Friday, November 22, 2024
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सेना के बेडे में शामिल हुईं K-9 वज्र, एम 777 होवित्जर, कार्यक्रम में शामिल हुईं रक्षा मंत्री

रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत इन तोपों को आधिकारिक तौर पर सेना में शामिल किया। आधुनिक तकनीक से लैस ये हॉवित्जर तोप रासायनिक-जैविक खतरे को भांपने में सक्षम है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: November 09, 2018 12:39 IST
सेना के बेडे में शामिल हुईं K-9 वज्र, एम 777 होवित्जर, कार्यक्रम में शामिल हुईं रक्षा मंत्री- India TV Hindi
सेना के बेडे में शामिल हुईं K-9 वज्र, एम 777 होवित्जर, कार्यक्रम में शामिल हुईं रक्षा मंत्री

नयी दिल्ली: भारतीय सेना की ताकत में और इजाफा हो गया है। सेना के बेड़े में एम-777 अल्ट्रालाइट होवित्जर तोप और K-9 वज्र तोप शामिल हो गए हैं। महाराष्ट्र के देवलाली में आज रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत इन तोपों को आधिकारिक तौर पर सेना में शामिल किया। आधुनिक तकनीक से लैस ये हॉवित्जर तोप रासायनिक-जैविक खतरे को भांपने में सक्षम है। नाइट विजन कैपेबिलिटीज से लैस इस तोप में 155 एमएम की गन का इस्तेमाल होता है। इस तोप की मारक क्षमता 40 से 50 किलोमीटर तक है। पाकिस्तान और चीन सीमा पर बढ़ती चुनौतियों को देखते हुए इन तोपों की महत्ता बढ़ जाती है। करगिल युद्ध के समय भी काफी ऊंचाई पर बैठे दुश्मनों को निशाना बनाने के लिए ज्यादा दमदार तोपों की जरूरत महसूस की गई थी। 

रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल अमन आनंद ने संवाददाताओं से कहा कि K-9 वज्र को 4,366 करोड़ रूपये की लागत से शामिल किया जा रहा है। यह कार्य नवंबर 2020 तक पूरा होगा। कुल 100 तोपों में 10 तोपें प्रथम खेप के तहत इस महीने आपूर्ति की जाएगी। अगली 40 तोपें नवंबर 2019 में और फिर 50 तोपों की आपूर्ति नवंबर 2020 में की जाएगी। 

K-9 वज्र की प्रथम रेजीमेंट जुलाई 2019 तक पूरी होने की उम्मीद है। यह ऐसी पहली तोप है जिसे भारतीय निजी क्षेत्र ने बनाया है। इस तोप की अधिकतम रेंज 28-38 किमी है। यह 30 सेकेंड में तीन गोले दागने में सक्षम है और यह तीन मिनट में 15 गोले दाग सकती है।

थल सेना 145 एम 777 होवित्जर की सात रेजीमेंट भी बनाने जा रही है। प्रवक्ता ने बताया कि सेना को इन तोपों की आपूर्ति अगस्त 2019 से शुरू हो जाएगी और यह पूरी प्रक्रिया 24 महीने में पूरी होगी। प्रथम रेजीमेंट अगले साल अक्टूबर तक पूरी होगी। इस तोप की रेंज 30 किमी तक है। इसे हेलीकॉप्टर या विमान के जरिए वांछित स्थान तक ले जाया जा सकता है।

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