नई दिल्ली: डाटा चोरी रोकने को लेकर सरकार सख्त कानून बनाने जा रही है। इस संदर्भ में जस्टिस बीएन श्रीकृष्ण कमेटी ने अपनी रिपोर्ट शुक्रवार को सरकार को सौंप दी। जस्टिस श्रीकृष्णा और आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इसकी जानकारी एक कॉन्फ्रैंस के जरिए दी। डाटा लीक की कई घटनाओं के बाद काफी समय से इस रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा था। इस रिपोर्ट के आधार पर ही सरकार संसद में कानून बनाने का विधेयक पेश करेगी। इस कानून में के अनुसार ही अगर किसी व्यक्ति को अपने डेटा को लेकर किसी कंपनी से शिकायत है तो उसका निपटारा कैसे होगा इस बात का निपटारा किया गया है। इसमें डेटा प्रोटेक्शन ऑफिसर, डेटा प्रोटेक्शन अथॉरिटी और एपीलेट ट्रिब्यूनल भी होगा। इससे ऊपर सुप्रीम कोर्ट में भी अपील की जा सकती है। अगर कोई कंपनी डेटा प्रोटेक्शन के नियम तोड़ती है तो उस पर जुर्माना लगाया जाएगा। इसके अलावा उस पर आपराधिक मुकदमा भी चलाया जा सकता है।
इस रिपोर्ट में नागरिकों को डेटा को रिकॉल करने का अधिकार और डेटा पोर्टेबिलिटी की सुविधा भी रहेगी। कमेटी ने डेटा को प्रॉपर्टी की तरह ट्रीट नहीं किया है। रिपोर्ट में ऐसे प्रावधान भी है जिसमें ग्राहक अगर अपने डेटा के उपयोग की मंजूरी न दे तो क्या होगा। जस्टिस श्रीकृष्णा के मुताबिक ये नया कानून सभी डेटा कंपनियों पर लागू होगा। वहीं आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद के मुताबिक इस डेटा प्रोटेक्शन कमेटी की रिपोर्ट पर अभी सभी की राय ली जाएगी। इसके बाद ये कैबिनेट में जाएगा। इसके बाद ये संसद में जाएगा। संसद इसको पास भी कर सकती है और स्टैंडिंग कमेटी को भी भेज सकती है।