतिक एवं सैन्य नेता शरीक हुए, जिनमें पाकिस्तानी थल सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा और विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी भी शामिल हैं। बैठक में अफगानिस्तान में उभरती स्थिति पर चर्चा की गई। खान के कार्यालय ने एक बयान में कहा कि बैठक में भाग लेने वालों को अफगानिस्तान के ताजा घटनाक्रम और उसके पाकिस्तान तथा क्षेत्र पर संभावित प्रभाव से अवगत कराया गया। एनएससी ने पाकिस्तान का यह रुख फिर से दोहराया कि अफगानिस्तान में संघर्ष का कभी सैन्य समाधान नहीं था। इसने कहा, ‘‘लंबे समय तक विदेशी सैनिकों की उपस्थिति बनाए रखने से अब कोई अलग परिणाम नहीं आता। इसलिए, सैनिकों को वापस बुलाने के अमेरिका के पूर्ववर्ती प्रशासन के फैसले से बाइडन प्रशासन का सहमत होना संघर्ष का एक तार्किक निष्कर्ष है। ’’
Aug 16, 20219:24 PM (IST)Posted by Gaurav Shukla
अफ़गानिस्तान पर UNSC की आपातकालीन बैठक के दौरान भारत के राजदूत टीएस त्रिमूर्ति ने कहा कि अफ़ग़ानिस्तान की मौज़ूदा स्थिति भारत के लिए चिंता का विषय है। अफ़ग़ानिस्तान में पुरुष, महिलाएं और बच्चे डर के साए में जी रहे हैं। वे सभी लोग अपने भविष्य को लेकर अनिश्चित है।
Aug 16, 20219:24 PM (IST)Posted by Gaurav Shukla
यूरोपीय संघ के विदेश मंत्री अफगान की स्थिति पर मंगलवार को करेंगे आपात बैठक
ब्रसेल्स: यूरोपीय संघ (ईयू) के विदेश मंत्रीगण अफगानिस्तान से राष्ट्रपति के देश छोड़ देने एवं राजधानी काबुल पर तालिबान के काबिज हो जाने के बाद वहां के संकट (उस देश की स्थिति) पर चर्चा करने के लिए मंगलवार आपात बैठक करेंगे। ईयू के विदेश नीति प्रमुख जोसेफ बोरेल ने सोमवार को ट्वीट किया कि उन्होंने असाधारण वीडियो-कांफ्रेंस सम्मेलन बुलाने का फैसला किया है ताकि मंत्री वहां के घटनाक्रम पर ‘प्रथम आकलन’ कर पायें। बोरेल ने कहा कि, ‘‘अफगानिस्तान दोराहे पर खड़ा है और उसके नागरिकों का कल्याण एवं अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा दांव पर है।’’ यूरोपीय राष्ट्र इस तख्तापलट से हक्काबक्का हैं। वे हाल के दिनों में अफगानिस्तान में अपने दूतावास के कर्मियों को निकालने में लगे हैं। यूरोपीय संघ का काबुल में एक छोटा से राजनयिक मिशन है। वह अफगानिस्तान के सबसे बड़े दानकर्ताओं में एक है।
Aug 16, 20219:18 PM (IST)Posted by Gaurav Shukla
अफगानिस्तान मामले पर राष्ट्र को संबोधित करेंगे अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन
वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन अफगानिस्तान पर तालिबान के नियंत्रण के एक दिन बाद सोमवार दोपहर व्हाइट हाउस से राष्ट्र को संबंधित करेंगे। व्हाइट हाउस ने कहा कि बाइडन वाशिंगटन से कैंप डेविड राष्ट्रपति आवास पर लौटेंगे और सोमवार दोपहर ईस्ट रूम से बयान देंगे। अफगानिस्तान के हालत पर लगभग एक सप्ताह बाद बाइडन का यह पहला सार्वजनिक बयान होगा।
Aug 16, 20218:37 PM (IST)Posted by Gaurav Shukla
नेपाल ने अफगानिस्तान में फंसे नागरिकों के लिए बचाव कार्य तेज किया
काठमांडू: नेपाल सरकार ने सोमवार को घोषणा की कि वह अफगानिस्तान में फंसे अपने नागरिकों को बाहर निकालने के लिए त्वरित कदम उठा रही है। अफगानिस्तान में लंबे समय से चल रहा युद्ध रविवार को तब निर्णायक दौर में पहुंच गया जब तालिबान ने राष्ट्रपति महल पर कब्जा कर लिया। इसके बाद चौतरफा घिर चुके राष्ट्रपति अशरफ गनी देश छोड़कर भाग गए। नेपाल सरकार के प्रवक्ता ज्ञानेंद्र बहादुर कार्की ने बताया कि नेपाल कैबिनेट की बैठक में निर्णय किया गया कि फंसे नागरिकों को जल्द से जल्द बाहर निकाला जाए। नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकालने के कार्य के लिए नेपाल सरकार पहले ही कार्यबल बना चुकी है, जिसमें विदेश मंत्रालय, गृह, श्रम एवं रोजगार, पर्यटन तथा नागर विमानन तथा पुलिस विभाग के अधिकारी शामिल हैं। विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी एक बयान के मुताबिक, जो लोग अफगानिस्तान में रह रहे हैं और घर लौटना चाहते हैं, वे अपने नाम और अन्य संबंधित ब्योरा महावाणिज्य दूतावास विभाग के आधिकारिक वेबसाइट पर दर्ज करा सकते हैं। विदेश मंत्रालय ने संपर्क करने के लिए कई तरीके प्रकाशित किए हैं, जिनमें वाइबर एवं व्हाट्सएप से भी संपर्क साधा जा सकता है। नयी दिल्ली में नेपाल के दूतावास ने यात्रा परामर्श जारी कर अफगानिस्तान नहीं जाने की सलाह दी है।
Aug 16, 20218:37 PM (IST)Posted by Gaurav Shukla
अफगानिस्तान से बाहर निकलने की बेचैनी से फैली अराजक स्थिति के चलते काबुल हवाई अड्डे पर सात लोगों की मौत : सूत्र
Aug 16, 20217:48 PM (IST)Posted by Gaurav Shukla
अफगान लोगों ने 'गुलामी की जंजीरों' को तोड़ दिया है: इमरान खान
इस्लामाबाद: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान तालिबान द्वारा काबुल पर नियंत्रण किए जाने का सोमवार को समर्थन करते हुए दिखे और उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान ने ‘गुलामी की जंजीरों’ को तोड़ दिया है। इमरान ने बताया कि किस प्रकार समानांतर शिक्षा प्रणाली से "अंग्रेजी माध्यम" स्कूलों का जन्म हुआ, जिसके बाद पाकिस्तान में "किसी और की संस्कृति" को अपनाया गया। उन्होंने कहा, "जब आप किसी की संस्कृति अपनाते हैं तो आप इसे श्रेष्ठ मानते हैं और आप इसके दास बन जाते हैं।’’ उन्होंने कहा कि इससे मानसिक गुलामी की ऐसी प्रणाली तैयार होती है जो वास्तविक गुलामी से भी बदतर है। उन्होंने परोक्ष रूप से अफगानिस्तान की मौजूदा स्थिति की तुलना देश के लोगों द्वारा ‘गुलामी की जंजीरों’ को तोड़ने से की। इमरान ने कहा कि मानसिक गुलाम बनना वास्तविक गुलाम होने से भी बदतर है और मातहत दिमाग कभी भी बड़े फैसले नहीं कर सकता। उन्होंने आलोचना के बावजूद एसएनसी की शुरुआत की क्योंकि इसमें आधुनिक राष्ट्रीय विज्ञान के बदले धार्मिक शिक्षण पर जोर दिया गया है। सिंध प्रांत को छोड़कर सभी प्रांत इसे लागू करने पर सहमत हैं। उन्होंने सभी आलोचनाओं को खारिज कर दिया और घोषणा की कि आने वाले वर्षों में कक्षा एक से 12 तक शिक्षा प्रणाली शुरू करने की योजना जारी रहेगी।
Aug 16, 20217:46 PM (IST)Posted by Gaurav Shukla
काबुल हवाई अड्डे को खाली कराने में हस्तक्षेप न करने के लिए अमेरिकी सैन्य कमांडर ने तालिबान से आमने-सामने मुलाकात की।
Aug 16, 20216:38 PM (IST)Posted by Gaurav Shukla
रूस काबुल स्थित दूतावास से कुछ कर्मियों को वापस लाएगा
मॉस्को: रूसी प्रतिष्ठान क्रेमलिन के अफगानिस्तान मामलों के दूत जमीर काबुलोव ने सोमवार को कहा कि रूस काबुल स्थित अपने दूतावास से कुछ कर्मियों को वापस बुलाएगा। काबुलोव ने ‘एखो मोस्कवी’ रेडियो स्टेशन से कहा कि लगभग 100 रूसी दूतावास कर्मियों को छुट्टी पर रखा जाएगा या वापस बुलाया जाएगा जिससे कि वहां बड़ी मौजूदगी न रहे। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में रूस के राजदूत दमित्री झिरनोव मंगलवार को तालिबान के एक प्रतिनिधि से मिलेंगे और दूतावास की सुरक्षा के मुद्दे पर बात करेंगे। काबुलोव ने कहा कि दूतावास की बाहरी परिधि की सुरक्षा तालिबान पहले से ही कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि अफगानिस्तान की राजधानी पर तालिबान का इतनी जल्दी कब्जा हो जाना ‘‘कुछ हद तक अप्रत्याशित’’ है। काबुलोव ने कहा, ‘‘रूस को अमेरिका और नाटो द्वारा प्रशिक्षित अफगान बलों की योग्यता को लेकर काफी उम्मीद थी, लेकिन उन्होंने पहली गोली में ही सबकुछ छोड़ दिया।’’
Aug 16, 20216:37 PM (IST)Posted by Gaurav Shukla
ईरान के राष्ट्रपति ने अफगानिस्तान में स्थिरता का आह्वान किया
ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने सोमवार को पड़ोसी अफगानिस्तान में राष्ट्रीय मेलमिलाप का आह्वान किया। आधिकारिक संवाद समिति इरना ने रईसी को उद्धृत करते हुए कहा कि ईरान पहली प्राथमिकता के तौर पर अफगानिस्तान में स्थिरता बहाल करने के प्रयासों का समर्थन करेगा। उन्होंने ईरान को अफगानिस्तान का “भाई और पड़ोसी राष्ट्र” करार दिया। उन्होंने अमेरिकियों के तेजी से वापसी को “सैन्य विफलता” करार दिया और कहा “जीवन, सुरक्षा और शांति फिर से बहाल करने की दिशा में बढ़ना” चाहिए। ईरान की अफगानिस्तान के साथ लगभग 966 किलोमीटर की सीमा लगती है और उसके यहां करीब आठ लाग पंजीकृत अफगान शरणार्थी रहते हैं जबकि अघोषित अफगान लोगों की संख्या करीब 20 लाख से ज्यादा है। देश में 1979 से ही अफगान शरणार्थी आने लगे थे जब सोवियत संघ ने वहां दखल दिया था।
Aug 16, 20216:30 PM (IST)Posted by Gaurav Shukla
भारतीय नागरिकों को लान के लिए भारत ने C-17 ग्लोबमास्टर हवाई जहाज को काबुल भेजा है। सोमवार शाम 4 बजकर 20 मिनट पर काबुल के लिए C-17 ग्लोबमास्टर रवाना हुआ था।
Aug 16, 20215:44 PM (IST)Posted by Gaurav Shukla
स्वीडन ने दूतावास के कर्मचारियों को अफगानिस्तान से निकाला
स्टॉकहोम: स्वीडन की विदेश मंत्री एन लिंडे ने सोमवार को कहा कि दूतावास के 19 कर्मचारियों को अफगानिस्तान के काबुल से दोहा, कतर ले जाया गया है और वे स्वीडन के लिए रवाना होंगे। इससे पहले सोमवार को नॉर्वे और डेनमार्क ने कहा था कि उनके दूतावास के अधिकांश कर्मचारी अफगानिस्तान से बाहर हैं। नॉर्वे के विदेश मंत्री इने एरिक्सन सोरेइड ने कहा कि नॉर्वे के लोगों के लिए यह काम रातोंरात किया गया है। डेनमार्क के रक्षा मंत्री ट्राइन ब्रैमसेन ने डेनिश प्रसारक ‘डीआर’ को बताया कि अधिकांश डेनिश राजनयिकों को निकाल लिया गया था, और अन्य लोगों को जल्द निकाल लिया जायेगा।
Aug 16, 20215:16 PM (IST)Posted by Gaurav Shukla
ब्रिटेन अगले दो दिनों में 1500 लोगों को अफगानिस्तान से निकालेगा
ब्रिटेन के रक्षा मंत्री बेन वैलेस ने कहा कि सरकार अगले दो दिनों में अफगानिस्तान से 1500 और लोगों को बाहर निकालने की योजना बना रही है। उन्होंने सोमवार को कहा कि ब्रिटिश नागरिकों को लेकर पहला विमान ब्रिटेन पहुंच चुका है। विभिन्न देश अपने राजनयिकों, अफगान कर्मचारियों और उनके परिवारों को काबुल से बाहर निकालने के लिए प्रयासरत हैं। वैलेस ने उम्मीद जताई कि सरकार एक दिन में करीब 1000 लोगों को बाहर निकाल सकेगी जिसमें ब्रिटिश नागरिकों का सहयोग करने वाले अफगानी नागरिक भी शामिल हैं। उन्होंने ‘बीबीसी’ से कहा कि जांच से गुजरने वाले लोगों को वापस ब्रिटेन लाने के लिए ‘‘नौकरशाही का अवरोध’’खत्म करने का प्रयास जारी है। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन की सरकार ने हवाई अड्डे की सुरक्षा और ‘‘अगानिस्तान से अपने लोगों को आसानी से बाहर निकालकर विमान में बैठाने’’ के लिए सप्ताहांत में 600 से अधिक सैनिकों को काबुल भेजा।
Aug 16, 20215:10 PM (IST)Posted by Gaurav Shukla
अफगानिस्तान के विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने की खबरों की पड़ताल की जा रही :उज्बेकिस्तान
मॉस्को: उज्बेकिस्तान के रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि वह उन खबरों की पड़ताल कर रहा है जिनमें कहा गया है कि एक विमान दुर्घटाग्रस्त हो गया है, जिसमें अफगान सेना की पहचान वाले चिह्न हैं। उज्बेक मीडिया में आई खबरों में कहा गया है कि एक विमान देश के दक्षिणपूर्व इलाके में रविवार शाम को दुर्घटनाग्रस्त हो गया। यह स्थान अफगानिस्तान सीमा से ज्यादा दूर नहीं है। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने रूस की सरकारी समाचार एजेंसी रिया नोवोस्ती को बताया कि मंत्रालय ऑनलाइन मौजूद वीडियो और रिपोर्टों के जरिए ‘‘गहन पड़ताल’’ कर रहा है। उन्होंने बताया कि जांच के निष्कर्षों को शीघ्र ही सार्वजनिक किया जाएगा।
Aug 16, 20214:34 PM (IST)Posted by Gaurav Shukla
इटली ने काबुल से अपने कर्मियों को निकाला
इटली ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल से अपने दूतावास के 70 कर्मियों और अफगान कर्मचारियों को बाहर निकाला है। इटली के कर्मचारियों को लेकर निकले विमान के सोमवार को रोम पहुंचने की संभावना है। काबुल अंतरराष्ट्रीय विमानपत्तन पर लिये गये एक वीडियो को इटली के रक्षा मंत्रालय ने जारी किया, जिसमें लोगों को अंधेरे में खड़े एक विमान पर सवार होने के लिए चलित सीढ़ियों पर चढ़ते देखा जा सकता है। यह अभियान इटली के राजनयिक स्टाफ, नागरिकों और उनके अफगान कर्मियों तथा उनके परिजनों को तेजी से निकालने के ऑपरेशन एक्विला ओमनिया का हिस्सा है।
Aug 16, 20214:28 PM (IST)Posted by Gaurav Shukla
ऑस्ट्रेलिया काबुल से अपने नगारिकों को निकालने के लिए विमान भेजेगा
कैनबरा: अफगानिस्तान में फंसे 130 से अधिक अपने नागरिकों और उनके परिवारों को निकालने के लिए ऑस्ट्रेलिया तीन परिवहन व हवा से हवा में ही ईंधन भरने वाले जेट विमान भेज रहा है। विमानों के साथ ही 250 सैनिक भी भेजे जा रहे हैं। यह जानकारी अधिकारियों ने सोमवार को दी। ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने एक बयान में कहा कि ऑस्ट्रेलिया अज्ञात संख्या में शरणार्थियों को निकालने के लिए भी काम कर रहा है। उल्लेखनीय है कि ऑस्ट्रेलिया ने यह घोषणा ऐसे समय की है जब अमेरिका और अन्य देश काबुल से अपने राजनयिकों और अफगान कर्मचारियों व उनके परिवारों को निकालने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं। तालिबान ने रविवार को पश्चिमी देश समर्थित सरकार को सत्ता से हटा दिया था। ऑस्ट्रेलिया के रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि एयरबस ए-330 विमान जिसमें हवा में ही ईंधन भरने के लिए बदलाव किया गया है, इस सप्ताह अफगानिस्तान में अमेरिकी नीत अभियान में सहयोग करेगा। बयान में कहा गया कि दो सी-17ए ग्लोबमास्टर भारी परिवहन विमानों को भी पश्चिम एशिया भेजा जाएगा। ऑस्ट्रेलिया ने मई में ही काबुल स्थित अपने दूतावास को बंद कर दिया था और जून में अपने सैनिकों को अफगानिस्तान से वापस बुला लिया था। वर्ष 2001 से अब तक ऑस्ट्रेलियाई सेना के 39 हजार से अधिक सैनिकों ने अफगानिस्तान में अपनी सेवाएं दी हैं और 41 सैनिकों की मौत हुई है।
Aug 16, 20214:10 PM (IST)Posted by Gaurav Shukla
पुर्तगाल 243 अफगान नागरिकों और उनके परिजनों को अपने यहां रखने को तैयार: रक्षा मंत्री
लिस्बन: पुर्तगाल के रक्षा मंत्री ने कहा कि उनका देश अफगानिस्तान में तैनात पुर्तगाली बलों के साथ काम करने वाले 243 अफगान नागरिकों और उनके परिवारों को अपने यहां रखने को तैयार है। रक्षा मंत्री जोआओ गोम्स क्राविन्हो ने कहा कि नाटो अफगान नागरिकों को निकालने में समन्वय कर रहा है क्योंकि पुर्तगाल की ऐसा करने की सैन्य क्षमता नहीं है। उन्होंने सार्वजनिक प्रसारक आरटीपी को रविवार को बताया कि उन्हें किसी पुर्तगाली नागरिक के अफगानिस्तान में रहने के बारे में जानकारी नहीं है। नाटो मिशन के तहत पुर्तगाल के 200 से भी कम सैनिक काबुल हवाईअड्डे पर तैनात थे। वे मई के अंत में वहां से वापस आ गए थे।
Aug 16, 20214:04 PM (IST)Posted by Gaurav Shukla
भारत स्थित अफगान दूतावास का टि्वटर एकाउंट हैक: अधिकारी
नयी दिल्ली: भारत स्थित अफगान दूतावास के एक अधिकारी ने सोमवार को कहा कि राजनयिक मिशन का टि्वटर एकाउंट हैक हो गया है। अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश छोड़ने पर यहां स्थित अफगान दूतावास के टि्वटर हैंडल से उनके खिलाफ विभिन्न ट्वीट जारी होने के बाद अधिकारी ने यह बात कही। अफगान दूतावास के प्रेस सचिव अब्दुलहक आजाद ने अपने व्यक्तिगत ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया कि वह मिशन के आधिकारिक टि्वटर हैंडल से नियंत्रण खो चुके हैं। उन्होंने अपने ट्वीट के साथ गनी की आलोचना से संबंधित एक संदेश का स्क्रीनशॉट भी साझा किया। आजाद ने कहा, ‘‘अफगानिस्तान (दूतावास) के ट्विटर हैंडल तक मेरी पहुंच नहीं हो पा रही। एक मित्र ने इस ट्वीट का स्क्रीनशॉट भेजा है (यह ट्वीट मैं नहीं देख पा रहा हूं)। मैंने लॉग इन करने की कोशिश की है, लेकिन नहीं कर पा रहा। प्रतीत होता है कि यह हैक हो गया है।’’ गनी की आलोचना करने वाले ट्वीट बाद में हटा दिए गए। राजधानी काबुल सहित पूरे अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बीच गनी और उनके करीबी लोगों ने रविवार को अफगानिस्तान छोड़ दिया। गनी के देश छोड़ने पर देश के विभिन्न नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
Aug 16, 20213:56 PM (IST)Posted by Yashveer Singh
पुर्तगाल 243 अफगान नागरिकों और उनके परिजनों को अपने यहां रखने को तैयार
पुर्तगाल के रक्षा मंत्री ने कहा कि उनका देश अफगानिस्तान में तैनात पुर्तगाली बलों के साथ काम करने वाले 243 अफगान नागरिकों और उनके परिवारों को अपने यहां रखने को तैयार है। रक्षा मंत्री जोआओ गोम्स क्राविन्हो ने कहा कि नाटो अफगान नागरिकों को निकालने में समन्वय कर रहा है क्योंकि पुर्तगाल की ऐसा करने की सैन्य क्षमता नहीं है। उन्होंने सार्वजनिक प्रसारक आरटीपी को रविवार को बताया कि उन्हें किसी पुर्तगाली नागरिक के अफगानिस्तान में रहने के बारे में जानकारी नहीं है। नाटो मिशन के तहत पुर्तगाल के 200 से भी कम सैनिक काबुल हवाईअड्डे पर तैनात थे। वे मई के अंत में वहां से वापस आ गए थे।
Aug 16, 20213:54 PM (IST)Posted by Gaurav Shukla
पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के लिए उड़ानें रोकी
इस्लामाबाद: पाकिस्तान की सरकारी विमानन कंपनी ने कहा कि उसने अफगानिस्तान में 'अनिश्चित सुरक्षा स्थिति' को देखते हुए काबुल के लिए सभी उड़ानें रोक दी है। कंपनी के प्रवक्ता अब्दुल्ला हफीज ने सोमवार को कहा कि पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस ने अफगान नागरिक उड्डयन अधिकारियों से चर्चा करने के बाद यात्रियों, चालक दल और विमानों की सुरक्षा करने का फैसला किया। उल्लेखनीय है कि काबुल स्थित विभिन्न दूतावास अपने कर्मचारियों और अफगान कर्मियों को हवाई अड्डे के रास्ते निकालने की कोशिश कर रहे हैं। तालिबान ने रविवार को पश्चिमी देश समर्थित दो दशक पुरानी सरकार को हटाकर राजधानी काबुल पर कब्जा कर लिया था। सोशल मीडिया पर आई तस्वीरों में पूरी रात काबुल हवाई अड्डे पर अफरा-तफरी का माहौल दिखा, गोलियों की आवाज के बीच भयभीत सैकड़ों अफगान नागरिकों को बदहवास भागते हुए देखा गया। सुबह, नागरिक उड्डयन अधिकारियों ने घोषणा की कि हवाई अड्डे के नागरिक उड्डयन वाले हिस्से को अगली सूचना तक बंद कर दिया गया है। सोमवार सुबह ‘फ्लाइट ट्रैकिंग डाटा’ के मुताबिक कोई भी वाणिज्यिक उड़ान अफगानिस्तान के ऊपर से नहीं गयी।
Aug 16, 20213:52 PM (IST)Posted by Yashveer Singh
पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के लिए उड़ानें रोकी
पाकिस्तान की सरकारी विमानन कंपनी ने कहा कि उसने अफगानिस्तान में ‘ अनिश्चित सुरक्षा स्थिति’ को देखते हुए काबुल के लिए सभी उड़ानें रोक दी है। कंपनी के प्रवक्ता अब्दुल्ला हफीज ने सोमवार को कहा कि पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस ने अफगान नागरिक उड्डयन अधिकारियों से चर्चा करने के बाद यात्रियों, चालक दल और विमानों की सुरक्षा करने का फैसला किया। उल्लेखनीय है कि काबुल स्थित विभिन्न दूतावास अपने कर्मचारियों और अफगान कर्मियों को हवाई अड्डे के रास्ते निकालने की कोशिश कर रहे हैं।
Aug 16, 20213:39 PM (IST)Posted by Yashveer Singh
अफगानिस्तान मामले पर भारत की अध्यक्षता में संरा सुरक्षा परिषद की बैठक होगी
अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के मद्देनजर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) सोमवार को भारत की अध्यक्षता में अफगानिस्तान में हालात पर आपात बैठक करेगी। एक हफ्ते में सुरक्षा परिषद की यह दूसरी बैठक होगी। अफगानिस्तान में लंबे समय से चले आ रहे युद्ध में रविवार को एक महत्वपूर्ण मोड़ आया जब तालिबान के चरमपंथियों ने राजधानी काबुल में प्रवेश कर राष्ट्रपति भवन पर कब्जा कर लिया और राष्ट्रपति अशरफ गनी को देशी-विदेशी नागरिकों के साथ देश छोड़कर जाना पड़ा। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी एस तिरुमूर्ति ने ट्वीट किया, ‘‘संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अफगानिस्तान मामले पर बैठक होगी। भारत की अध्यक्षता में 16 अगस्त को अफगानिस्तान पर ब्रीफिंग एवं विचार विमर्श होगा। संरा महासचिव एंतोनियो गुतारेस यूएनएससी को जानकारी देंगे।’’
Aug 16, 20213:36 PM (IST)Posted by Yashveer Singh
अंतरराष्ट्रीय समुदाय को अफगानिस्तान के साथ संपर्क में रहना चाहिए- पाकिस्तान
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने सोमवार को कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को अफगानिस्तान के संपर्क में रहना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने जोर दिया कि युद्धग्रस्त पड़ोसी देश में राजनीतिक समाधान लाने के प्रयास में पाकिस्तान अपना सहयोग जारी रखेगा।
Aug 16, 20212:57 PM (IST)Posted by Yashveer Singh
ओमान पहुंचे अब्दुल गनी, कहा जा रहा है कि वो यहां से अमेरिका जाएंगे।
Aug 16, 20212:56 PM (IST)Posted by Yashveer Singh
गनी की आलोचना वाले ट्वीट पर अफगान दूतावास के अधिकारी की सफाई- अकाउंट हैक हुआ था
अफगान दूतावास के अधिकारी ने उसके ट्विटर हैंडल से देश छोड़कर चले गए राष्ट्रपति अशरफ गनी की आलोचना करते हुए किए गए कई ट्वीट पर अकाउंट हैक होने की आशंका जताई है। नयी दिल्ली स्थित अफगान दूतावास के प्रेस सचिव अब्दुलहक आजाद ने ट्वीट किया कि उन्होंने मिशन के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर नियंत्रण खो दिया है। इसके साथ ही उन्होंने एक ट्वीट का स्क्रीनशॉट साझा किया जिसमें देश छोड़ने पर गनी की आलोचना की गई थी।
Aug 16, 20212:30 PM (IST)Posted by Yashveer Singh
कल काबुल में तालिबानियों से मिलेंगे रूस के राजदूत
Aug 16, 20212:29 PM (IST)Posted by Yashveer Singh
काबुल की सड़कों पर पेट्रोलिंग कर रहे हैं तालिबान के लड़ाके
Aug 16, 20212:28 PM (IST)Posted by Yashveer Singh
अफगानिस्तान के तालिबानियों से दोस्ताना संबंध बनाने के पक्ष में चीन
Aug 16, 20212:07 PM (IST)Posted by Yashveer Singh
अफगानिस्तान में गुरुद्वारे में फंसे भारतीयों को निकालने के लिये कैप्टन ने विदेश मंत्री से आग्रह किया
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सोमवार को केंद्र सरकार से अफगानिस्तान के एक गुरुद्वारे में फंसे 200 सिखों समेत सभी भारतीयों को निकालने का आग्रह किया है और कहा है कि इसमें उनकी सरकार हर प्रकार की मदद देने के लिये इच्छुक है । अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर रविवार को तालिबान का कब्जा होने से कुछ ही पहले राष्ट्रपति अशरफ गनी देश छोड़ कर चले गये और इसके बाद इस मुल्क का भविष्य अनिश्चित हो गया है।
Aug 16, 20211:32 PM (IST)Posted by Yashveer Singh
‘बड़ी मानवीय आपदा’ से बचने के लिए अफगानिस्तान छोड़ा: राष्ट्रपति अशरफ गनी
अशरफ गनी ने कहा है कि वह काबुल छोड़कर इसलिए चले गए ताकि वहां खून-खराबा और ‘बड़ी मानवीय त्रासदी’ न हो। उन्होंने तालिबान से कहा कि वह अपने इरादे बताए और देश पर उसके कब्जे के बाद अपने भविष्य को लेकर अनिश्चय की स्थिति में आए लोगों को भरोसा दिलाए।
Aug 16, 20211:26 PM (IST)Posted by Yashveer Singh
प्रधानमंत्री ‘चुप्पी’ तोड़ें- कांग्रेस
कांग्रेस ने अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद पैदा हुए हालात पर चिंता व्यक्त करते हुए सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर को ‘रहस्यमयी चुप्पी’ तोड़कर देश को यह बताना चाहिए कि इस पड़ोसी देश को लेकर उनकी आगे की क्या रणनीति है तथा वहां से भारतीय राजनयिकों एवं नागरिकों की सुरक्षित वापसी की क्या योजना है।
Aug 16, 20211:24 PM (IST)Posted by Yashveer Singh
भारत में रह रहे अफगानियों को सता रही है अपनों की चिंता
Aug 16, 20211:15 PM (IST)Posted by Yashveer Singh
Aug 16, 20211:14 PM (IST)Posted by Yashveer Singh
एअर इंडिया ने अफगान हवाई क्षेत्र से बचने के लिए शिकागो-दिल्ली उड़ान का मार्ग बदला
एअर इंडिया ने सोमवार को कहा कि उसने अपनी शिकागो-दिल्ली उड़ान का मार्ग बदलकर उसे संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में शारजाह की ओर मोड़ दिया है ताकि अफगानिस्तान के हवाई क्षेत्र में प्रवेश से बचा जा सके। इससे पहले काबुल हवाई अड्डे के अधिकारियों ने कहा था कि अफगानिस्तान का हवाई क्षेत्र ‘अनियंत्रित’ है।
अधिकारियों ने बताया कि शिकागो-दिल्ली की उड़ान विमान में ईंधन भरवाने के लिए शारजाह में उतरेगी। इसके बाद उड़ान दिल्ली के लिए रवाना होगी और वह अफगान हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल नहीं करेगी। काबुल को तालबानियों द्वारा घेरने के बाद अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने देश छोड़ दिया था और अफगानिस्तान भविष्य अब अनिश्चित है।
Aug 16, 20211:05 PM (IST)Posted by Yashveer Singh
अफगानिस्तान में फंसे सिख समुदाय से Exclusive बातचीत
Aug 16, 20211:05 PM (IST)Posted by Yashveer Singh
Aug 16, 20211:04 PM (IST)Posted by Yashveer Singh
सऊदी अरब ने अफगानिस्तान से अपने नागरिकों को निकाला, न्यूजीलैंड ने भेजा विमान
सऊदी अरब ने कहा कि उसने काबुल में अपने दूतावास से सभी राजनयिकों को निकाल लिया है, वहीं न्यूजीलैंड सरकार भी देश से अपने लोगों की निकासी के लिए विमान भेज रही है। सऊदी अरब ने कहा कि बदलते जमीनी हालात के मद्देनजर उसने रविवार को काबुल में अपने दूतावास से सभी कर्मियों को निकाल लिया है। अफगानिस्तान की राजधानी पर तालिबान के कब्जे के बाद कई अन्य देशों ने वहां स्थित अपने दूतावास बंद कर दिए हैं। न्यूजीलैंड की सरकार ने कहा कि अफगानिस्तान से न्यूजीलैंड के 53 नागरिकों और देश के सैनिकों के मददगार रहे अनेक अफगानी लोगों एवं उनके परिवारों को निकालने के लिए वह सी-130 हरक्युलिस सैन्य परिवहन विमान भेज रहा है।
Aug 16, 20211:04 PM (IST)Posted by Yashveer Singh
तालिबान के आश्वासन के बावजूद अफगान नागरिकों को बर्बर शासन लौटने का भय
अफगानिस्तान में तालिबान ने देश में शांति का नया युग लाने का वादा किया है, लेकिन अफगाान इससे आश्वस्त नहीं है और उनके दिलों में तालिबान का पुराना बर्बर शासन लौटने का भय है। जिन लोगों को तालिबान का शासन याद है और जो लोग तालिबान के कब्जे वाले इलाकों में रह चुके हैं वे तालिबान के भय से वाकिफ हैं। जिन इलाकों में तालिबान ने हाल में कब्जा किया है वहां सरकारी कार्यालय, दुकानें, स्कूल आदि अब भी बंद हैं और नागरिक छिपे हुए हैं या फिर राजधानी काबुल जा रहे हैं। देश में तालिबान के कट्टर शरिया शासन लौटने की आहटें सुनाई देने लगी हैं, जिसके तले देश की जनता ने 1996 से 2001 का वक्त बिताया था। 9/11 हमले के बाद अमेरिका ने अफगानिस्तान से तालिबान शासन को समाप्त किया।
Aug 16, 20211:03 PM (IST)Posted by Yashveer Singh
से चेक की उड़ान कर्मियों एवं अफगान नागरिकों को लेकर रवाना हुई
अफगानिस्तान से चेक देश की पहली उड़ान अपने कर्मियों एवं अफगान नागरिकों को लेकर काबुल अंततराष्ट्रीय हवाई अड्डे से रवाना हुई और प्राग में उतरी। प्रधानमंत्री आंद्रेज बबिज़ ने कहा कि सोमवार को पहुंची उड़ान में 46 लोग सवार थे। इनमें चेक के नागरिक, चेक दूतावास में अफगान कर्मी और अफगान अनुवादक जिन्होंने नाटो मिशन के दौरान चेक सशस्त्र बलों की मदद की थी और उनके परिवार शामिल थे।
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