नई दिल्ली: जस्टिस जे चेलमेश्वर ने रिटायर होने के मौके पर उनके सम्मान में 18 मई को सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित किए जा रहे विदाई कार्यक्रम का निमंत्रण अस्वीकार कर दिया है। जस्टिस चेलमेश्वर 22 जून को रिटायर हो रहे हैं। बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने बताया कि जस्टिस चेलमेश्वर ने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुये उनका निमंत्रण अस्वीकार कर दिया। जस्टिस चेलमेश्वर के नेतृत्व में 12 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट के 4 वरिष्ठतम जजों की प्रेस कॉन्फ्रेंस में चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा पर लगाए गए आरोपों के बाद से ही वे विवादों में घिरे हुए हैं। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन बी लोकूर और जस्टिस कुरियन जोसेफ ने भी हिस्सा लिया था।
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विकास सिंह ने बताया कि जस्टिस चेलमेश्वर से एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने उन्हें 18 मई को विदाई समारोह में आमंत्रित करने के लिये पिछले सप्ताह मुलाकात की थी। सुप्रीम कोर्ट में ग्रीष्मावकाश शुरू होने से पहले 18 मई अंतिम कार्य दिवस है। सिंह ने कहा,‘उन्होंने विदाई कार्यक्रम का निमंत्रण अस्वीकार कर दिया है।’ उन्होंने बताया कि एसोसिएशन की कार्य समिति के सदस्यों ने आज एक बार फिर उनसे विदाई समारोह में शामिल होने का अनुरोध किया परंतु व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए उन्होंने इसके लिए अपनी सहमति नहीं दी। जस्टिस चेलमेश्वर ने बार एसोसिएशन के सदस्यों को बताया कि उनका जब आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट से दूसरे हाई कोर्ट में ट्रांसफर हुआ था तो उस वक्त भी उन्होंने विदाई कार्यक्रम में शामिल होने का निमंत्रण स्वीकार नहीं किया था।
एसोसिएशन के सचिव विक्रांत यादव ने बताया कि जस्टिस चेलमेश्वर से आज उनके निवास पर बार के सदस्यों ने मुलाकात की लेकिन उन्होंने अपने विदाई कार्यक्रम का निमंत्रण स्वीकार नहीं किया। जस्टिस चेलमेश्वर आज न्यायिक कार्य के लिए शीर्ष अदालत नहीं आए थे। इस वजह से वह लगातार तीसरी बार जजों के पारंपरिक बुधवार के दोपहर भोज में भी शामिल नहीं हो सके थे। जजों के प्रत्येक बुधवार को होने वाले सामूहिक भोजन कार्यक्रम में बारी-बारी से सभी जज अपने गृह राज्य के व्यंजन घर से लाते हैं।